50 मिनट पहले
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टीवी शो पति ब्रह्मचारी में नजर आ रहे एक्टर आशीष दीक्षित ने एक्टिंग में करियर बनाने के लिए इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी थी। उन्होंने शो बाल गोपाल करे धमाल से टीवी पर डेब्यू किया था। अब तक वह कई टीवी शोज में नजर आ चुके हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि एक्टिंग में आने के लिए उन्हें किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा उन्होंने पति ब्रह्मचारी शो को लेकर भी बात की।
आपके शो का नाम पति ब्रह्मचारी है। इसका क्या कॉन्सेप्ट है? जब पहली बार इसके बारे में सुना तो रिएक्शन क्या था?
सबसे पहले मुझे मेकर्स की ओर से कॉल आया और फिर एक मीटिंग फिक्स हुई। जब मीटिंग में पहुंचा तो मुझे पता चला कि शो का हीरो ब्रह्मचारी है। मेरा पहला रिएक्शन यही था कि अगर लीड किरदार ब्रह्मचारी है, तो फिर वो लड़कियों को छुएगा नहीं और टीवी शोज का तो मूल ही रोमांस, क्लोज मोमेंट्स और सास-बहू ड्रामा होता है। तो फिर यह सब इसमें कैसे होगा?
हालांकि, फिर मैंने सोचा कि अब बहुत हो गया रोमांस और वही पुरानी कहानियां। कुछ अलग करना चाहिए, कुछ हटकर। उस समय तक शो का टाइटल ‘पति ब्रह्मचारी’ फाइनल नहीं हुआ था, लेकिन मन में एक सवाल था कि अगर वो पति होगा तो कुछ तो करेगा ही। कम से कम मांग तो भरेगा।
तब मेकर्स ने बताया कि एमपी और यूपी की तरफ कुछ जगहों पर सिक्के से मांग भरने की रीत है, तो उसी कॉन्सेप्ट को हम दिखाएंगे। वैसे भी, टीवी के इतिहास में ऐसा कोई शो नहीं बना है जिसमें मेन लीड ब्रह्मचारी हो। ये अपने आप में एक नया एक्सपेरिमेंट था। फिर मैंने सोचा कि मेकर्स पर भरोसा करना चाहिए और कुछ नया ट्राय करना चाहिए। इस तरह मैंने शो के लिए हां कह दी।

आपकी नजर में इस शो की क्या यूएसपी होगी, जो बाकियों से अलग हो?
हां, इस शो की स्टोरी इसकी सबसे बड़ी यूएसपी है। मैं डंके की चोट पर कह सकता हूं कि आजकल कई शोज शुरुआत में 10-12 एपिसोड तक अच्छे चलते हैं, लेकिन फिर शादी, रोमांस और सास-बहू ड्रामा शुरू हो जाता है। यहां भी सास-बहू ड्रामा है, लेकिन इसे बहुत रियलिस्टिक तरीके से दिखाया गया है। जैसे शादी के बाद लड़की घर आती है और हीरो चाहता है कि वह यहीं न रहे, चले जाए। यहां प्यार नहीं, बल्कि नफरत की कहानी है। हालांकि, दोनों के बीच अगर कोई प्यार का पल होता भी है, तो उसे ब्रह्मचारी होने की मर्यादा का ध्यान रखकर ही फिल्माया जाता है। उसे इसके अलावा, इस सीरियल में कई दिग्गज कलाकार काम कर रहे हैं, जो इसकी खासियत को और भी बढ़ाते हैं।
‘पति ब्रह्मचारी’ में आपका किरदार असल व्यक्ति से कितना मेल खाता है?
मैं बहुत छोटी उम्र में मुंबई शिफ्ट हो गया था और ठाणे के एक छोटे से चॉल में रहा करता था। उस समय का माहौल और चॉल में रहने का अनुभव मेरे बचपन का अहम हिस्सा है। खेल-कूद और दिनचर्या का तरीका भी काफी अलग था। ये सभी अनुभव मेरे किरदार को निभाने में बहुत मदद करते हैं।
मेरे किरदार सूरज की सबसे खास बात यह है कि वह लड़कियों की इज्जत करता है और बिना वजह किसी से कुछ नहीं कहता। असल जिंदगी में भी मैं तब तक कुछ बोलता नहीं जब तक कोई मुझसे बात न करे। मैं मानता हूं कि ऊपर वाला सब देख रहा है और अगर आप किसी के साथ गलत करते हैं तो उसका नतीजा भी मिलता है। इसलिए मैं सही तरीके से और इज्जत के साथ लोगों के साथ व्यवहार करता हूं।

