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4 घंटे पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय
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डायरेक्टर नागेश कुकुनूर की वेब सीरीज ‘द हंट- 4 जुलाई से सोनी लिव पर स्ट्रीम हो रही है। राजीव गांधी की हत्या पर आधारित इस सीरीज में अमित सियाल, साहिल वैद्य, शफीक मुस्तफा मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। नागेश ने दैनिक भास्कर से बातचीत में शो की सबसे चैलेंजिंग बात ऑथेंटिक कास्टिंग और लोकेशन को बताया। साथ ही उन्होंने इसकी मेकिंग पर खास बातचीत की है।
‘द हंट- द राजीव गांधी असिसैनेशन केस’ की कहानी
यह ट्रू क्राइम थ्रिलर सीरीज है। कहानी राजीव गांधी हत्याकांड के साथ शुरू होती है। अगले 90 दिनों क्या-क्या होता है? जिस तरह से यह इवेंट इंक्लूड होता है, वह कहानी है। इसमें न कोई पोलिटिकल इम्प्लिकेशन है और न ही कोई फिंगर पॉइंटिंग है। यह शो अनिरुद्ध मित्रा लिखित ‘90डेज’ बुक पर आधारित है, जो पुलिस क्राइम थ्रिलर की तरह कहानी है। अप्लॉज ने मुझे यह प्रोजेक्ट अप्रोच किया, तब उत्साहित हुआ, क्योंकि यह इवेंट पब्लिक रिकॉर्ड में है। यह हमारे लाइफ में बहुत बड़ा हिस्सा रहा। कहानी स्पेशल इन्वेस्टीगेशन के साथ शुरू होती है। हत्या करने के बाद एलटीटीई के लोग कैसे लोकेशन से फरार हुए, उनको किस तरह से पकड़ा गया, यही सेंसिविटी के साथ दिखाया गया है।

सीरीज की कहानी पत्रकार अनिरुद्ध मित्रा कि किताब पर बेस्ड है।
प्रोजेक्ट के रिसर्च में सात लोग शामिल थे
अप्लाज एंटरटेनमेंट के साथ मैं ‘सिटी ऑफ़ ड्रीम्स’ के तीन सीजन कर चुका हूं। अप्लाज एंटरटेनमेंट के हेड समीर नायर से अच्छी दोस्ती है। उन्होंने इस इंटरेस्टिंग प्रोजेक्ट्स मुझे पिच किया। इसके रिसर्च में तीन राइटर और उनके चार असिस्टेंट सहित कुल 7 लोग शामिल थे। आजकल 90 परसेंट रिसर्च ऑनलाइन ही होता है। आपको स्मार्ट लड़के-लड़की चाहिए, जो एक ट्रेड को पकड़कर ट्रैक करते हुए सारे डाक्यूमेंट्स निकाले। हमने सारे रिसर्च मैटेरियल बुक से लेकर किया। फाइनल शूटिंग स्क्रिप्ट रेडी करने के लिए 8 से 9 महीने लगे। प्रोजेक्ट की शुरुआत 2022 में हुई। मैं सक्रिय रूप से जुलाई-अगस्त 2022 में जुड़ा। इसके 8-10 महीने के बाद हम शूटिंग लोकेशंस पर गए। साल 2023 प्रोजेक्ट खत्म हुआ और साल 2024 पोस्ट प्रोडक्शन के काम में लग गया। अब 4 जुलाई से यह सीरीज स्ट्रीम हो रही है।
चार प्राइम शूटिंग लोकेशन पर 70 दिन में शूट हुई
इस सीरीज को शूट करने में लगभग 70 दिन लगे। मुंबई और महाराष्ट्र के इंटीरियर के अलावा हैदराबाद के ओल्ड सिटी एरिया सहित हैदराबाद के आउटस्कर्ट्स में शूट किया। यह हमारे चार प्राइम शूटिंग लोकेशन थे। हैदराबाद में 20 से 23 दिन बाकी सारी शूटिंग मुंबई और महाराष्ट्र में की गई। इसके अलावा काफी सारे ड्रोन शॉट्स चेन्नई और मदुरै के रियल लोकेशन से भी लिए गए हैं ताकि ऑथेंटिक लगे।
