- Hindi News
- National
- Coronavirus Variant XFG Outbreak Case Update; Kerala Gujarat | Maharashtra
नई दिल्ली42 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

कर्नाटक के कलबुर्गी में गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 25 बेड का कोविड वार्ड बनाया है। यूपी के गाजियाबाद में कोरोना टेस्टिंग हो रही है।
कोरोना के नए वेरिएंट XFG ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। देश में अब तक 206 XFG के केस सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र (89) में हैं, फिर पश्चिम बंगाल (49), तमिलनाडु, केरल, गुजरात और दिल्ली में भी केस मिले हैं। अकेले मई महीने में 159 नए केस आए थे।
XFG वेरिएंट मध्य प्रदेश में भी तेजी से फैल रहा है। AIIMS भोपाल की रिपोर्ट के मुताबिक यहां 63% से ज्यादा केस XFG वेरिएंट के हैं। यहां कुल 44 में से 28 सैंपलों में XFG वेरिएंट पहचाना गया है।
कोरोना का XFG वेरिएंट सबसे पहले कनाडा में पाया गया था और अब तक भारत समेत 38 देशों में फैल चुका है। कोविड के दूसरे वेरिएंट की तरह ही इससे भी सबसे ज्यादा बच्चों, बुजुर्गों और बिमार लोगों को है।

XFG वेरिएंट क्या है?
XFG कोविड-19 वायरस का एक रिकॉंबिनेंट वेरिएंट है। इसका मतलब है कि यह वायरस के 2 पुराने वेरिएंट्स, LF.7 और LP.8.1.2 के आपस में मिल जाने से बना है। जब कोई व्यक्ति एक साथ दो अलग-अलग वेरिएंट्स से संक्रमित होता है, तो वायरस उनके जीन को आपस में मिक्स कर सकता है। उसी से ऐसे वेरिएंट बनते हैं।
XFG, ओमिक्रॉन फैमिली का ही हिस्सा है, जो 2021 के अंत से पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा फैलने वाला वेरिएंट रहा है। इसे पहली बार कनाडा में पहचाना गया था।

क्या XFG वेरिएंट चिंता की बात है?
फिलहाल नहीं, इस वेरिएंट से अब तक न तो ज्यादा गंभीर बीमारी हुई है और न ही मौतों की संख्या में इजाफा देखा गया है। ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण हल्के सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण हैं।
- XFG को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया है और न ही भारत सरकार ने इसे कोई गंभीर खतरा माना है।
- जिन लोगों ने टीका लगवाया है या जो लोग पहले कोविड-19 के किसी वेरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं, वे XFG वेरिएंट से जल्दी ठीक हो रहे हैं।

XFG वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?
इसके लक्षण आमतौर पर फ्लू या सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति को लगातार खांसी हो सकती है, नाक बहने या बंद रहने की परेशानी हो सकती है और बार-बार छींक आने के साथ गले में खराश की शिकायत भी हो सकती है। इसके अलावा हल्का बुखार, थकान, कमजोरी और सिरदर्द जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का भी जोखिम हो सकता है।
क्या XFG वेरिएंट का इलाज उपलब्ध है?
XFG वेरिएंट के लिए सटीक इलाज की जानकारी अभी तक बहुत सीमित है। हालांकि, यह COVID-19 का एक वेरिएंट है। इसलिए इसके संक्रमण में भी कोविड-19 के पेशेंट्स की तरह ही इलाज किया जा रहा है। इसके इलाज में एंटीवायरल दवाएं, ऑक्सीजन थेरेपी आदि की मदद ली जा जा सकती है। अभी तक के मामलों में देखा गया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन ले रखी है, उन्हें XFG वेरिएंट से गंभीर प्रभाव देखने को नहीं मिले हैं और न ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है।
क्या वैक्सीन XFG वेरिएंट से बचा सकती है?
हां, भारत में इस्तेमाल हो रहीं वैक्सीन, को-वैक्सिन और कोवीशील्ड और इनके नए बूस्टर डोज को अभी भी कोविड के गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में प्रभावी माने जा रहा है।
डॉ. उज्जवल पारख के मुताबिक, वैक्सीन लेने के बाद भी हल्का संक्रमण हो सकता है, खासकर जब समय बीतने से एंटीबॉडी घटने लगती है। हालांकि, T-Cell इम्यूनिटी लंबे समय तक बनी रहती है और यही गंभीर संक्रमण से रक्षा करती है।
XFG वेरिएंट से सबसे अधिक खतरा किसे है?
XFG वेरिएंट से आमतौर पर हल्का संक्रमण होता है। हालांकि, यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। सबसे अधिक जोखिम वृद्ध लोगों को और पहले से क्रॉनिक बीमारियों का सामना कर रहे लोगों को ज्यादा खतरा है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

क्या XFG वेरिएंट महामारी की वजह बन सकता है?
XFG वेरिएंट से महामारी की स्थिति पैदा होने की संभावना कम प्रतीत होती है, क्योंकि इसके कारण गंभीर मामले या अस्पतालों में भर्ती होने के मामले सामने नहीं आ रहे हैं। इसके लक्षण बहुत हल्के हैं, जो आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे होते हैं। इसके संक्रमण में मृत्यु दर बहुत अधिक नहीं है, ज्यादातर लोग बिना किसी कॉम्पलिकेशन के ठीक हो रहे हैं।
XFG वेरिएंट से बचाव कैसे करें?
XFG वेरिएंट कोविड-19 फैमिली का ही हिस्सा है। इसलिए यह भी ठीक उसी तरह फैलता है। राहत की बात ये है कि उतनी तेजी से नहीं फैलता है। इसलिए इससे बचाव के लिए कोविड-19 जैसी सावधानी ही बरतने हैं:
- बार-बार साबुन से हाथ धोएं, सैनिटाइज करें।
- बाजार या भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।
- बार-बार छूई जा रही सरफेस को सैनिटाइज करें।
- वैक्सिनेशन जरूर करवाएं और अगर उपलब्ध हो तो बूस्टर डोज लें।
- खुद से दवा न लें, डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही कोई दवा लें।
- फ्लू-जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत टेस्ट कराएं।
———————————-