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कल 12 जुलाई को अहमदाबाद विमान दुर्घटना को एक महीना हो जाएगा। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया है। वो पैसेंजर लिस्ट में पैसेंजर नंबर 12 थे।
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विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ ने बताया कि पापा से दुर्घटना से कुछ समय पहले ही बात हुई थी। जैसे ही प्लेन क्रैश की खबर आई तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। वहीं, विजय रूपाणी की बेटी राधिका का कहना है कि मुझे एक बार और अपने पिता के साथ रहने का मौका मिले, तो मैं कुछ भी त्यागने को तैयार हूं।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री के बचपन के किस्से उनके भविष्य के सपनों के साथ ही उनके कई पहलुओं के बारे में बेटे ऋषभ और बेटी राधिका ने सबसे पहले दिव्य भास्कर से बात की।

पिता विजय के साथ बेटी राधिका और बेटे ऋषभ की फाइल फोटो।
बेटा ऋषभ बोला-मैं उस पल को कभी नहीं भूल पाऊंगा बातचीत की शुरुआत करते हुए विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ ने बताया कि मैं उस समय अमेरिका में था। रात को एयर इंडिया से मेरे एक दोस्त का फोन आया। फिर हमें जो भी पहली उड़ान मिली, उससे हम भारत आने के लिए रवाना हो गए। हादसे से कुछ घंटों पहले ही मैंने अपनी मां और बड़ी बहन से फोन पर बात की थी।

बेटी राधिका बोली- मैं मीटिंग में थी और मां का फोन आया विजय रूपाणी की बेटी राधिका ने कहा- मैं उस समय विएना (ऑस्ट्रिया) में थी। मेरे ऑफिस में मीटिंग थी। तभी मेरी मां का फोन आया। उनका कॉल रिसीव करते ही मैंने कहा- मां, मैं मीटिंग में हूं, बाद में फोन करूंगी। उन्होंने मुझे दोबारा फोन किया। थोड़ी चिंता के साथ मैं मीटिंग से बाहर निकली। मां से बात हो पाती कि इससे पहले कि मैं मां से आगे बात करती, चारों तरफ से न्यूज आने लगीं।

बेटा बोला-कुछ देर पहले ही पापा से बात हुई थी
ऋषभ ने कहा कि हमारे परिवार में एक रिवाज है। हम सब रोजाना सुबह-शाम इकट्ठे होते हैं और वीडियो कॉल पर बात करते हैं। उस दिन भी हमने वीडियो कॉल पर बात की। कुछ घंटों पहले ही हमारी बात हुई थी। मेरी बड़ी बहन का लंदन में एक धार्मिक कार्यक्रम भी था, तो हमने उसकी तैयारियों के बारे में भी बात की। हमने इस बारे में भी बात की कि वहां कौन-कौन सी पूजन सामग्री ले जाएंगे।
दादा-पोती रोज फोन पर व्यस्त रहते थे ऋषभ ने आगे बताया कि पापा मेरी बेटी से भी लगातार बात करते थे। वो उनकी लाड़ली थी। जब मेरी बेटी को उनका फोन आता, तो वो सब कुछ भूलकर उनसे देर-देर तक बातें करती रहती थी। यहां तक कि हमारे फोन भी हमसे ये कहकर फोन ले लेती थी कि मुझे अपने दादा से बात करनी है। मेरी बेटी सिर्फ दो साल की है, लेकिन वो उनकी हर बात समझ जाती थी। दादा-पोती रोजाना ही फोन पर बात करते थे।

पूर्व मुख्यमंत्री अपने विजय रूपाणी की पत्नी, बेटा-बेटी और दामाद के साथ तस्वीर। (फाइल फोटो)
राधिका बोलीं- दोबारा पिता का साथ मिले तो सबकुछ त्याग दूं राधिका ने विजय रूपाणी को पिता के रूप में आंकने के सवाल के जवाब में कहा कि अगर मुझे एक बार और अपने पिता के साथ रहने का मौका मिले, तो मैं कुछ भी त्यागने को तैयार हूं। पापा न केवल परिवार के लिए, बल्कि अपने सभी दोस्तों, प्रियजनों और भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी पिता समान थे।

राधिका ने कहा- पापा बहुत दयालु थे पिता के साथ बचपन की एक घटना को याद करते हुए राधिका ने बताया कि जब मैं चार-पांच साल की थी, तब पापा नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। उस समय राजकोट में भारी बारिश हो रही थी। मैं जीप में बैठी थी और उसका वाइपर लगातार घूम रहा था। इसी दौरान, मैने देखा कि पापा डूब रहे एक बाड़े में कूद गए और अंदर जाकर गायों को बचाने लगे। उन्होंने कहा

पापा का दया भावना को मैं आज भी याद करती हूं। जब भी कोई आपदा आती या राहत कार्य होता, पापा तुरंत वहां पहुच जाते थे।
विजय रूपाणी को गाने का बहुत शौक था
राधिका ने आगे कहा कि मुझे याद है जब मैं छोटी थी, तो पापा मुझे सुलाने के लिए ‘सो जा राजकुमारी सो जा..’ गाना सुनाया करते थे। जब वे कहीं बाहर होते थे हमेशा वीडियो कॉल में मुझे यह पूरा गाना सुनाते थे। पापा को गाने का बहुत शौक था। ‘मनुष्य तू बड़ा महान है’, ‘जननी जन्मभूमि’, ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं’ ये सभी उनके पसंदीदा गाने थे।
राधिका ने कहा कि ऋषभ की दो साल की बेटी ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं’ पूरा गाना जानती है। यह गाना उसने पापा से ही सीखा है।
‘PM मोदी ने मां को हिम्मत दी’ राधिका ने आगे कहा कि विमान दुर्घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी 13 जून को हमें सांत्वना देने आए थे। उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों से मुलाकात की और अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। मोदी जी का मेरे माता-पिता से बहुत पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने इस दौरान कहा कि मैं अंजू को विजय से भी पहले से जानता हूं और मां अंजू को हिम्मत रखने के लिए कहा।

