[ad_1]
वाराणसी में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ केस चलेगा। वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने सोमवार को पूर्व प्रधान की ओर से दायर याचिका स्वीकार कर ली। राहुल गांधी पर अमेरिका में सिखों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
.
कोर्ट में यह याचिका तिलमापुर के पूर्व प्रधान नागेश्वर मिश्रा ने दायर की थी। वाराणसी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने 28 नवंबर, 2024 को उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने MP-MLA कोर्ट ने याचिका दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
अब जज यजुवेंद्र विक्रम सिंह की कोर्ट में अगली तारीख पर सुनवाई शुरू होगी।
अब जानिए पूरा मामला

राहुल गांधी ने 10 सितंबर, 2024 को अमेरिका में सिखों को लेकर बयान दिया था।
सिख सम्प्रदाय के लोगों की भावनाएं आहत सारनाथ थाना क्षेत्र के तिलमापुर में रहने वाले पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने MP-MLA कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दाखिल की।
याचिका में नागेश्वर मिश्र ने बताया कि पिछले दिनों कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका दौरे पर भड़काऊ बयान दिया था। इस बयान से सिख सम्प्रदाय के करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। राहुल ने कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने का अधिकार नहीं है। ना ही उन्हें गुरद्वारा में जाने की इजाजत है।
इस बयान का खालिस्तानी आतंकवादी गुरुवंत सिंह पन्नू ने भी समर्थन किया है। उनके बयान से यह लगता है कि उनका मिशन भारत में गृहयुद्ध भड़काने का है। पूर्व प्रधान की ओर से कोर्ट में एडवोकेट विवेक शंकर तिवारी और अलख राय ने दलीलें पेश कीं। सरकारी वकील के तौर पर एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने पक्ष रखा। अभियोजन की ओर से कोर्ट में मामले में अब तक की कार्यवाही पेश की।
क्या बोले राहुल, जिस पर मचा बवाल

राहुल ने कहा था- सिखों को चिंता है कि क्या वे गुरुद्वारे जा सकेंगे 10 सितंबर, 2024 को अमेरिका में राहुल ने कहा था- भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं? क्या वे गुरुद्वारे जा सकेंगे? ये चिंता सिर्फ सिखों की नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।
देश सबका है, यह BJP नहीं मानती। BJP को समझ में नहीं आता कि यह देश सबका है। भारत एक संघ है। संविधान में साफ लिखा है। भारत एक संघ राज्य है, जिसमें विभिन्न इतिहास, परंपराएं, संगीत और नृत्य शामिल हैं। BJP कहती है कि ये संघ नहीं है, ये अलग है।
RSS भारत को नहीं समझती। RSS कहती है कि कुछ राज्य दूसरे राज्यों से कमतर हैं। कुछ भाषाएं दूसरी भाषाओं से, कुछ धर्म दूसरे धर्मों से, कुछ समुदाय दूसरे समुदाय से कम हैं। हर राज्य का अपना इतिहास, परंपरा है।
RSS की विचारधारा में तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी हैं, ये कमतर भाषाएं हैं। इसी बात पर लड़ाई है। RSS भारत को नहीं समझती।
राहुल गांधी ने कहा था- आरक्षण खत्म करने का सही समय नहीं राहुल ने कहा था- आरक्षण खत्म करने का अभी सही समय नहीं। कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपए में से 5 रुपए मिलते हैं और OBC को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है।
भारत के बिजनेस लीडर्स की लिस्ट देखें। मुझे लगता है कि टॉप 200 में से एक OBC है, जबकि वे भारत में 50% हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।
राहुल ने 15 जुलाई को लखनऊ कोर्ट में किया था सरेंडर

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 15 जुलाई को लखनऊ कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके 5 मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर कोर्ट ने उन्हें पेश होने का आदेश दिया था। पिछली 5 सुनवाई के दौरान राहुल हाजिर नहीं हुए थे। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया था।
राहुल के वकील प्रांशु अग्रवाल ने कोर्ट से राहुल की पेशी पर छूट की मांग की थी। मगर कोर्ट ने राहुल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था। कोर्ट गेट पर गाड़ियों का काफिला पहुंचते ही पुलिस ने राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी और आराधना मिश्रा की कार रुकवा दी थी। पुलिस से नोकझोंक के बाद दोनों लोग पैदल चलकर अंदर गए थे।
————————–
ये खबर भी पढ़ें-
IIT-BHU गैंगरेप-4 बार बुलाने पर भी पीड़ित कोर्ट नहीं पहुंची:जज ने जिरह का मौका खत्म किया; अब चश्मदीद गवाह दोस्त को बुलाया

वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट में IIT-BHU गैंगरेप केस की पीड़ित छात्रा सोमवार को भी गवाही देने नहीं पहुंची। इसके बाद कोर्ट ने उसके वकील से कहा- आपको 4 बार मौका दिया गया, इसके बाद भी छात्रा जिरह (सवाल-जवाब) के लिए नहीं आई। इसलिए आपका जिरह का मौका खत्म किया जाता है। पढ़ें पूरी खबर
[ad_2]
Source link