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रूमी जाफरी2 घंटे पहले
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मैंने अपनी पूरी जिंदगी में संजय दत्त से ज्यादा स्ट्रॉन्ग विल पावर वाला इंसान नहीं देखा। उसकी पूरी जिंदगी एक फिल्म की कहानी जैसी है। अरे हां, उस पर फिल्म तो बन भी चुकी है। बचपन में घर से निकला, बोर्डिंग में रहा, फिर ड्रग्स एडिक्शन से उबरा, फिर बॉडी बनाई। फिल्मों में मेहनत की, फिर जेल गया। पूरी जिंदगी मानो एक जंग की तरह रही, जिससे वो लड़ता ही रहा, हर मुसीबत का उसने बड़ी मजबूती से सामना किया। तो आज मेरे हिस्से के किस्से में बात संजय दत्त की।
संजू को जब सजा हुई तब सब रो रहे थे, मगर वो बोला कि अब इस सजा को काटने के बाद मेरे सिर पर से ये तलवार हमेशा के लिए हट तो जाएगी। इसके बाद मैं चैन की सांस लूंगा, मुझे कोर्ट के चक्कर तो नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके बाद कोई टेंशन नहीं रहेगी। हम सबने भी यही दुआ मांगी कि इसके बाद अब संजू की जिंदगी में कोई परेशानी नहीं आए।
इधर, 11 अगस्त 2020 की बात है। इरफान, ऋषि कपूर, साजिद-वाजिद की जोड़ी मंे से वाजिद और फिर सुशांत सिंह राजपूत के चले जाने से वैसे भी दिल-दिमाग बहुत परेशान और दुखी था। तभी दोपहर में मीडिया में खबर आई कि संजय दत्त को कैंसर हो गया है। हम सबकी धड़कनें जैसे रुक-सी गईं। सब बहुत परेशान हो गए। अब ये खबर सच्ची है या झूठी, इसका पता लगाने के लिए मैंने संजू को मेसेज किया- ‘हुजूर, क्या हाल है?’ उसका जवाब आया, सब ठीक है। फिर मैंने लिखा, बड़ी फिक्र हो रही थी तुम्हारी। फिर उसने लिखा, क्या हुआ? मैंने फिर दोबारा से लिखा- ये तुम्हारी तबीयत के बारे में क्या सुन रहा हूं हुजूर, प्लीज बताओ, सच बताओ। इस पर उसका जवाब आया- ‘सही है हुजूर।’
बस, उसके इन तीन शब्दों ने मेरी सांसें रोक दीं। 10 मिनट के लिए तो मैं सुन्न रह गया। मैंने उसे मेसेज किया कि मैं जानता हूं कि मेरा भाई फाइटर है, बड़ी-बड़ी जंग जीत चुका है। वह इस बीमारी से भी जीत जाएगा। हम सब तुम्हारे लिए दुआ मांगेंगे। मेरी बीवी दुआ मांगते-मांगते रोने लगी। मैंने संजू को तसल्ली देने के मकसद से उसका फोटो खींचकर उसे भेज दिया। रात को करीब एक बजे संजू का फोन आया। सच में, वो क्या बहादुर इंसान है। हमें उसे तसल्ली और हिम्मत देनी चाहिए थी और वो मुझे और मेरी वाइफ को तसल्ली और हिम्मत दे रहा था। जो हमें उससे बोलना चाहिए था, वो हमसे बोल रहा था कि बीमारी है, इलाज तो करवाना पड़ेगा। तुम लोग हिम्मत से काम लो, रोने से कुछ नहीं होगा, वगैरह वगैरह। इसी बात पर मुझे अमीर कजलबाश का एक शेर याद आ रहा है:
लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं मैंने उस हाल में जीने की कसम खाई है ।
और देखिए, उसने बीमारी को भी हरा दिया। अभी पिछले साल 24 नवंबर की बात है। मेरे घर के पास ही संजू ‘हॉउसफुल 5’ की शूटिंग कर रहा था। मुझे फोन आया कि हुजूर घर के पास हूं, शूटिंग कर रहा हूं, आ जाओ। मैं दोपहर में पहुंचा तो संजू की वैन के बाहर लगे टेंट में वह अकेला बैठा हुआ था। उसके सामने टेबल पर एक प्लास्टिक की थैली में कुछ पुरानी बुक्स और डायरियां थीं। वो चश्मा लगाए बड़ा सीरियस था और कोई डायरी पढ़ रहा था। मैं पास गया तो मुझे देखकर उसने ठंडी सांस ली और चश्मा उतार दिया। मैंने पूछा कि तुम यहां क्या कर रहे हो तो उसने मुझे वो डायरी दिखाई। उसमें लिखा था ‘सलाखें’। मैंने पूछा, क्या है ये? तो उसने बताया, जब मैं जेल में था, तो मेरे साथ जेल में दो ऐसे लोग भी थे, जिनको शायरी और गजल का मीटर आता था। तो मैंने भी जेल में बैठकर काफी शेर लिखे हैं। हम तीनों ने बैठकर शेरो-शायरी लिखी थी। मैं बस वही डायरी पढ़ रहा था। जेल के अंदर जितनी भी पोएट्री लिखी, उस संग्रह का नाम मैंने ‘सलाखें’ रखा है।
इससे मुझे याद आया कि जेल में संजू रेडियो प्रोग्राम किया करता था। उस प्रोग्राम के लिए मैंने भी कई प्ले लिखकर जेल भिजवाए थे। खैर, मैंने वो नोटबुक ली और खोला तो पहले तो मैं संजू की राइटिंग देखकर हैरान रह गया। इतनी खूबसूरत राइटिंग! मैंने पूछा कि क्या ये तुम्हारी राइटिंग है, तो उसने हां में सिर हिलाया। फिर मैंने शेर पढ़े। वो बेहद अच्छे शेर थे और उनमें बड़े अच्छे अल्फाज का चुनाव किया गया था, बिल्कुल अदबी। मैंने पूछा कि तुमको यह सब कहां से आया है तो वो बोला कि हुजूर, मैं नरगिस और सुनील दत्त का बेटा हूं। बचपन से एक अदबी माहौल में बड़ा हुआ हूं। बचपन से अच्छे अल्फाज सुने हैं। मैंने कहा यार, हम तुम्हारे इतने खास दोस्त हैं और हमें भी इससे पहले तक ये नहीं पता था कि तुम्हारे भीतर एक इतना अच्छा शायर है। उसने फिर एक लड़के को बुलाकर वो पूरी डायरी मुझे जेरॉक्स कराकर दे दी। मुझे आज तक यकीन नहीं होता कि ये शेर संजय दत्त ने लिखे हैं। संजय दत्त का ये पहलू भी है, जो मैंने सोचा कि आप सबसे साझा करूं। परसों संजय दत्त का जन्मदिन है। मैं चाहता हूं कि आप सब दिल से उसके लिए दुआ करें और मेरी भी दिल से दुआ है कि संजू की बहुत लम्बी उम्र हो। कोई दुख, कोई बीमारी, कोई परेशानी उसके नजदीक से भी न गुजरे। इन्हीं दुआओं के साथ संजय दत्त की फिल्म ‘रॉकी’ का ये गाना सुनिए, अपना खयाल रखिए और खुश रहिए।
दोस्तों को सलाम, दुश्मनों को सलाम, रॉकी मेरा नाम रॉकी मेरा नाम…
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