पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर जानकारी देते हुए।
अमृतसर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने पाकिस्तान से हो रही अवैध हथियार तस्करी के दो नेटवर्क (मॉड्यूल) का भंडाफोड़ किया है और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है।
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शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी पाकिस्तान के तस्करों के संपर्क में थे और भारत-पाक सीमा के पास से हथियारों की खेप मंगवाते थे। इन हथियारों का इस्तेमाल गैंगवार और इलाके की शांति भंग करने के लिए किया जाना था।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में सिकंदरजीत सिंह, प्रदीप सिंह उर्फ बब्बी, जर्नैल सिंह और एक किशोर शामिल हैं। इनके पास से 7 पिस्तौल (एक ग्लॉक समेत), 6 जिंदा कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है।
मुख्य आरोपी सिकंदरजीत और नाबालिग काफी समय से पाकिस्तानी तस्करों के संपर्क में थे और खेमकरण बॉर्डर से हथियार मंगवा रहे थे। पुलिस ने गेट हकीमा और बी-डिवीजन थाने में एफआईआर दर्ज की है और अब पूरे तस्करी नेटवर्क की जांच जारी है।

अमृतसर पुलिस की तरफ से जब्त हथियार।
मौके से भारी मात्रा में हथियार जब्त
पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में हथियार व अन्य सामग्री जब्त की है, जिसमें एक 9mm पिस्टल, 1 ग्लॉक, चार .30 बोर पिस्टल, जिनमें ग्लॉक भी शामिल, दो .32 बोर पिस्टल, 6 जिंदा कारतूस, एक मोटरसाइकिल शामिल हैं।

डीजीपी गौरव यादव।
पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की शुरू
इस संबंध में थाना गेट हकीमा और थाना बी-डिवीजन, अमृतसर में एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस अब मामले की आगे की जांच कर रही है ताकि तस्करी से जुड़े पिछले और भविष्य के नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
भारी मात्रा में भारत आ रही ग्लॉक
पंजाब में हाल के समय में पुलिस द्वारा की गई हथियार बरामदगी की कार्रवाई में सबसे अधिक संख्या ग्लॉक पिस्टल की रही है। इसकी लगातार हो रही रिकवरी इस बात का संकेत है कि गैंगस्टर नेटवर्क में इस हथियार की मांग तेजी से बढ़ी है। इसकी प्रमुख वजह है, ग्लॉक की हल्की बनावट, अचूक निशाना और इस्तेमाल में आसानी।
ग्लॉक: सेना और सुरक्षा बलों के बाद अब गैंगस्टरों की पसंद
ग्लॉक पिस्टल मूल रूप से ऑस्ट्रिया में निर्मित होती है और यह दुनिया के 70 से अधिक देशों की सेनाओं और सुरक्षा बलों द्वारा उपयोग की जाती है, जिनमें अमेरिका, इंग्लैंड और भारत भी शामिल हैं। यह मिलिट्री कैटेगरी की सबसे हल्की और कॉम्पैक्ट पिस्टलों में से एक मानी जाती है। इसमें एक मैगजीन में 17 गोलियों की क्षमता होती है।
काले बाजार में तीन गुना कीमत
ग्लॉक पिस्टल की कीमत सामान्य रूप से करीब 1 लाख रुपए होती है, लेकिन ब्लैक मार्केट में यह 2 से 3 लाख रुपये तक में बिकती है। इसकी बढ़ती मांग और सीमित उपलब्धता इसके काले बाजार मूल्य को तीन गुना तक बढ़ा देती है।
गैंगस्टरों के बीच लोकप्रियता के कारण
ग्लॉक की सबसे बड़ी खासियत इसका हैंडलिंग में आसान होना है। इसकी बनावट ऐसी है कि इसे छिपाना, उठाना और इस्तेमाल करना बेहद सहज होता है। इसके अलावा, इसकी एक बार लोड की गई मैगजीन में 17 राउंड की क्षमता होती है, जिससे बार-बार री-लोडिंग की जरूरत नहीं पड़ती- यह विशेषता गैंगस्टरों के लिए बेहद आकर्षक बनती है।
ISI के जरिए भारत में तस्करी
सूत्रों के अनुसार, इस पिस्टल की तस्करी में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका भी सामने आई है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते आतंकी संगठनों की मदद से ग्लॉक पिस्टल पंजाब में सक्रिय गैंगस्टरों तक पहुंचाई जा रही हैं।
पंजाब पुलिस की ताजा कार्रवाइयों में हर खेप से ग्लॉक पिस्टल की बरामदगी यह दर्शाती है कि यह अब गैंगवार्स और आपराधिक गतिविधियों में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला हथियार बन गया है।