विमान दुर्घटना के अगले दिन 13 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूपाणी परिवार से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की थी।
रूपाणी 2027 में पंजाब में भाजपा की सरकार बनाना चाहते थे विजय रूपाणी के कौन से सपने अधूरे रह गए? इसके जवाब में ऋषभ ने कहा कि मेरे पिता पिछले चुनाव में भी पंजाब के संगठन प्रभारी थे। वहां भाजपा की ताकत और वोट शेयर कैसे बढ़ाया जाए और कार्यकर्ताओं को पार्टी से कैसे जोड़ा जाए, यही उनका पिछले तीन सालों का अथक प्रयास था और वे इसमें काफी हद तक सफल भी रहे।

राजकोट-अहमदाबाद सेमी-हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट रूपाणी का ड्रीम प्रोजेक्ट था
ऋषभ ने कहा कि सौराष्ट्र के लोग जो व्यापार के लिए मुंबई जाते हैं, उनके लिए राजकोट से अहमदाबाद सेमी-हाई स्पीड रेलवे का प्रोजेक्ट उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। ताकि एक व्यक्ति सुबह राजकोट से ट्रेन पकड़कर साबरमती में उतर सके। फिर वहां से बुलेट ट्रेन से मुंबई जा सके। फिर उसी रास्ते वापस आ सके, ताकि शाम तक एक व्यक्ति राजकोट से मुंबई जाकर अपना काम निपटाकर वापस आ सके।
इसके अलावा, सौराष्ट्र के समुद्र के खारे पानी को शुद्ध करके उसे पीने योग्य बनाकर लोगों तक पहुंचाने का उनका सपना था।
‘हम भाग्यशाली हैं कि हमें इतना प्यार मिला’ ऋषभ रूपाणी ने आगे कहा कि यह हमारे परिवार के लिए एक बड़ी आपदा है। हम न केवल सौराष्ट्र और गुजरात, बल्कि पंजाब के लोगों और कार्यकर्ताओं के प्यार को स्वीकार करते हैं। इस समय मेरे और मेरे परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने के लिए सभी का धन्यवाद।

हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें इतना समर्थन मिला। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भी लगातार हमारे साथ खड़े रहे। हम उनका कर्ज कभी नहीं भूल सकते। यह पिताजी का लोगों के लिए स्नेह ही था कि राजकोट में उनके अंतिम संस्कार के दौरान हजारों लोग बारिश में खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते रहे।

विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि देने राजकोट में हजारों लोग आए थे। चित्र में शवयात्रा के दौरान पत्नी अंजलि, बेटा ऋषभ और बेटी राधिका।
विजय रूपाणी हमेशा समाधान की बात करते थे
ऋषभ रूपाणी ने आगे कहा कि पिता विजय न सिर्फ मेरे या मेरे परिवार के लिए, बल्कि अनगिनत पार्टी कार्यकर्ताओं या आम लोगों के लिए वन-स्टॉप समाधान थे। उनका दृष्टिकोण हमेशा समाधान-उन्मुख होता था। अगर आप उनके पास जाते, तो आपको किसी भी समस्या का समाधान मिल जाता। फिर चाहे वह राजनीतिक हो, आर्थिक और सामाजिक हो, व्यावहारिक हो या आध्यात्मिक जीवन।

उदास होते हैं, तो पिता के पॉडकास्ट को देखते हैं विमान दुर्घटना में अपनों को खोने वाले लोगों को संदेश देते हुए ऋषभ ने कहा- हम हादसे का शिकार हुए सभी लोगों के प्रति अपनी भावनाएं और संवेदना व्यक्त करते हैं। यह दुख केवल हमारे परिवार का नहीं है, बल्कि यह 270 परिवारों का दुख है। हम भी उनके साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि जब हमें लोगों के लिए थोड़ा भी दुख होता है या जब हम उदास महसूस करते हैं, तो हम पिताजी का एक वीडियो देखते हैं। उनके पॉडकास्ट का यह वीडियो इस समय वायरल हो रहा है, जिसमें पिताजी कहते हैं-

जीवन और मृत्यु अपरिवर्तनीय हैं, लेकिन ईश्वर ही सब कुछ है। उसकी इच्छा के आगे मनुष्य दास है और उसे दास ही रहना पड़ता है। इसलिए ईश्वर सबका कल्याण करेगा और सभी को शक्ति देगा।


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अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुए प्लेन हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन हो गया। वो पैसेंजर लिस्ट में पैसेंजर नंबर 12 थे। भास्कर से बातचीत में विजय रूपाणी के करीबी नितिन भारद्वाज ने बताया कि रूपाणी लंदन अपनी बेटी से मिलने जा रहे थे। उनकी बेटी की शादी हो चुकी है और वो अपने परिवार के साथ लंदन में रहती हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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