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मुंबई6 मिनट पहले
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महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रदेश में सामने आए हनी ट्रैप कांड में राज्य के मंत्री, वरिष्ठ IAS और IPS अफसर तक शामिल हैं। हनी ट्रैप कांड सिर्फ सतह पर दिख रही बात नहीं है, इसकी जड़ें कहीं गहरी हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस कांड का जो आंकड़ा सरकार बता रही है, वह 72 पर रुकता नहीं है। असल में यह कहीं ज्यादा है। मेरा आंशका है कि हनी ट्रैप के जरिए महाराष्ट्र की कुछ कंपनियों और सामाजिक तंत्रों से जुड़े दस्तावेज गलत हाथों में पहुंच चुके हैं। इससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।’
पटोले ने कहा- मेरे पास पेन ड्राइव में सारे सबूत हैं। हम किसी का निजी चरित्र हनन नहीं करना चाहते, इसी वजह से अब तक इसे पब्लिक नहीं किया है। सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो विपक्ष इसे जनता के सामने लाने को मजबूर होगा।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बुधवार को दावा किया गया था कि 2016 में गिरफ्तार एक महिला पर महाराष्ट्र के कई सीनियर IAS और IPS को हनीट्रैप में फंसाकर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है।
हाल ही में ठाणे के दो सीनियर पुलिस अफसरों ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि महिला ने बलात्कार का आरोप लगाने की धमकी देकर 40-40 लाख रुपए की मांग की थी।

महिला सरकारी अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर लाखों रूपए वसूलती थी।
ऐसे फंसाती थी लोगों को अपने जाल में
यह महिला लोगों को फंसाने के लिए बेहद चालाकी से काम करती थी। वह खुद को एक परेशान पूर्व-पुलिसकर्मी या विधवा बताती थी और लोगों से मदद मांगती थी। फिर वह व्हाट्सएप पर बातें करती, वीडियो कॉल करती और सामने से मिलती ताकि लोगों का विश्वास जीत सके।
इन मुलाकातों के दौरान, वह चुपचाप आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड कर लेती थी। कभी-कभी वह मोबाइल की स्क्रीन रिकॉर्डिंग या छोटे कैमरों का इस्तेमाल करती थी। बाद में इन्हीं रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल वह अधिकारियों को धमकाकर पैसे वसूलने के लिए करती थी, ताकि उनकी बदनामी न हो या उन पर कोई कानूनी कार्रवाई न हो।
बदनामी-नौकरी जाने के डर से अफसर चुप रहते थे
बाद में जब उसे मोटी रकम मिल जाती थी, तो वह या तो आरोपों को वापस ले लेती थी या समझौता कर लेती थी। कई बार तो बेचारे अफसर समाज में बदनामी और नौकरी जाने के डर से चुप ही रह जाते थे। एक मामले में तो, उसने एक IPS अफसर को मदद के बहाने एक होटल के कमरे में बुलाया।
वहां उसने कथित तौर पर कपड़े उतारे और चुपचाप रिकॉर्डिंग कर ली। बाद में इसी रिकॉर्डिंग से उस अफसर से पैसे वसूले। एक और मामले में, एक बड़े अफसर की पत्नी को महिला को पैसे देने पड़े, ताकि उसके पति पर बलात्कार का केस दर्ज न हो।
महाराष्ट्र के कई शहरों में फैला है ठगी का नेटवर्क
सरकारी कागजात बताते हैं कि इस महिला का जाल मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक जैसे बड़े शहरों तक फैला हुआ है। जिन लोगों को उसने शिकार बनाया है, उनमें महाराष्ट्र पुलिस के तीन DCP, कई आबकारी अधिकारी, सीनियर इंस्पेक्टर और असिस्टेंट कमिश्नर भी शामिल हैं।
यह महिला 2016 में भी ठाणे में क्राइम ब्रांच अफसर बनकर उगाही करने की कोशिश में पकड़ी गई थी। लेकिन जेल से छूटने के बाद भी उसने नई पहचान और झूठे दावे करके अपने गलत काम जारी रखे। महिला की जमानत अर्जी को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था, लेकिन उसे बॉम्बे हाई कोर्ट से कुछ समय के लिए राहत मिल गई है।
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