22-year-old Anant created ‘The Special School’ app | 22 साल के अनंत ने बनाया ‘द स्‍पेशल स्‍कूल’ एप: खुद दुलर्भ जन्‍मजात बीमारी से ग्रस्‍त, नाक से लिखते हैं; जानें कंप्‍लीट प्रोफाइल


1 घंटे पहले

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कानपुर के 22 वर्षीय अनंत वैश्य ने ‘द स्पेशल स्कूल’ नामक एक खास एप डेवलप किया है, जो दृष्टिहीन (अंधे), श्रवण बाधित (बहरे), वाक्-बाधित (गूंगे) और शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में मददगार है।

अनंत खुद दुर्लभ जन्मजात आर्थ्रोग्रायपोसिस मल्टीप्लेक्स कॉन्जेनिटा नामक जटिल बीमारी से ग्रस्त हैं, जो मांसपेशियों और जोड़ों की जकड़न का कारण बनती है। वे अपनी नाक के सहारे 170 कैरेक्टर एक मिनट में लिख सकते हैं।

2022 में ‘द स्पेशल स्कूल’ एप तैयार किया

अनंत ने विओलिआ के कोफाउंडर मोहेम्मद मुस्तबा के साथ मिलकर जुलाई 2022 में ‘द स्पेशल स्कूल’ एप तैयार किया। इस एप के जरिए, दिव्यांग बच्चे बिना किसी की सहायता के अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

अनंत ने NCERT के सिलेबस को कन्वर्ट कर माइंड मैप, पॉडकास्ट, गेम्स व क्विज के जरिए देश का पहला ऑनलाइन एप तैयार किया है।

इस एप में कक्षा 1 से 5 तक वी 6 से 12 तक के दिव्यांग बच्चों के लिए उनकी जरूरत के अनुसार नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी NCERT कोर्स को तैयार किया गया है।

अनंत वैश्य एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर, डिजिटल कंटेंट क्रिएटर, स्टार्टअप मेंटर, और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। वे EUPHELITY के संस्थापक और CEO हैं।

अनंत वैश्य एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर, डिजिटल कंटेंट क्रिएटर, स्टार्टअप मेंटर, और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। वे EUPHELITY के संस्थापक और CEO हैं।

मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन सर्टिफाइड है ‘द स्पेशल स्कूल’ एप

‘द स्पेशल स्कूल’ एप को मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन, वॉइस ऑफ स्पेशली एबेल्ड पीपल (VOSAP), ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन और NCERT ने प्रमाणित किया है।

इस एप को भारत में पहला टेक कॉन्क्लेव स्टार्टअप महाकुंभ में बेस्ट ऑडियो एप का खिताब भी दिया गया है। इसे कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटो मिशन की ओर से आयोजित किया गया था।

वॉयस कमांड फीचर पर काम करता है एप

‘द स्पेशल स्कूल’ एप में वॉयस कमांड फीचर शामिल है और ये एक माइक के जरिए ऑपरेट होता है। इसमें हर डिसेबिलिटी के हिसाब से इंटरफेस को रखा गया है। कोई ब्लाइंड बच्चा है तो उनके लिए यह एप वॉइस पर काम करेगा।

'द स्पेशल स्कूल' एप में बच्चे गेम्स और क्विज के जरिए भी सीख सकते हैं।

‘द स्पेशल स्कूल’ एप में बच्चे गेम्स और क्विज के जरिए भी सीख सकते हैं।

इसी तरह जिन्हें सुनाई नहीं देता या जिन्हें दिखाई नहीं देता उनके लिए मन मैच का फीचर भी इसमें इंस्टॉल किया गया है। यह एप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है।

वर्तमान में, इस एप का उपयोग लगभग 400 बच्चे कर रहे हैं और कानपुर के 3 विशेष स्कूलों में इसे लागू किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस एप के विस्तार के लिए अनंत को वित्तीय सहायता भी प्रदान की है।

ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी नाम के स्टार्टअप की शुरू किया

साल 2018 में उन्होंने ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की थी। जिसमें इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के साथ पॉलिटिक्ल डोनेशन को ट्रैक करने का काम करते थे। वर्ष 2019 में इलेक्शन कमीशन ने स्टार्टअप को अपने अंडरटेकिंग में ले लिया था।

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