दरअसल, इंडिया में ओल्ड सिटी बहुत कम बचे हैं। साल 1991 का इंडिया और आज के इंडिया से बिल्कुल ही अलग है। इसको मैच करने के चक्कर में चेन्नई गए, पर वहां पुरानी एरिया बची ही नहीं है। मैं हैदराबाद से हूं, इसलिए हैदराबाद के बारे में काफी कुछ पता है, तो यहां कहानी से मिलते-जुलते कई सारे लोकेशन मिल गए। मेरे दो असिस्टेंट चेन्नई से थे। उन्होंने जब हैदराबाद के लोकेशंस देखे, तब शॉक हो गए। वे कहने लगे कि यह तो चेन्नई से एकदम मिलता-जुलता है।
सीरीज के लिए कास्टिंग सबसे बड़ा चैलेंज रहा
इस सीरीज में अच्छे एक्टर्स होने के साथ विज़ुअली दिखने में रियल पर्सन को मैच करने का डबल चैलेंज रहा। अमित सियाल एसआईटी हेड डीआर कार्तिकेयन का कैरेक्टर प्ले किया है। उनको ढूंढ़ने में काफी टाइम लग गया। लेकिन वे मिले, तब उनकी मूंछ आदि मैच कर रही थी। ट्रू स्टोरीज़ में कास्टिंग सबसे बड़ा प्रॉब्लम होता है, क्योंकि रियल लाइफ लोगों के विज़ुअल पिक्चर होते ही हैं। अच्छे एक्टर के साथ कद-काठी भी मैच होना चाहिए। अमित सियाल के अलावा सीरीज में दो-तीन और महत्वपूर्ण कैरेक्टर हैं। एक अमित वर्मा का किरदार है, जिसे साहिल वैद्य प्ले किया है। इस रोल के लिए ऐसा एक्टर चाहिए था, जो हिंदी और तमिल के भी सीन अच्छे से परफॉर्म करे।

अमित सियाल ने SIT हेड डीआर कार्तिकेयन का कैरेक्टर प्ले किया है।
किस्मत अच्छी थी कि अमित वर्मा जैसे दिखने वाले साहिल वैद्य मिले। उन्होंने उस समय रेसलर के रोल के लिए वेट पुटऑन किया था। साहिल से मिला, तब पता चला कि वे नार्थ से हैं और तमिलनाडु में पले-बढ़े हैं, तो उन्हें तमिल भी आती है। दूसरा शिवरासन का रोल है, जिसे शफीक मुस्तफा ने निभाया है। इन्हें एग्जैक्ट मैच करना बहुत ज़रूरी था। ऐसा नहीं है कि हमने दूसरे कैरेक्टर को मैच नहीं किया है, पर इनका स्क्रीन प्रेजेंस ज्यादा है, इसलिए परफेक्ट मैच करना था।
शफीक मुस्तफा फाइनली केरल में मिले। वे एकदम शिवरासन की तरह दिखते हैं, पर उन्हें ढूंढने में काफी टाइम लगा। इनके कैरेक्टर के लिए काफी एक्टर्स को ट्राई किया। कास्टिंग डायरेक्टर के अलावा मैं खुद एक्टर्स का ऑडिशन लेकर सिलेक्ट करता हूं। मुझे अमूमन दो से तीन महीने कास्टिंग में लगता है, लेकिन इस सीरीज की कास्टिंग में पूरे चार से पांच महीने लगे। हमने हिंदी और तमिल में छोटे-बड़े किरदार निभाने वाले कुल 130 एक्टर्स कास्ट किया। इनके लिए सैकड़ों एक्टर्स के ऑडिशन लिए गए। बड़े रोल के लिए 20 से 25 एक्टर्स और छोटे-छोटे रोल्स के लिए चार से पांच एक्टर्स ऑडिशन दिए थे।
रियल चैलेंज बना स्क्रीन चैलेंज
कुछ सीन दो हिंदी बोलने के बीच थे, दूसरे एलटीटीई के लोग तमिल बोलते हैं, वह भी इंडियन नहीं, श्रीलंकन वाली तमिल। तीसरा एलटीटीई के लोग और एसआईटी के बीच हिंदी और तमिल भी बात करते हैं। एकाध बार एसआईटी के लोग किन्हीं अन्य लोगों से बात करते हैं, जिन्हें हिंदी नहीं आता, तब उनसे इंग्लिश में बात करते हैं। इंडिया में यही सबसे बड़ा चैलेंज है। उस समय एसआईटी टीम के लिए भी यह सबसे बड़ा चैलेंज रहा।

