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26 मिनट पहले
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12 जुलाई को ओडिशा के बालासोर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में खुद को आग लगाने वाली छात्रा ने 14 जुलाई की देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया। छात्रा ने कॉलेज के एक असिस्टेंट प्रोफेसर के सेक्शुअल हैरेसमेंट से तंग आकर खुद पर केरोसिन छिड़क लिया था और प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर खुद को आग लगा ली थी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, छात्रा कॉलेज में बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। छात्रा का कहना था कि असिस्टेंट प्रोफेसर समीर कुमार साहू ने उससे कॉलेज के गार्डन के पास संबंध बनाने की मांग की थी। जब छात्रा ने इसका विरोध किया तो प्रोफेसर ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। छात्रा की शिकायत थी कि प्रोफेसर उसे फेल कर साल खराब करने की धमकी देता था।

एमपी-असम में भी टीचर्स के खिलाफ हैरेसमेंट के आरोप
हाल ही में एमपी की रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के वीसी पर भी एक महिला अधिकारी ने आपत्तिजनक कमेंट और इशारों की शिकायत की थी। एमपी हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए SIT गठित की है।
असम में एक असिस्टेंट प्रोफेसर प गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते उसे एक महीने के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया और मामले की जांच शुरू की गई।
UGC ने भी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को चेताया
जून महीने में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी UGC ने देश के सभी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को निर्देश दिया कि वो कैंपस में सेक्शुअल हैरेसमेंट को लेकर अपनी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करें और इसकी जानकारी SAKSHAM पोर्टल और यूनिवर्सिटी एक्टिविटी मॉनिटरिंग पोर्टल पर अपलोड करें। UGC ने देशभर के कैंपसेज में बढ़ रही सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ये निर्देश जारी किया था।
कानूनी मदद जितना ही जरूरी मेंटल सपोर्ट- एक्सपर्ट
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट और साइकोलॉजिस्ट सोनम छतवानी कहती हैं कि ऐसे केसेज में विक्टिम की कानूनी मदद जितना ही जरूरी मेंटल सपोर्ट भी है। अधिकांश मामलों में शिकायत करने के लिए खुद को तैयार करना भी लड़कियों के लिए बड़ी चुनौती होता है।

खुद पर गुस्सा न निकालें- एक्सपर्ट
डॉ सोनम कहती हैं- ‘विक्टिम अक्सर सिस्टम से फेल्योर का गुस्सा खुद पर निकालते हैं। ऐसा तब होता है जब उन्हें सिस्टम से किसी भी तरह की मदद मिलने की उम्मीद खत्म हो जाती है। इस केस में भी स्टूडेंट ने कॉलेज प्रशासन और पुलिस से हारकर खुद को आग लगा ली।
ऐसे में जरूरी है किसी भरोसेमंद व्यक्ति से हमेशा संपर्क में रहें। प्रोफेशनल थेरेपी लें। कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पेशेंस रखना बहुत जरूरी है।

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