राहुल गांधी आज दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस को लेकर अहम बैठक करेंगे। इसके लिए उन्होंने हरियाणा के 22 जिलों में तैनात केंद्रीय पर्यवेक्षकों को बुलाया है।
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बैठक में राहुल गांधी इन पर्यवेक्षकों से उनके जिलों की समस्याओं, कांग्रेस में चल रही गुटबाजी और जिलाध्यक्ष बनने के दावेदारों को लेकर चर्चा करेंगे।
इसके अलावा, वह यह भी जानना चाहेंगे कि कहीं किसी नेता ने पर्यवेक्षकों पर दबाव तो नहीं बनाया। कुछ जिलों में अनुशासन की कमी और आपसी झगड़ों की भी शिकायतें मिली हैं, जिन पर राहुल गांधी फीडबैक लेंगे और जरूरी फैसले ले सकते हैं।

राहुल गांधी हरियाणा में संगठन को लेकर चंडीगढ़ आ चुके हैं।
संगठन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
राहुल गांधी ने कांग्रेस जिलाध्यक्षों की चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए हर जिले में एक केंद्रीय पर्यवेक्षक को जिम्मेदारी सौंप रखी है। हरियाणा कांग्रेस कमेटी की ओर से केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ तीन-तीन राज्य पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।
हालांकि इन राज्य स्तरीय पर्यवेक्षकों की कांग्रेस जिलाध्यक्षों के पैनल तैयार कराने में कोई खास भूमिका नहीं है, लेकिन जिलों में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ मौजूद रहकर राज्य पर्यवेक्षक आकाओं को पूरी रिपोर्ट दे रहे हैं।
30 जून तक देना होगा पैनल
हरियाणा के सभी 22 जिलों के लिए नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक अपने-अपने कार्यक्षेत्र वाले जिलों में एक-एक बार दौरा कर चुके हैं। राहुल गांधी के साथ मीटिंग के बाद उनके दूसरे दौर के दौरे चालू होंगे। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने सभी केंद्रीय पर्यवेक्षकों को 30 जून तक जिलाध्यक्षों के लिए छह-छह नामों के पैनल तैयार करने के निर्देश दे रखे हैं।
यह पैनल न तो प्रभारी को सौंप जाएंगे और न ही कांग्रेस के किसी केंद्रीय नेता को मिलेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सभी पैनल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की एक विशेष मेल पर भेजने के निर्देश दे रखे हैं।
प्रभारी भी कर रहे हैं जिलों का दौरा
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने राहुल गांधी के साथ केंद्रीय पर्यवेक्षकों की बैठक को पुष्टि की है। प्रभारी स्वयं भी प्रदेश के दौरे पर हैं। प्रभारी अब तक सात जिलों नूंह, महेंद्रगढ़-नारनौल, यमुनानगर, जींद, रोहतक, हिसार व पंचकूला का दौरा कर चुके हैं।
आधा दर्जन से अधिक जिलों में प्रभारी के दौरे 26 से 30 जून के बीच होंगे। मानीटरिंग की दृष्टि से राज्य के 12 जिलों की कमान सह प्रभारी जितेंद्र बघेल के पास है, जबकि 10 जिलों की मानीटरिंग का काम दूसरे सह प्रभारी प्रफुल्ल गुडचे संभाले हुए हैं।

हरियाणा में 11 साल बाद संगठन को खड़ा करने के लिए इस अभियान को संगठन सृजन अभियान नाम दिया है।
जिलाध्यक्षों के बाद प्रदेश अध्यक्ष पर फैसला
कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जिलाध्यक्षों की चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही की जाएगी। राहुल गांधी के चंडीगढ़ दौरे के दौरान इस बात के संकेत मिले थे कि जिलाध्यक्षों की घोषणा से पहले प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने तय किया है कि पहले जिलाध्यक्षों के नाम घोषित होंगे, उसके बाद ही प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा के बाद कांग्रेस हाईकमान विधायक दल के नेता के नाम पर विचार करेगी। जातीय समीकरणों की ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय किया जाएगा।