सीरीज में मलयाली एक्टर शफीक मुस्तफा ने मास्टरमाइंड शिवरासन का किरदार निभाया है। (ब्लैक शर्ट में शफीक)
टीम चुनते समय इन बातों को ध्यान में रखकर टीम को चुना, जो सेंटर के साथ भी रिएक्ट करें और ग्राउंड में भी अच्छी से तरह इन्वेस्टीगेशन कर पाएं। यह चैलेंज उनको रियल में था और यही चैलेंज 30 साल बाद मुझे शो बनाने में भी आया। मैं एक्चुअली, तमिलनाडु के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ा हूं, तो अच्छी तरह से समझ सकता हूं। लेकिन समझने और डायरेक्ट करने में बहुत बड़ा गैप होता है। इस शो को डायरेक्ट करते समय मैं थक जाता था, क्योंकि एक सीन हिंदी में खत्म करने के बाद दूसरा सीन तमिल में करना पड़ता था।
क्लाइमेक्स के चलते एपिसोड की संख्या बढ़ी
इस सीरीज को छह एपिसोड में बनाने वाला था, लेकिन जब क्लाइमेक्स के बारे में पता चला कि फाइनली क्या हुआ था, तब उसे लिखते समय लगा कि छह एपिसोड बनाऊंगा, तब बहुत लंबा एपिसोड हो जाएगा, इसलिए उसे तोड़कर सात एपिसोड बनाया। क्लाइमेक्स शूट करने में सात दिन से ज्यादा नहीं लगा, लेकिन क्लाइमेक्स पूरे एक एपिसोड का टाइम लेता है।
क्लाइमेक्स की शूटिंग इंटीरियर मुंबई में और एक्सटीरियर के सीन मुंबई से ढाई घंटे की दूरी पर एक गांव में शूट किया। यहां रोजाना सुबह चार बजे उठकर शूट करने जाता था। हमें सेट पर पहुंचने में दो से ढाई घंटे लग जाता था। खैर, क्लाइमेक्स शूट करने में बहुत मजा आया। मुझे गांव में शूट करने में बहुत मजा आता है। मेरा बस चले, तब सारी फिल्मों को गांव में ही शूट करूं। लेकिन बड़े यूनिट के साथ जाते हैं, तब उन्हें ठहराने में दिक्कत हो जाती है और गांव में शूट करने में बजट काफी बढ़ जाता है। हां, छह से बढ़कर सात एपिसोड हुआ, तब बेशक बजट बढ़ गया। चूंकि अप्लॉज के साथ मेरा अच्छा रिश्ता है, सो बढ़ा हुआ बजट पास होने में कोई दिक्कत नहीं आई। हां, कोई दूसरा प्रोडक्शन हाउस होता, तब जरूर सोचना पड़ता।

एक्टर साहिल वैद्य सीरीज में महत्वपूर्ण रोल में हैं।
अगला सीजन और ओटीटी का एडवांटेज
राजीव गांधी हत्याकांड पर सिर्फ एक सीजन ही है, लेकिन अगर कोई और हंट है, तब उस पर बनाना चाहें, तब दूसरा सीजन भी आ सकता है। जिस तरह से ‘स्कैम’ के सीजन-1 और सीजन-2 हुआ था। उस तरह से ला सकते हैं, लेकिन राजीव गांधी पर सिर्फ एक ही सीजन है। यह मेरा मोस्ट चैलेंजिंग प्रोजेक्ट रहा है, क्योंकि इसमें दो लैंग्वेज साथ में चल रहे हैं। इसका अलग-अलग वर्जन होगा। एक वर्जन होगा, जहां पर हिंदी के पार्ट हिंदी में रखेंगे, तमिल के पार्ट तमिल में होंगे और तमिल के पार्ट में सब-टाइटल होंगे। एक वर्जन होगा, जिसमें तमिल के पार्ट भी हिंदी में डब किए जाएंगे। एक वर्जन में सारा शो तमिल में होगा। ओरिजनल सोर्स हिंदी और तमिल है। ओटीटी के यह एडवांटेज हैं। आपको जिस भाषा में देखना है, उसमें क्लिक करके देखो।