This tourist spot is famous for its four storey caves | रसरंग में ट्रैवल: चार मंजिली गुफाओं के लिए विख्यात ये पर्यटन स्थल


मृदुला द्विवेदी50 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
विजयवाड़ा से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित चार मंजिली उंडवल्ली गुफाएं। - Dainik Bhaskar

विजयवाड़ा से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित चार मंजिली उंडवल्ली गुफाएं।

विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश का एक बेहद शांत शहर है। यहां के भव्य शिला मंदिर ही नहीं, खास साड़ियां और विशिष्ट खिलौने भी इसे पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाते हैं। आइए जानते हैं दक्षिण भारत के इस पर्यटन स्थल के बारे में:

उंडवल्ली गुफाएं: उंडवल्ली गुफाएं विजयवाड़ा से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित हैं। यह एक चार-मंजिला स्मारक है, जिसे एक ही मोनोलिथिक चट्टान को काटकर बनाया गया है। यहां की मूर्तियों की नक्काशी और बारीकियां देखते ही बनती हैं। यहां अलग-अलग मंजिलों पर भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव को समर्पित अलग-अलग गुफाएं हैं। इनका निर्माण 420 से 620 ईस्वी के बीच हुआ माना जाता है। इन्हें 19वीं शताब्दी की शुरुआत में ब्रिटिश पुरातत्ववेत्ता कॉलिन मैकेंजी ने खोजा था। गुफा के चारों ओर के नजारे भी शानदार होते हैं। यहां से हरे-भरे खेत दिखाई देते हैं।

कोंडापल्ली किले के अवशेष: यह किला विजयवाड़ा से करीब 16 किलोमीटर दूर कोंडापल्ली गांव में स्थित है। इसका निर्माण 14वीं शताब्दी में रेड्डी राजाओं द्वारा कराया गया था। इस किले के अवशेष आज भी अच्छी तरह से संरक्षित हैं। इन अवशेषों को देखकर लगता है कि यहां कभी शानदार अलंकृत स्तंभ रहे होंगे। यहां बहुत अधिक भीड़-भाड़ नहीं होती है। किले के परिसर में अनेकों प्राचीन एवं विशालकाय वृक्ष हैं। यहां एक जलाशय भी है, जो बरसात में भर जाता है और सुरम्य स्थल का निर्माण करता है। इसी तरह इंद्रकीलाद्रि पहाड़ी पर और कृष्णा नदी के किनारे स्थित कनक दुर्गा मंदिर भी दर्शनीय है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और हिंदुओं के लिए अत्यंत पूजनीय स्थल है।

कोंडापल्ली के वुडन टॉय: कोंडापल्ली गांव अपने रंग-बिरंगे लकड़ी के खिलौनों के लिए भी जाना जाता है। ये खिलौने पारंपरिक तरीकों से हाथ से बनाए जाते हैं। इन खिलौनों में पौराणिक कथाओं, ग्रामीण जीवन आदि के दृश्य दर्शाए जाते हैं। आप गांव में स्थित दुकानों में जाकर उन्हें बनते हुए देख सकते हैं और फिर उन्हें खरीदकर अपने साथ घर ले जा सकते हैं।

मंगलगिरि की हैंडलूम साड़ियां: विजयवाड़ा से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित है मंगलगिरि। यह अपनी हैंडलूम की साड़ियों की बुनाई के लिए प्रसिद्ध है, विशेष रूप से किनारे पर की गई जरी के कारण। ये विशुद्ध कॉटन की होती हैं और इनमें चमकदार ज्यामितीय डिजाइन होते हैं। ये गर्म मौसम और रोजमर्रा के उपयोग के लिए उपयुक्त हैं। आप गांव के हैंडलूम केंद्रों में जाकर साड़ी बुनने की प्रक्रिया भी देख सकते हैं। साड़ियां सीधे बुनकरों से खरीदी जा सकती हैं।

प्रकाशम बैराज: यह बैराज बिल्कुल विजयवाड़ा से लगा हुआ है। यह विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों को जोड़ता है। इस स्थल पर बांध के साथ-साथ सूर्यास्त के सुंदर नजारों को भी देखा जा सकता है। शाम के समय आप वहां लोगों को नदी में प्रार्थना करते भी हुए देख सकते हैं।

गुंटूर मिर्ची मंडी: गुंटूर चिली मार्केट भारत की सबसे बड़ी मिर्च मंडी मानी जाती है। यह एक लाइव बाजार है, जहां हर तरफ लोग काम करते दिखाई देते हैं। हालांकि, पर्यटक भी यहां आ सकते हैं। यहां बहुत-सी मिर्ची केवल निर्यात के उद्देश्य से लाई जाती है, जिन्हें खास गनी बैग्स में भरा जाता है। मंडी के कुछ हिस्सों में मिर्चियों की छंटनी होती देखी जा सकती है। चारों ओर फैली लाल रंग की मिर्च के दृश्य अत्यंत भव्य लगते हैं।

कब जाएं और कैसे जाएं? कब जाना बेहतर: वैसे तो विजयवाड़ा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम अपेक्षाकृत सुखद रहता है। लेकिन मानसून के दौरान भी इसकी सुंदरता को निहारा जा सकता है। खासकर उंडवल्ली गुफाएं, कोंडापल्ली किला और प्रकाशम बैराज के आसपास के दृश्य बेहद मनोहारी हो जाते हैं। हालांकि बारिश के दौरान यहां अतिरिक्त सावधानी बरतने की दरकार होती है।

किस तरह जाएं: विजयवाड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से लगभग 18 किमी दूर है। सभी प्रमुख शहरों से यहां के लिए सीधी उड़ानें मिलती हैं। रेल से भी जा सकते हैं। विजयवाड़ा जंक्शन दक्षिण भारत के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है और सभी प्रमुख रेल मार्गों से जुड़ा है। सड़क से जाना चाहें तो यह हैदराबाद से करीब 275 किमी दूर है। वहां से सभी तरह की बसें आसानी से उपलब्ध होती हैं।



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top