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- Kerala Nurse Nimisha Priya Faces Execution In Yemen On July 16. India Tells Supreme Court Its Diplomatic Efforts Have Reached The Limit. SC Adjourns Plea.
नई दिल्ली8 मिनट पहले
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निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। उन पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी को दवा की ओवरडोज देकर हत्या करने का आरोप है।
यमन में मौत की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कोर्ट में कहा कि सरकार जहां तक जा सकती थी, जा चुकी है। यमन जैसे देश के साथ भारत खुलकर कूटनीतिक दखल नहीं दे सकता।
याचिकाकर्ता संगठन “सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल” ने कोर्ट से कहा कि प्रिया का परिवार तलाल अब्दो महदी के परिवार से बातचीत कर रहा है, जिसकी मौत के चलते प्रिया को सजा मिली।
मामले में सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने की। जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि मामला बहुत संवेदनशील और दुखद है। लेकिन जब याचिकाकर्ता ने अपील की कि मौत की सजा रोकी जाए, तो कोर्ट ने पूछा, “हम ऐसा आदेश कैसे दे सकते हैं? विदेश में हमारे आदेश को कौन मानेगा?”
निमिषा को यमन नागरिक की हत्या के मामले में 16 जुलाई को मौत की सजा दी जाएगी। वह 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। उन पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी को दवा की ओवरडोज देकर हत्या करने का आरोप है।

तलाल अब्दो महदी की हत्या का पूरा मामला समझें…
नर्स निमिषा के यमन पहुंचने और महदी की हत्या के मामले की टाइमलाइन…
- 2008 में केरल के पलक्कड़ की रहने वाली 19 साल की निमिषा प्रिया नौकरी के लिए यमन पहुंचीं। राजधानी सना में एक सरकारी अस्पताल में उन्हें नर्स की नौकरी मिल गई।
- 2011 में निमिषा शादी के लिए भारत वापस आईं। उन्होंने कोच्चि के रहने वाले टॉमी थॉमस से शादी की और दोनों यमन आ गए। यहां थॉमस को इलेक्ट्रीशियन के असिस्टेंट की जॉब मिल गई, लेकिन सैलरी बहुत कम थी।
- 2012 में निमिषा ने बेटी मिशाल को जन्म दिया, लेकिन में यमन गुजारा करना मुश्किल होने लगा।
- 2014 में थॉमस बेटी के साथ कोच्चि लौट गए, जहां वे ई-रिक्शा चलाने लगे। जबकि निमिषा ने कम सैलरी वाली जॉब छोड़कर क्लिनिक खोलने का फैसला किया, लेकिन यमन के कानून के मुताबिक निमिषा को एक लोकल पार्टनर की जरूरत थी।
- इस दौरान निमिषा की मुलाकात कपड़े की दुकान चलाने वाले महदी से हुई। महदी की पत्नी की डिलीवरी निमिषा ने ही कराई थी।
- जनवरी 2015 में निमिषा बेटी मिशाल से मिलने भारत आईं। महदी भी उनके साथ भारत आया।
- इस दौरान महदी ने निमिषा की शादी की एक तस्वीर चुरा ली। बाद में महदी ने इस तस्वीर में छेड़छाड़ कर निमिषा का पति होने का दावा किया।
- क्लिनिक शुरू करने के लिए निमिषा ने परिवार वालों और दोस्तों से करीब 50 लाख रुपए जुटाए और यमन पहुंचकर क्लिनिक शुरू कर लिया।
- निमिषा ने पति और बेटी को यमन बुलाने के लिए कागजी काम शुरू किया, लेकिन मार्च में वहां गृहयुद्ध छिड़ गया और वे लोग यमन नहीं आ पाए।

ये तस्वीर निमिषा प्रिया और उनके पति टॉमी थॉमस की है।
यमन में गृह युद्ध की वजह से भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए ‘ऑपरेशन राहत’ शुरू किया। यह ऑपरेशन अप्रैल-मई 2015 तक चला, जिसमें 4,600 भारतीयों और करीब एक हजार विदेशी नागरिकों को यमन से निकाला, लेकिन इनमें सिर्फ निमिषा ही भारत नहीं लौट पाईं।
2016 में महदी ने निमिषा के साथ शारीरिक उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। उसने निमिषा के क्लिनिक का प्रॉफिट भी हड़प लिया। जब निमिषा ने इस बारे में सवाल किया तो दोनों के रिश्ते खराब हो गए। महदी निमिषा को यमन से बाहर नहीं जाने देना चाहता था, इसलिए उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने पास रख लिया।
निमिषा ने पुलिस में महदी की शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने निमिषा को ही 6 दिनों की हिरासत में ले लिया, क्योंकि महदी ने एडिटेड फोटो दिखाकर निमिषा का पति होने का दावा किया।

तस्वीर में निमिषा के पति थॉमस शादी की एल्बम दिखाते हुए।
निमिषा ने ड्रग्स का ओवरडोज दिया, जिससे महदी की मौत हो गई
निमिषा काफी परेशान हो चुकीं थीं। जुलाई 2017 में महदी से पासपोर्ट लेने के लिए निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन इसका असर नहीं हुआ। फिर निमिषा ने महदी को ओवरडोज दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निमिषा ने महदी के शरीर के टुकड़े कर वाटर टैंक में फेंक दिए। इसके बाद पुलिस ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया।
यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने निमिषा को महदी की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई। निमिषा ने यमन की सुप्रीम कोर्ट में माफी की अपील दायर की, जिसे 2023 में खारिज कर दिया। राष्ट्रपति रशद ने भी 30 दिसंबर 2024 को सजा को मंजूरी दे दी।

निमिषा को प्रताड़ित करने वाले तलाल अब्दो महदी की तस्वीर, जिसकी ड्रग के ओवरडोज से मौत हो गई।
ब्लड मनी के जरिए भी निमिषा को बचाने की कोशिश
शरिया कानून के मुताबिक, पीड़ित पक्ष को अपराधियों की सजा तय करने का हक है। हत्या के मामले में मौत की सजा है, लेकिन पीड़ित का परिवार पैसे लेकर दोषी को माफ कर सकता है। इसे ‘दीया’ या ‘ब्लड मनी’ कहा जाता है, जिसका जिक्र कुरान में भी किया गया है।
निमिषा को माफी दिलाने के लिए उनकी मां ने अपनी संपत्ति बेचकर और क्राउडफंडिंग के जरिए ‘ब्लड मनी जुटाने की भी कोशिश की।
2020 में निमिषा को सजा से बचाने और ब्लड मनी इकट्ठा करने के लिए ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ बनाया गया। केरल के एक जाने-माने बिजनेसमैन ने निमिषा को बचाने के लिए 1 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था।
विदेश मंत्रालय का कहना है कि निमिषा को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन मेहदी के परिवार ने अभी तक ब्लड मनी स्वीकार नहीं की है। निमिषा की मां यमन की राजधानी सना में डटी हुई हैं और बेटी को बचाने की कोशिश कर रही हैं।

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