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7 घंटे पहलेलेखक: अमित कर्ण
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साउथ के जाने-माने फिल्ममेकर पी. रंजीत की फिल्म वेट्टुवम के सेट पर हुए एक दुखद हादसे में स्टंटमैन राजू की मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में जोखिम भरे काम करने वाले इन गुमनाम नायकों की असुरक्षा को उजागर कर दिया है। बताया जा रहा है कि साउथ एक्टर विशाल स्टंटमैन राजू के परिवार का आजीवन खर्च उठाएंगे, लेकिन यह सवाल जस का तस है कि क्या स्टंटमैन के संगठनों की ओर से फाइटरों के लिए कोई सोशल सिक्योरिटी है?
बॉलीवुड में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं, जहां फाइटर्स के लिए एसोसिएशन की ओर से हेल्थ इंश्योरेंस तक की सुविधा नहीं है। जबकि इंडस्ट्री में काम पाने के लिए फाइटर्स को एसोसिएशन में रजिस्टर होना पड़ता है, जिसका खर्च 3 लाख 60 हजार रुपए आता है। इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बाद उन्हें काम तो मिलता है, लेकिन उनकी दिहाड़ी महज 5790 रुपए प्रतिदिन होती है। यह स्थिति दिखाती है कि कैसे ये कलाकार अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं, लेकिन उनके भविष्य और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कोविड के बाद से अक्षय कुमार बॉलीवुड के सभी 650 फाइटर्स के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम का खर्च खुद उठा रहे हैं। इसके चलते हरेक फाइटर को 6 लाख रुपए तक की हेल्थ कवरेज हासिल है।
मशहूर एक्शन डायरेक्टर सुनील रॉड्रिग्स की टीम के स्टंट मास्टर दीपक रामा कुंचिकोर कहते हैं, ‘एसोसिएशन की तरफ से स्टंट कलाकारों के लिए कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है। यह अक्षय कुमार ही हैं, जिन्होंने अपनी पहल पर लगभग 650-700 स्टंट कलाकारों के लिए 6 लाख रुपए का मेडिक्लेम इंश्योरेंस करवाया है। अक्षय कुमार पिछले 4-5 सालों से हर साल इसका प्रीमियम भर रहे हैं, जो कोविड के बाद से शुरू हुआ था।’

दीपक रामा कुंचिकोर एक स्टंटमास्टर हैं। उन्होंने कई फिल्मों में स्टंट सीक्वेंस किए हैं।
जान का जोखिम, मामूली मेहनताना और भारी कार्ड शुल्क
दीपक ने बताया कि एक फाइटर (सबसे निचले स्तर का स्टंट कलाकार) को प्रति दिन 5,790 रुपए मिलते हैं, जबकि एक बॉडी डबल को 14,000 रुपए और असिस्टेंट को 8,500 रुपए मिलते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि स्टंट एसोसिएशन में फाइटर कार्ड बनवाने के लिए 4 लाख रुपए और मास्टर कार्ड के लिए 7 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ता है। बिना इस कार्ड के कोई भी सेट पर काम नहीं कर सकता। इतनी भारी फीस के बावजूद, एसोसिएशन की तरफ से कोई बीमा या सुरक्षा कवर नहीं दिया जाता।
चेन्नई एक्सप्रेस हादसा: शाहरुख खान और रोहित शेट्टी बने सहारा
दीपक ने चेन्नई एक्सप्रेस के सेट पर हुए एक भयावह हादसे का भी जिक्र किया, जहां एक स्टंटमैन गाड़ी पलटने के दौरान आग लगने से गंभीर रूप से झुलस गया था। दीपक के अनुसार, शाहरुख खान ने उस स्टंटमैन का पूरा इलाज करवाया, जिसमें करीब 50 लाख रुपये का खर्च आया। रोहित शेट्टी ने भी उस स्टंटमैन को मासिक भुगतान देना शुरू किया था, जो कई सालों से अब तक जारी है। दीपक ने कहा कि ऐसे हादसे होने पर कुछ अच्छे दिल वाले निर्माता-निर्देशक या मास्टर अपनी तरफ से मदद कर देते हैं, लेकिन संगठन में ऐसा कोई नियम या प्रावधान नहीं है।

सरकार की आयुष्मान भारत योजना और स्टंट कलाकारों की निजी सुरक्षा
जब आयुष्मान भारत योजना के बारे में पूछा गया, तो दीपक ने बताया कि वह एक व्यक्तिगत योजना है और हर नागरिक अपना कार्ड खुद बनवा सकता है। यह स्पष्ट है कि बॉलीवुड के स्टंट कलाकार, जो अक्सर अपनी जान जोखिम में डालकर फिल्मों को रोमांचक बनाते हैं, एक अनिश्चित भविष्य का सामना करते हैं, जहां उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा की जिम्मेदारी व्यक्तिगत दयालुता या उनके अपने प्रयासों पर निर्भर करती है।
स्टंटमैन की सुरक्षा के मामले में मूवी स्टंट आर्टिस्ट एसोसिएशन के महासचिव एजाज गुलाब ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
