Shiv Sena Case Update; Eknath Shinde Uddhav Thackeray | Supreme Court | शिवसेना के निशान विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई: उद्धव ने नाम-चिन्ह और झंडे के इस्तेमाल की परमिशन मांगी, कहा- ये हमारी पहचान है


नई दिल्ली2 घंटे पहले

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शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे की याचिका में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। उद्धव ने ठाकरे से अपील की है कि उन्हें ‘शिवसेना’ नाम, ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिन्ह और बाघ वाले भगवा झंडे का इस्तेमाल फिर से करने दिया जाए। यह मांग महाराष्ट्र में होने वाले नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनावों के लिए की गई है।

उद्धव के वकील देवदत्त कामत ने 2 जुलाई को छुट्टियों के दौरान काम कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने इस पर जल्दी सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट को इन चिन्हों का इस्तेमाल करने से रोका जाए, क्योंकि ये असली शिवसेना की पहचान हैं और जनता इन्हें भावनात्मक रूप से जोड़कर देखती है।

साल 2022 में एकनाथ शिंदे के गुट ने शिवसेना से बगावत की थी। इसके बाद फरवरी 2023 में चुनाव आयोग ने ‘शिवसेना’ नाम और उसका चिन्ह ‘धनुष-बाण’ शिंदे गुट को दे दिया था। उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और मामला अब तक चल रहा है।

फरवरी 2023 में चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' नाम और उसका चिन्ह 'धनुष-बाण' शिंदे गुट को दे दिया था। उद्धव ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। (फाइल फोटो)

फरवरी 2023 में चुनाव आयोग ने ‘शिवसेना’ नाम और उसका चिन्ह ‘धनुष-बाण’ शिंदे गुट को दे दिया था। उद्धव ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। (फाइल फोटो)

उद्धव गुट की मांग- चिन्ह इस्तेमाल करने की इजाजत मिले स्थानीय चुनाव नजदीक हैं, तो उद्धव गुट चाहता है कि कोर्ट कोई अस्थायी (इंटरिम) फैसला दे, ताकि चुनावों में उनका नुकसान न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि जैसे एनसीपी विवाद में कोर्ट ने अजित पवार गुट को चिन्ह इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी, वैसे ही यहां भी किया जा सकता है।

शिंदे गुट के वकील ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव पहले ही इसी नाम और चिन्ह से हो चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट पहले ठाकरे की ऐसी ही मांग को मना कर चुका है।

इससे पहले कोर्ट ने महाराष्ट्र में लंबे समय से रुके हुए स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था, जिन्हें अब 4 महीने के भीतर पूरा करना है।

चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना माना, उद्धव SC पहुंचे

  • शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में पार्टी से बगावत की थी। इसके बाद शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा कर दिया। ठाकरे गुट का आरोप है कि शिंदे ने असंवैधानिक रूप से सत्ता हथिया ली और असंवैधानिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
  • 16 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया था। साथ ही शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चिह्न (तीर-कमान) को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर राहुल नार्वेकर को इस पर फैसला करने को कहा था।
  • 10 जनवरी 2024 को राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था। इसके खिलाफ ठाकरे गुट की ओर से कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 22 जनवरी 2024 को कोर्ट ने शिंदे समेत सभी बगावती विधायकों को नोटिस जारी किया था।

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