मीडिया से बातचीत करते कैबिनेट मंत्री अनिल विज
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने अंबाला में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर करारा पलटवार किया। विज ने कहा, “खड़गे जी को अपने देश, देशवासियों और प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं है, लेकिन विदेशियों और खासकर पाकिस्तान पर भरो
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विज ने तंज कसते हुए कहा, “खड़गे जी हमारी बातों पर विश्वास करें न करें, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री पर तो भरोसा कर लें, क्योंकि उन्होंने खुद माना है कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय ट्रंप ने किसी तरह की मध्यस्थता नहीं की थी।”
यह बयान विज ने तब दिया जब मीडिया ने उनसे खड़गे के उस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब भारत-पाक युद्ध चल रहा था, तब डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। खड़गे ने यह भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के खिलाफ कुछ नहीं बोले, क्योंकि उनमें हिम्मत नहीं थी।
पाकिस्तान की बात पर तो भरोसा होना ही चाहिए
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री ने कह दिया कि कोई भी किसी भी तरह की बातचीत नहीं हुई है और पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने भी कह दिया की कोई बातचीत नहीं हुई है, तो कम से कम पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री पर खडगे जी भरोसा कर लें। क्योंकि पाकिस्तान तो उनका अपना अजीज है।
भाजपा सरकार में लाभार्थियों को जाता है सीधा फायदा
राहुल गांधी ने हाल ही में कहा है कि फसल बीमा योजना का एक ही लक्ष्य है, किसान का पैसा खाना और सरकार का पैसा खाकर तीन-चार अरबपतियों की झोली में पैसा डालना, के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी जी यह तुम्हारे पिता जी स्व. राजीव गांधी जी का समय नहीं है, जब ऊपर से एक रुपया भेजते थे और नीचे 15 पैसे पहुंचते थे और 85 पैसे तुम्हारा सिस्टम खा जाता था।
उन्होंने कहा कि आज हर आदमी का पैसा उसके खाते में जाता है, चाहे वह किसान निधि का हो, चाहे वह पेंशन का हो, चाहे वह विकलांग का हो। आज सब पैसा लाभार्थियों के खाते में जाता है तो फिर किस तरह से किसी की तिजोरी में चला जाएगा।
मनोहर लाल ने गुरुग्राम के सुधार के काफी प्रयास किए
गुरुग्राम में तेज बारिश के बाद जल भराव हुआ और नौ लोगों की जान चली गई, के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि जब गुरुग्राम की स्थापना हुई उस वक्त विपक्ष की सरकारों का राज था और शहर को बसाने से पहले ही नाले-नालियों, सीवर और सड़कों की योजना बनाई जाती है।
लेकिन बसे-बसाए शहर में इन सब को तोड़कर फिर से बनाना बहुत मुश्किल काम है और किसी भी पार्टी ने और किसी भी सरकार ने उस वक्त इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। हालांकि पिछले 10 सालों में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में सुधार करने का काफी प्रयास किया है।
लेकिन जब पहले ही शहर की रचना ही सही नहीं की गई है तो बड़ा सुधारना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में लोगों की मृत्यु पर उन्हें काफी दुख है।