Sawan will start from 11th July, savan month 2025, significance of savan month in hindi, shiv puja tips in hindi | 11 जुलाई से शुरू होगा सावन: भगवान शिव का प्रिय महीना है सावन, शिवलिंग पर चढ़ाएं बिल्व पत्र और चंदन का करें लेप

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52 मिनट पहले

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हिंदू पंचांग का पांचवां महीना सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। इसे ‘शिव जी का प्रिय मास’ माना जाता है। इस महीने में वर्षा, हरियाली और शिव भक्ति का अद्भुत योग बनता है।

पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब हलाहल विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे पी लिया, लेकिन विष को अपने कंठ में रोक लिया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए। विष के कारण शिव जी के शरीर में तेज जलन हो रही थी, जिसे शांत करने के लिए ऋषि-मुनियों और अन्य देवताओं ने शिव जी का ठंडे जल से अभिषेक किया था, जिससे शिव जी की जलन शांत हुई थी। इसी मान्यता की वजह से शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। सावन में वर्षा ऋतु के कारण वातावरण में नमी और ठंडक रहती है, जो कि शिव जी को विशेष प्रिय है। ए

एक अन्य मान्यता है कि सावन मास में देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तप शुरू किया था। इस मान्यता की वजह से भी शिव जी को सावन महीना प्रिय माना जाता है।

सावन में कांवड़ यात्रा करने की परंपरा

सावन में कांवड़ यात्रा करने की परंपरा है। शिवभक्त यानी कांवड़िए गंगा जैसे पवित्र नदियों से जल भरकर पैदल चलकर अपने क्षेत्र के शिवलिंगों पर जलाभिषेक करते हैं। ये यात्रा उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में बड़े धूमधाम से होती है।

शिवलिंग पर चढ़ाएं बिल्व पत्र

सावन में शिव पूजा में बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर जलधारा चढ़ाने के साथ ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए। शिवलिंग पर चंदन का लेप भी करना चाहिए।

ऐसे कर सकते हैं सावन सोमवार का व्रत

  • सोमवार की सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • शिवलिंग का गंगाजल व पंचामृत से अभिषेक करें।
  • बिल्वपत्र, धतूरा, चावल, फल-फूल चढ़ाएं।
  • शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
  • दिन भर फलाहार करें और शाम को कथा व आरती करें।
  • व्रत का पारण अगले दिन करें।

मनचाहा जीवन साथी पाने की कामना से करते हैं सावन में व्रत

सावन का महीना महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर की प्राप्ति हेतु शिव की पूजा करती हैं। इस माह में हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षा बंधन जैसे त्योहार भी आते हैं। महिलाएं इस समय हरी चूड़ियां, हरी साड़ी और मेहंदी लगाकर उत्सव मनाती हैं, जो सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

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