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अहमदाबाद8 मिनट पहले
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फ्लाइट नंबर AI-171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 625 फीट की ऊंचाई पर था।
एअर इंडिया ने फ्लाइट AI-171 हादसे में जान गंवाने वाले 229 यात्रियों में से 147 यात्रियों और घटनास्थल पर मारे गए 19 लोगों के यानी कुल 166 परिवारों को ₹25 लाख का मुआवजा दिया है। एयरलाइन ने बताया कि बाकी 52 मृतकों के दस्तावेजों की जांच पूरी हो चुकी है और उन्हें भी यह मुआवजा जल्द दिया जाएगा।
इस बीच टाटा समूह ने ‘AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’ की स्थापना की है। ट्रस्ट ने हर मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ की अनुग्रह राशि देने का वादा किया है। साथ ही, दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के पुनर्निर्माण में भी सहायता दी जाएगी।
ट्रस्ट उन सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स, मेडिकल स्टाफ, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी कर्मचारियों की भी मदद करेगा जिन्होंने हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य में अहम भूमिका निभाई।
अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश 12 जून को हुआ था। उस वक्त विमान में 242 लोग सवार थे। इनमें एक यात्री की जान बच गई थी। इसके अलावा, जिस मेडिकल हॉस्टल पर विमान गिरा था, वहां 29 लोगों की जान गई थी। इस तरह इस हादसे में 270 लोगों की जान गई थी।

एयरलाइन पर मुआवजा देने से बचने का आरोप लगा था
इससे पहले 3 जुलाई को पीड़ित परिवारों का केस लड़ने वाली ब्रिटेन की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स ने एअर इंडिया पर मुआवजा देने से बचने का आरोप लगाया था। स्टीवर्ट्स 40 से ज्यादा पीड़ित परिवारों का केस लड़ रही है।
फर्म के एडवोकेट पीटर नीनन ने कहा था कि एअर इंडिया ने मुआवजा देने से पहले परिवारों से कानूनी रूप से संवेदनशील वित्तीय जानकारी मांगी, जिससे उनका हक कम हो सकता है। उधर, एअर इंडिया ने आरोपों को नकार दिया है।
नीनन ने कहा कि एअर इंडिया पीड़ित परिवारों के साथ अनैतिक और अपमानजनक व्यवहार कर रही है। एअर इंडिया इस तरह से व्यवहार कर लगभग 1,050 करोड़ रुपए बचाने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की है। वहीं, उन्होंने अपने क्लाइंट्स को सलाह दी है कि वे फॉर्म न भरें और मुआवजा पाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएं।

नीनन बोले- एअर इंडिया ने परिजन को कोई कानूनी सहायता नहीं दी
- नीनन ने आरोप लगाया, ‘न तो किसी परिजन को पहले से कोई सूचना दी गई, न ही उन्हें कानूनी सलाह मिली और न ही इन दस्तावेजों की कोई कॉपी दी गई। एअर इंडिया के अधिकारियों ने कुछ परिजन पर फॉर्म भरने का दबाब डाला और उनके घर जाकर पूछने लगे कि फॉर्म क्यों नहीं भरे गए।
- ‘परिजन से कहा गया कि जब तक वे फॉर्म नहीं भरते, उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। जबकि अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक, एयरलाइन को पहचान और रसीद पर हस्ताक्षर के बाद तत्काल अंतरिम मुआवजा देना होता है, किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होती।’
एअर इंडिया बोली- हमने फॉर्म को सरल बनाने की कोशिश की
एअर इंडिया ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए कहा था कि ये दावे गलत और आधारहीन हैं। एयरलाइन ने इंडिया टुडे को दिए बयान में कहा कि फॉर्म का उद्देश्य केवल पारिवारिक संबंधों की पुष्टि करना है। हमने फॉर्म को जितना हो सके सरल बनाने की कोशिश की है, ताकि मुआवजा सही व्यक्ति तक जल्दी और सही तरीके से पहुंचे।
एयरलाइन ने दावा किया कि पहले ही कुछ परिजन को अंतरिम मुआवजा देना शुरू कर दिया है और वे सभी परिवारों की पूरी मदद कर रहे हैं। कुछ औपचारिक प्रक्रियाएं जरूरी हैं, लेकिन हम परिवारों को पूरा समय और सहूलियत दे रहे हैं।
प्लेन क्रैश कैसे हुआ, ग्राफिक्स से समझें
एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया।

पायलट ने मेडे कॉल किया था
फ्लाइटरडार 24 के मुताबिक, विमान का आखिरी सिग्नल 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई पर मिला, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद आया था। भारत के सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA ने बताया कि विमान ने 12 जून की दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी।
उड़ान भरने के बाद विमान के पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को मेडे कॉल (इमरजेंसी मैसेज) भेजा, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला। DGCA के अनुसार, विमान में दो पायलट और 10 केबिन क्रू सहित कुल 242 लोग सवार थे। पायलट के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।
हादसे के बाद DGCA ने एअर इंडिया के 3 अफसरों को हटाया

अहमदाबाद प्लेन हादसे में जान गंवाने वाले 251 मृतकों की डीएनए से पहचान हो चुकी है। 245 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
DGCA ने 21 जून को एअर इंडिया को 3 अफसरों को हटाने का आदेश दिया था। इनमें डिविजिनल वाइस प्रेसिडेंट चूड़ा सिंह, क्रू शेड्यूलिंग करने वाली चीफ मैनेजर पिंकी मित्तल और क्रू शेड्यूलिंग की प्लॉनिंग से जुड़ी पायल अरोड़ा शामिल थे।
तीनों अफसरों के खिलाफ यह कार्रवाई एविएशन सेफ्टी प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन को लेकर की गई। DGCA ने एअर इंडिया को तत्काल प्रभाव से इन्हें क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से जुड़े रोल से हटाने का आदेश दिया था।
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अहमदाबाद से 12 जून को लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ने के तुरंत बाद एक हॉस्टल के ऊपर क्रैश हो गई। कुल 260 लोग मारे गए। इनमें 230 पैसेंजर और 12 क्रू मेंबर्स शामिल हैं। टेकऑफ के दो मिनट बाद ही जिस तरह प्लेन गिरा, उसकी वजह समझने के लिए दैनिक भास्कर ने बड़े विमान हादसों की पड़ताल की। इनकी जांच रिपोर्ट पढ़ी। पूरी खबर पढ़ें…
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