पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को धमकी देने वाले को पुलिस ने शनिवार को सीवान के दरौली से गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम राकेश कुमार है। वो उपेंद्र कुशवाहा का समर्थक है।
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पुलिस की पूछताछ में राकेश ने बताया- ‘मैं हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाह की पॉलिटिकल एक्टिविटी को लेकर खफा चल रहा था। मुझे लग रहा था कि वो NDA से अलग हो सकते हैं। इसलिए मैंने अलग-अलग नंबर से उन्हें धमकी दी।’
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से मिली थी धमकी
दरअसल, कुशवाहा ने गुरुवार की रात 11:31 बजे सोशल मीडिया X पर यह जानकारी दी थी कि ‘धमकी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से दी गई है।’
राज्यसभा सांसद ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘आज रात 8:52 से 9:20 बजे के बीच मुझे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर मोबाइल नंबर +916305129156 और +919229567466 से लगातार 7 धमकी भरे कॉल आए।’
‘मोबाइल नंबर +917569196793 से 8:57 बजे MMS/SMS कर के कहा गया कि अगर राजनीतिक रूप से एक पार्टी विशेष पर बोलते रहे तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। 10 दिनों में खत्म कर देने जैसी बातें भी कही गई।’
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री ने पटना SSP से संज्ञान लेने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
राज्यसभा सांसद ने कहा-

‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की धमकी अस्वीकार्य है। इस पूरे व्यवधान को तुरंत समाप्त किए जाने की अपेक्षा है।
पहले भी धमकी देने के मामले में जेल जा चुका है आरोपी
आरोपी दुबई में भी काम कर चुका है। दिल्ली में भी वो काम के सिलसिले में रह चुका है। दिल्ली में राकेश धमकी देने के मामले में जेल जा चुका है। हालांकि पुलिस इस मामले में अभी ICJS पोर्टल से अधिक जानकारी जुटा रही है।

काली टीशर्ट में धमकी देने वाला आरोपी। पटना पुलिस ने सीवान से इसे गिरफ्तार किया।
साल 2014 में पहली बार सांसद बने उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी राजनीति करियर में 9 बार चुनाव लड़े, जिसमें 7 बार वे चुनाव हारे हैं। दो बार ही उन्होंने चुनाव जीते हैं। पहली बार 2000 में समता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में वैशाली जिले की जंदाहा विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे।
वहीं, दूसरी बार 2014 के लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से जीतकर सांसद बने। हालांकि, 2010 में वे राज्यसभा के सांसद बने और 2021 में विधान परिषद के सदस्य बने थे।

कुशवाहा ने 2005 में नीतीश से अलग होकर बनाई थी समता पार्टी
2005 में नीतीश कुमार से अलग होकर समता नाम की अपनी पार्टी बनाई। 2009 का चुनाव भी इसी पार्टी के बैनर तले लड़े थे। हालांकि, उनके एक भी कैंडिडेट जमानत तक नहीं बचा पाए थे।
2010 में वापस जदयू में शामिल हुए। 2013 में दोबारा नीतीश से अलग होकर रालोसपा नाम से नई पार्टी बनाई। 2014 में एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़े। काराकाट से खुद जीते और मोदी सरकार में मानव संसाधन राज्य मंत्री बने।
5 साल बाद 2019 का चुनाव महागठबंधन के साथ लड़े, लेकिन खुद दो जगह से लड़े और दोनों जगह से हार गए। 2021 में रालोसपा का जदयू में विलय किया।
एक बार फिर जदयू से अलग होकर 2023 में राष्ट्रीय लोक मोर्चा नाम की नई पार्टी बना ली। फिलहाल, उपेंद्र कुशवाहा राज्यसभा सांसद हैं।
पिछले साल पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को भी मिली थी धमकी
पिछले साल पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को जान से मारने की धमकी मिली थी। कॉल करने वाले ने खुद को लॉरेंस विश्नोई गैंग का सदस्य बताया था। धमकी देने वाले शख्स ने पप्पू यादव को सलमान खान मामले से अलग रहने की हिदायत भी दी थी। उसने कॉल पर कहा था, ‘सलमान के मामले से दूर रहो, हम कर्म और कांड दोनों करते हैं।’
धमकी देने वाले का दावा था कि ‘लॉरेंस बिश्नोई जेल में एक लाख रुपए प्रतिघंटा देकर जैमर बंद करवाकर पप्पू यादव से बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पप्पू यादव फोन नहीं उठा रहे थो।’ हालांकि, पूर्णिया पुलिस ने धमकी देने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया था और कहा था सांसद के करीबी ने ही धमकी दी थी।
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