Chandigarh court stays Preity Zinta’s plea | चंडीगढ़ कोर्ट से प्रीति जिंटा को राहत: पंजाब किंग्स की मीटिंग्स में पार्टनर नहीं ले सकेंगे अंतिम फैसला, अगली सुनवाई 7 अगस्त को – Chandigarh News

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फिल्म अभिनेत्री और पंजाब किंग्स टीम की सह-मालकिन प्रीति जिंटा को चंडीगढ़ की अदालत से अस्थायी राहत मिली है। उन्होंने अपनी ही कंपनी केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड के दो साथी डायरेक्टर मोहित बर्मन और नेस वाडिया के खिलाफ शिकायत की थी।

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प्रीति का कहना है कि 21 अप्रैल को जो मीटिंग हुई, वो कंपनी के नियमों के खिलाफ थी, इसलिए उसे रद्द किया जाना चाहिए।

हालांकि, 31 मई को ट्रायल कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद प्रीति ने ऊपरी अदालत में अपील की और मांग की कि जब तक अपील चल रही है, तब तक कंपनी की कोई नई मीटिंग या फैसला ना हो।

कोर्ट ने फिलहाल कहा है कि कंपनी की मीटिंग में लिए गए सभी फैसले प्रीति की अपील और केस के अंतिम फैसले पर निर्भर रहेंगे। यानी, जब तक केस का पूरा फैसला नहीं हो जाता, कोई भी फैसला पक्का नहीं माना जाएगा।

अब अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी। तब तक कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा है कि वे अपने दस्तावेज और जवाब दाखिल करें।

नेस वाडिया के वकील का कहना है कि जब ट्रायल कोर्ट ने केस पहले ही खारिज कर दिया है, तो दोबारा कोई रोक (Stay) नहीं लग सकती।

कोर्ट ने क्या कहा..

कोर्ट ने साफ किया कि अभी सीधे कोई रोक (स्टे) नहीं लगाई जा सकती क्योंकि सभी पक्षों के जवाब और जरूरी दस्तावेज कोर्ट में नहीं आए हैं। लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा कि 7 जुलाई की मीटिंग और उसके बाद लिए गए फैसले अभी मान्य नहीं माने जाएंगे और इन पर कोर्ट के अंतिम फैसले का असर होगा।

निचली अदालत ने याचिका की थी खारिज

दरअसल, प्रीति जिंटा ने कुछ दिन पहले निचली अदालत में याचिका दायर कर 21 अप्रैल 2025 को केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड की हुई एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) को अमान्य घोषित करने की मांग की थी। उनका आरोप था कि यह बैठक कंपनी अधिनियम और नियमों का उल्लंघन कर बुलाई गई थी। साथ ही उन्होंने तत्काल स्टे की अपील भी की थी।

हालांकि, निचली अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जिंटा ने इस आदेश को चैलेंज करते हुए ADJ कोर्ट में अपील की।

मोहित बर्मन और नेस वाडिया पर लगाए आरोप

अपनी याचिका में जिंटा ने सह-निदेशक मोहित बर्मन और नेस वाडिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर यह बैठक बुलाई और उसे संचालित किया। उन्होंने अदालत से कहा कि यदि अपील पर फैसला नहीं लिया गया तो इसका उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।

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