नई दिल्ली10 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट उज्ज्वल निकम ने ये बातें NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहीं।
हाल ही में राज्यसभा सदस्य मनोनीत हुए सीनियर एडवोकेट उज्ज्वल निकम ने कहा कि 1993 में मुंबई बम धमाके रोके जा सकते थे। अगर बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त उस गाड़ी के बारे में पुलिस को बता देते जिससे उन्होंने AK-47 बंदूक उठाई थी, तो ये धमाके कभी नहीं होते।
उन्होंने कहा कि धमाकों से कुछ दिन पहले अबू सलेम (गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का आदमी) हथियारों से भरी एक वैन लेकर संजय दत्त के घर आया था। उसमें हथगोले और AK-47 थी। संजय ने उसमें से कुछ चीजें लीं और फिर लौटा दीं, लेकिन एक AK-47 अपने पास रख ली। इस बारे में पुलिस को जानकारी न देना धमाकों का कारण बना जिनमें इतने सारे लोग मारे गए। निकम ने ये बातें NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहीं।
12 मार्च, 1993 को मुंबई के अलग-अलग इलाकों में 13 सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इसमें 267 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
निकम बोले- संजय निर्दोष, कानून की नजर में अपराधी निकम ने कहा कि संजय दत्त निर्दोष थे। उन्होंने बंदूक सिर्फ इसलिए रखी थी क्योंकि उन्हें हथियारों का शौक था। उन्होंने कानून की नजर में अपराध किया, लेकिन वे सीधे-सादे इंसान हैं। संजय के पास AK-47 थी लेकिन उन्होंने कभी भी वह बंदूक नहीं चलाई। उनका पुलिस को इसकी जानकारी न देना ही इतने लोगों की मौत का कारण बना।
उन्होंने कहा- कोर्ट ने संजय को टेरेरिस्ट एंड डिस्रेप्टिव एक्टिविटीज एक्ट (TADA) के तहत आतंकवादी होने से बरी कर दिया था। हालांकि, प्रतिबंधित हथियार AK-47 रहने पर आर्म्स एक्ट के तहत दोषी माना था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी छह साल की सजा को घटाकर पांच साल कर दिया था।
उज्ज्वल- संजय फैसला बर्दाश्त नहीं कर पाए थे संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद उज्ज्वल निकम के साथ उनकी बातचीत सुर्खियों में रही थी। हालांकि, यह कभी सामने नहीं आया कि दोनों के बीच क्या बात हुई। इंटरव्यू के दौरान निकम ने इस बातचीत का खुलासा किया।
निकम ने कहा- सजा सुनाए जाने के बाद संजय दत्त ने अपना आपा खो दिया था। मैंने उनके हावभाव बदलते देखे। मुझे लगा कि वे सदमे में हैं। वह फैसले बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे और कांप रहे थे। वे कटघरे में थे और मैं पास ही था।
निकम ने बताया कि मैंने उनसे कहा- संजय ऐसा मत करो। मीडिया तुम्हें देख रहा है। अगर डरे हुए दिखोगे तो लोग तुम्हें दोषी मानेंगे। तुम्हारे पास अपील करने का मौका है। इस पर उन्होंने कहा- ‘यस सर, यस सर’।
निकम ने बताया- कसाब ने जेल में बिरयानी मांगी थी उज्ज्वल निकम 26/11 मुंबई हमला मामले में सरकारी वकील थे। उन्होंने आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी की सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। इंटरव्यू में जब निकम से कसाब को जेल में बिरयानी खिलाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आतंकवादी ने वास्तव में बिरयानी मांगी थी। लेकिन नेताओं ने उसे कैच कर लिया और राजनीतिकरण कर दिया।