Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. Through self-study and satsang, qualities like faith, love, compassion and patience start developing | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: स्वाध्याय और सत्संग से श्रद्धा, प्रेम, करुणा, धैर्य जैसे गुणों का विकास होने लगता है


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हरिद्वार28 मिनट पहले

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हमारे जीवन पर संगति और स्वाध्याय का विशेष प्रभाव रहता है। जिस प्रकार जल में रहकर मछली को जल का प्रभाव स्वत: ही प्राप्त होता है, ठीक इसी प्रकार जिन लोगों की संगति में हम रहते हैं, उनका प्रभाव हमारे मन, वचन, वाणी, व्यवहार और जीवन पर होता है। इसलिए हमें सत्संग करना चाहिए। सत्संग यानी महापुरुषों का संगत। सत्संग से श्रद्धा, प्रेम, करुणा, धैर्य जैसे गुणों का विकास होने लगता है।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे संदेह कैसे दूर होते हैं?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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