अभी तक के करियर में कोई ऐसा किरदार रहा है, जिसमें आप इतने खो गए हों कि उससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया हो?
जब मैं इस इंडस्ट्री में नया-नया था, तब कई बार ऐसा होता था कि किरदार से निकलना मुश्किल हो जाता था। मुझे याद है, जब मैं दंगल चैनल के शो पलकों की छांव में में काम कर रहा था, तो मेरा किरदार काफी नटखट और रोमांटिक था। कई बार ऐसा होता कि शूट के बाद घर आने पर भी मैं उसी अंदाज में बिहेव करता था। तब मेरी पत्नी मजाक में कहती थी कि अब बस करो, किरदार से बाहर निकलो।
हालांकि अब मुझे उस बैलेंस का अनुभव हो गया है। अब मुझे अच्छे से पता है कि कब ‘सूरज’ बनना है और कब वापस ‘आशीष’। अब मैं कोशिश करता हूं कि अपने किरदार को सेट पर ही छोड़ आऊं, ताकि घर पर पूरी तरह से अपनी असली जिंदगी जी सकूं।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर नौकरी भी की। लेकिन फिर अचानक एक दिन छोड़ दी। वजह एक्टिंग में जाना था। उस समय परिवार का क्या रिएक्शन था?
बचपन से मैं पढ़ाई में ही लगा रहता था। किसी और चीज में ज्यादा ध्यान नहीं देता था। लेकिन जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए नागपुर गया, वहां पहली बार महसूस हुआ कि मेरे अंदर कुछ और भी खास है। पढ़ाई के साथ मैं कॉलेज की कई एक्टिविटीज में हिस्सा लेने लगा। वहीं से मुझे पहली बार ग्लैमर की दुनिया का पता चला, और धीरे-धीरे उसमें दिलचस्पी बढ़ने लगी।
हालांकि मैंने पहले पढ़ाई को प्राथमिकता दी। इस बीच इंडियन नेवी की भी तैयारी की, लेकिन 12वीं में नंबर थोड़े कम होने के कारण सलेक्शन नहीं हो पाया। इसके बाद पढ़ाई पूरी करके पुणे में एक छोटी आईटी फर्म में जॉब मिल गई। लेकिन जॉब करते-करते एहसास हुआ कि ये वो चीज़ नहीं है जिससे मुझे सच्ची खुशी मिलती है। फिर एक दिन ऐसा आया कि मैंने नौकरी छोड़ दी। जब घर आया, तो पापा ने पूछा कितने दिन की छुट्टी लेकर आया है? मैंने कहा कि छुट्टी नहीं ली, जॉब ही छोड़ दी। वो थोड़े नाराज हुए और बोले 25 हजार की नौकरी छोड़कर आ गया? उस वक्त मैंने बात ज्यादा नहीं बढ़ाई और बस चुप रहा।
इसी दौरान मेरे कुछ दोस्त थिएटर कर रहे थे। मैं उनके साथ जाने लगा और वहीं से एक्टिंग में दिलचस्पी गहराती चली गई। दोस्तों ने काफी सपोर्ट किया और यहीं से मेरे एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई। शुरुआत में परिवार को चिंता जरूर थी, लेकिन उन्होंने कभी रोक-टोक नहीं की। उनका हमेशा यही कहना था कि बेटा, जो भी करो, खुश रहो। और आज जब वो मुझे पर्दे पर देखते हैं, तो बहुत खुश होते हैं।

पहला ब्रेक आपको कब और कैसे मिला?
जब मैं अपने गुरु से एक्टिंग की ट्रेनिंग ले रहा था, तभी मुझे पहली बार पता चला कि वन डे टू डे जैसे छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स भी होते हैं। तब मुझे समझ में आया कि सेट पर जाकर देखना चाहिए कि असल में काम कैसे होता है। उसी दौरान मुझे एक कॉल आया और कहा गया कि एक दिन का शूट है, ढाई हजार रुपए मिलेंगे, करना है क्या? मैंने सोचा वाह, एक दिन में ढाई हजार तो इसमें क्या बुराई हो सकती है, मैंने तुरंत हां कर दी। मैंने बालाजी टेलीफिल्म्स का एक शो गुमराह भी किया था। उस समय मुझे उस एपिसोड के लिए पांच हजार रुपए मिले थे।
इसके बाद मैंने कुछ समय तक ऐसे ही छोटे-मोटे प्रोजेक्ट्स किए। फिर मुझे ‘बाल गोपाल’ नाम के शो में पहला ब्रेक मिला। वो एक कैमियो रोल था, लेकिन किरदार अच्छा था और उस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा। मेरा जब शूट खत्म हो जाता था, तब मैं डायरेक्टर के पास जाकर बैठता और देखता कि बाकी कलाकार कैसे परफॉर्म कर रहे हैं। इस तरह मैंने ऑन-सेट एक्सपीरियंस से भी बहुत कुछ सीखा।
क्या आप अपने आने वाले कुछ प्रोजेक्ट्स के बारे में बताना चाहेंगे?
हां, मेरी एक आने वाली वेब सीरीज है जिसका नाम ‘परख’ है। इस सीरीज की शूटिंग हमने उत्तराखंड के ऋषिकेश में की है। इस प्रोजेक्ट में कई शानदार कलाकार नजर आएंगे और इसकी कहानी भी काफी दिलचस्प है।
यह वेब सीरीज अमेजन और मिनी टीवी के कोलैबोरेशन में बनी है। फिलहाल पोस्ट-प्रोडक्शन का काम चल रहा है और बहुत जल्द इसका ट्रेलर रिलीज किया जाएगा। मैं इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी उत्साहित हूं और उम्मीद करता हूं कि दर्शकों को यह जरूर पसंद आएगी।