

shani sadesati ka vrishichik rashi pr prbhav
शनि साढ़े साती का वृश्चिक राशि के लिए प्रभाव साढ़ेसाती एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय सिद्धांत है जो कि शनि ग्रह के प्रभाव के आधार पर बनती है। इस सिद्धांत के अनुसार, जातक की साढ़ेसाती तब आरम्भ होगी जब शनि गोचर होकर तुला राशि पर आएगा I ये साढ़ेसाती तब तक रहेगी जब तक शनि गोचर होकर

tula rashi pr shani ka prbhav
तुला राशि के लिए शनि की साढ़े साती का प्रभाव साढ़ेसाती एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय सिद्धांत है, जो शनि ग्रह के प्रभाव को दर्शाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शनि, किसी व्यक्ति की चंद्र राशि से एक राशि पहले, चंद्र राशि के समान और एक राशि बाद में आता है। इस प्रक्रिया में

shiv chalisa
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ११ शिव चालीसा- Shiv Chalisa ११ ||दोहा|| जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला ।सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर

Hanumaan Chalisa
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ IIहनुमान चालीसा Hanuman Chalisa II दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार

shani chlisa
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ IIश्री शनि चालीसा II दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल करण कृपाल । दीनन के दुख दूर करि कीजै नाथ निहाल ॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु सुनहु विनय महाराज । करहु कृपा हे रवि तनय राखहु जनकी लाज ॥ जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥ चारि भुजा तनु

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव
Shani Sadesati on Aquarius-कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती शनि ग्रह, जिसे ज्योतिषशास्त्र में न्याय और अनुशासन का प्रतिनिधि माना जाता है, का व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। यह ग्रह विशेष रूप से कर्म, समय और सच्चाई से जुड़ा होता है। शनि की साढ़ेसाती एक विशिष्ट ज्योतिषीय अवधारणा है, जो तब प्रारंभ होती

Health Benefits of Rudraksha
Introduction to Rudraksha रुद्राक्ष, एक विशेष प्रकार का बीज है, जिसका महत्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं में अत्यधिक है। यह बीज घने वन क्षेत्रों में पाया जाता है। रुद्राक्ष का नाम संस्कृत के ‘रुद्र’ और ‘अक्ष’ से लिया गया है, जहाँ ‘रुद्र’ का अर्थ भगवान शिव से है और ‘अक्ष’ का अर्थ अनंतता या

Coral gemstone and method of wearing it
मूंगा रतन का परिचय-Introduction of coral gemstone मूंगा रतन, जिसे आमतौर पर कोरल के नाम से जाना जाता है, एक प्राकृतिक रत्न है जो समुद्री जीवों से प्राप्त होता है। यह रत्न ज्योतिष विज्ञान और वैदिक चिकित्सा में संभावित उपचारात्मक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। मूंगा का मुख्य रूप से लाल रंग होता है, जिसे