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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंदौर से बब्बर खालसा के आतंकी को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस ने इंदौर से खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य को पकड़ा है। उस पर पंजाब के एक थाने पर रॉकेट लॉन्चर से हमला करने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक, पंजाब से भागकर वह पहले गुजरात पहुंचा। इसके बाद इंदौर में क्रेन ऑपरेटर बनकर छि
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने बताया- आतंकवादी का नाम आकाशदीप सिंह उर्फ बाज है। वह अमृतसर में चनाचेन का रहने वाला है। उसने अप्रैल 2025 में पंजाब के गुरदासपुर के बटाला में किला लाल सिंह थाने पर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया था।
हमले की जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हैप्पी पासिया, मनू आगवन और गोपी नवांशहरिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ली थी। पुलिस ने दावा किया था कि ये हमला उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और पंजाब में ग्रेनेड हमलों के आरोपी को मारने का बदला लेने के लिए किया गया था।
आकाश सिंह इंदौर के हीरानगर थाना इलाके की निर्माणाधीन बिल्डिंग में क्रेन ऑपरेटर का काम कर रहा था। बुधवार को दिल्ली पुलिस यहां पहुंची और उसे गिरफ्तार कर साथ ले गई। उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत एक अन्य मामला भी दिल्ली में ही दर्ज है।

आकाशदीप ने पंजाब के गुरदासपुर में थाने पर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया था। (फाइल फोटो)
विदेश में बैठे आतंकी हैंडलर से संपर्क में था दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आकाशदीप बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े एक विदेशी हैंडलर के संपर्क में था। जो उसे सोशल मीडिया ऐप के माध्यम से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए निर्देश दे रहा था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को आकाशदीप के गुजरात में होने का सुराग मिला था। वहां पतासाजी करने पर उसके इंदौर में होने की पुष्टि हुई। इसके बाद इंस्पेक्टर अशोक कुमार भड़ाना के नेतृत्व में एक टीम इंदौर पहुंची थी। आकाशदीप से पूछताछ में आतंकी नेटवर्क, उनके विदेशी संपर्क और फंडिंग के खुलासे की उम्मीद है।
डीसीपी कौशिक ने कहा- यह गिरफ्तारी बब्बर खालसा के भारत में फैले नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता है। हम आरोपी से पूछताछ कर अन्य लिंक और मॉड्यूल की जांच कर रहे हैं।

पंजाब को भारत से अलग करने की साजिश बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) एक आतंकी संगठन है। इसकी स्थापना 1978 में तलविंदर सिंह परमार और सुखदेव सिंह बब्बर ने की थी। इसका उद्देश्य पंजाब को भारत से अलग कर स्वतंत्र सिख राष्ट्र ‘खालिस्तान’ की स्थापना करना है। भारत, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।
बीकेआई के सदस्यों ने 1980 के दशक में पंजाब में कई हत्याएं, बम धमाके और हिंसक वारदातों को अंजाम दिया था। 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में बम विस्फोट कर 329 लोगों की जान ली थी। यह हमला कनाडा के इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला माना जाता है।
यह आतंकी संगठन पंजाब में आज भी ड्रोन से हथियारों-ड्रग की तस्करी, हत्याएं और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं की भर्ती कर रहा है। इसके नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से समर्थन मिलने की भी आशंका है।
भारत सरकार ने बीकेआई को गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित किया हुआ है।
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