The story of leaving a package worth crores and joining modern farming, | करोड़ों का पैकेज छोड़ मॉर्डन फार्मिंग से जुड़ने की कहानी,: इश्वाक बोले- लोग अपनी जड़ों से जुड़ रहे हैं, श्रुति ने बताया मिट्टी से जुड़ाव है


18 मिनट पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र

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मॉर्डन फार्मिंग पर बनी वेब सीरीज ‘मिट्टी एक नई पहचान’ Amazon MX Player पर रिलीज हो चुकी है। हाल ही में इस सीरीज को लेकर स्टार कास्ट इश्वाक सिंह, श्रुति शर्मा और राइटर निखिल सचान ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। इश्वाक सिंह ने बताया कि मॉर्डन फार्मिंग का कॉन्सेप्ट अब वैश्विक स्तर पर शुरू हो चुका है।

पिछले कुछ समय से लोग अपनी जड़ों से जुड़ रहे हैं। श्रुति शर्मा मानती है कि सीरीज में उनका कृषि अधिकारी का किरदार अब निभाए गए किरदारों से काफी अलग है। निखिल सचान ने बताया कि मॉर्डन फार्मिंग से बहुत सारे किसानों की भी जिंदगी बदली।

इश्वाक सिंह, श्रुति शर्मा और राइटर निखिल सचान ने दैनिक भास्कर से बातचीत की

इश्वाक सिंह, श्रुति शर्मा और राइटर निखिल सचान ने दैनिक भास्कर से बातचीत की

सवाल-निखिल, इस विषय पर कहानी लिखने की प्रेरणा कहां से मिली?

जवाब- कोविड की दूसरी लहर के समय लिखना शुरू किया था। उस समय बहुत सारी कहानियां पढ़ रहा था। जिसमें ऐसी खबरें आ रही थी कि कई लोग अमेरिका से जॉब छोड़कर खेती करने आ रहे हैं। इंडिया में भी सॉफ्ट इंजीनियरिंग का जॉब छोड़कर खेती करने लगे।

यह देखकर बहुत ताज्जुब हुआ कि कैसे डेढ़ करोड़ के पैकेज की नौकरी छोड़कर लोग खेती कर रहे है। जब मैंने इसपर रिसर्च किया तब पता चला कि कोविड के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि जिंदगी में सुकून नहीं है। इसलिए अपनी जड़ों के पास लौट रहे थे।

मॉर्डन फार्मिंग से कुछ लोगों ने ना सिर्फ अपनी जिंदगी बदली बल्कि बहुत सारे किसानों की भी जिंदगी बदली। 3-4 सालों से साइलेंट रेवुलेशन शुरू हुआ है।

सवाल- इश्वाक आप इस साइलेंट रेवुलेशन को किस तरह से देखते हैं?

जवाब- हम अपनी जड़ों की तरफ लौट रहे हैं। हम भले ही बड़े-बड़े शहरों में रह रहे हैं, लेकिन हमारी जड़ें तो गांव से ही जुड़ी हुई हैं। मुझे अपने जीवन में यह बहुत बड़ी कमी लगती है, क्योंकि मेरा जुड़ाव गांव से नहीं है। खैर, सबसे अहम बात यह है कि क्या कृषि को उद्योग के नजरिए से देखा जा सकता है। हालांकि यह रेवुलेशन अब वैश्विक स्तर पर शुरू हो चुका है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।

सवाल- श्रुति, आप इस सीरीज में क्या कर रही हैं, क्या खास बात लगी आपके किरदार में?

जवाब- मैंने अब तक जितने भी किरदार निभाएं हैं, उनमें से इस सीरीज का किरदार बहुत ही अलग है। इसमें मैं कृषि अधिकारी कृतिका सिन्हा का किरदार निभा रही हूं। जब यह अवसर मेरे पास आया तो इस किरदार को लेकर काफी उत्साहित थी। कृतिका अपनी ड्यूटी को अपनी जिम्मेदारी समझकर निभाती है।

सवाल- असल जीवन में मिट्टी से कितनी जुड़ी हुई हैं?

जवाब-मैं उत्तर-प्रदेश के प्रतापगढ़ की रहने वाली हूं। मैंने छोटे शहरों के रहन सहन को देखा है। इसलिए मेरा जुड़ाव मिट्टी से है। इस शो की शूटिंग भी लखनऊ में हुई थी। मुझे एक महीना अपने घर में छुट्टियां बिताने का अवसर मिल गया था।

सवाल- कभी खेत में गई हैं?

जवाब- गांव में हमारा खेत है। पिता जी मुझे और मेरे भाई को खेत दिखाने ले जाते थे। मुझे खेत खलिहान देखना बहुत पसंद है। शूटिंग के दौरान भी खेत खलिहान देखकर बहुत उतावली थी।

सवाल- इश्वाक आपको कभी मौका मिला है खेत खलिहान में जाने का?

जवाब- बचपन में एक बार पंजाब में गया था। उस समय की यादें अभी भी मेरे दिमाग में है। शहर से दूर खेत खलिहान में बहुत ही सुकून मिलता है। जब हम शूटिंग कर रहे थे तब बचपन की सारी यादें तरोताजा हो गईं। हम भले ही 3-4 पीढ़ी से शहर में पले बढ़ें हैं, लेकिन हमारी जड़ें तो गांव से ही है।

मैंने अपनी दादी के साथ बहुत समय बिताया है। उनसे खेत खलिहान की बहुत सारी कहानियां सुनी हैं। मैंने अपने गांव का घर भले ही नहीं देखा, लेकिन मुझे पता है कि वो कैसा है।

सवाल- निखिल, बदलाव बहुत अच्छी चीज होती हैं, लेकिन लोगों को बदलना बहुत मुश्किल होता है। इसमें आपको किस तरह की परेशानियां आईं?

जवाब- मुंबई में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो यह समझ सके कि इस विषय पर भी शो बनाया जा सकता है। हमारे प्रोड्यूसर और चैनल ने इसपर भरोसा दिखाया। अब यह बदलाव गांव में दिखने लगा है। लोग धीरे-धीरे मॉर्डन खेती को अपनाने लगे हैं।



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