₹4 लाख के कार्ड का मौत से क्या संबंध?- एजाज
एजाज गुलाब ने बताया कि एक स्टंट आर्टिस्ट को काम पाने के लिए एसोसिएशन का कार्ड बनवाना पड़ता है, जिसकी लागत ₹4 लाख तक होती है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस ₹4 लाख की मेंबरशिप फीस का आर्टिस्ट की मौत से सीधा कोई संबंध नहीं है। उनका कहना था, “₹4 लाख वो सेफ्टी के लिए थोड़ी भर रहा है भाई, वो तो काम पाने के लिए भर रहा है।”
एजाज गुलाब बोले- लाखों वर्कर्स अनऑर्गनाइज्ड हैं
एजाज से जब पूछा गया कि अगर एसोसिएशन स्टंट आर्टिस्टों से इतनी बड़ी रकम लेती है, तो क्या उन्हें बीमा या अन्य सुरक्षा सुविधाएं दी जाती हैं, तो उन्होंने कहा कि यह एक जटिल मुद्दा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुंबई और चेन्नई के नियम अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन बॉलीवुड के स्टंट आर्टिस्टों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है।
गुलाब ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि भारत सरकार के पास फिल्म इंडस्ट्री के वर्कर्स को सुरक्षित रखने के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, “फिल्म इंडस्ट्री में आज लाखों वर्कर हैं, ये सब के साथ इनसिक्योर है, बिल्कुल अनऑर्गनाइज्ड है।” उन्होंने सरकार से फिल्म इंडस्ट्री को संगठित क्षेत्र बनाने की मांग की, ताकि वर्कर्स को उचित सुरक्षा और सुविधाएं मिल सकें।
एजाज गुलाब ने बताया है किया कि स्टंट आर्टिस्ट के लिए बीमा प्राप्त करना मुश्किल था। उन्होंने कहा, “कोई भी कंपनी इंश्योरेंस देने को तैयार नहीं।” उन्होंने इस नेक काम के लिए अक्षय कुमार और एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. पांडा का विशेष धन्यवाद किया, जिनके प्रयासों से न्यू इंडिया एश्योरेंस के साथ मिलकर स्टंट आर्टिस्टों के लिए बीमा संभव हो पाया। इस पॉलिसी के तहत ₹6 लाख का मेडिक्लेम और ₹20 लाख का आकस्मिक मृत्यु कवरेज मिलता है। अक्षय कुमार पिछले पांच सालों से, 2017 से, लगभग 535 स्टंट आर्टिस्टों के लिए ₹1 करोड़ से अधिक का वार्षिक प्रीमियम अपनी ओर से भर रहे हैं। इंडस्ट्री में कुल 650 से ज्यादा स्टंट आर्टिस्ट हैं। 535 के अलावा बाकी 65 प्लस की ऐज कैटेगरी में हैं तो अभी इंश्योरेंस 535 को ही मिलता है।
प्रोड्यूसर्स की जिम्मेदारी और सरकारी अनदेखी
एजाज गुलाब ने यह भी बताया कि प्रोड्यूसर्स केवल अपने प्रोजेक्ट का बीमा करवाते हैं, लेकिन वर्कर्स की व्यक्तिगत सुरक्षा का ध्यान कम रखा जाता है। उनका कहना था कि सेट पर स्वास्थ्य और सुरक्षा सुविधाओं का खर्च एक बड़ा कारक है, और अगर सरकार इस पर छूट दे तो प्रोड्यूसर्स भी यह इंतजाम करेंगे। उन्होंने फिर से सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “गलती तो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की है कि कम से कम हमें ऑर्गनाइज्ड सेक्टर बना दें, तो हम लोग उसके ऊपर कुछ काम कर सकें।” उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म वर्कर्स को न तो प्रोविडेंट फंड मिलता है और न ही सेवानिवृत्ति की कोई सुविधा।
स्टंटमैन की मौत पर कहा- दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत, जांच जारी
स्टंटमैन राजू की मौत के मामले पर बात करते हुए एजाज गुलाब ने बताया कि ऐसा लगता है कि मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। उन्होंने कहा, “अगर किसी चीज की कमी होती तो या तो रैंप टूट गया होता या गाड़ी चढ़ने से पहले टूट गई होती… ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।” जब उसे निकाला गया तो वह पहले ही दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ चुका था।
गुलाब ने सरकार से फिल्म सिटी में एक उचित जगह आवंटित करने की भी मांग की, जहां स्टंट कलाकारों को सरकारी निगरानी में प्रशिक्षण और प्रमाणन मिल सके। इससे प्रोड्यूसर्स भी सुरक्षित रहेंगे और यह सुनिश्चित होगा कि केवल योग्य और शारीरिक रूप से फिट व्यक्ति ही खतरनाक स्टंट करें
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