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सोमनाथ (वेरावल)33 मिनट पहले
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तलाला से विसावदर तक का यह 15 किलोमीटर का रास्ता गिर के जंगल के बीच से होकर गुजरता है।
एशियाटिक लॉयंस के लिए फेमस गुजरात के गिर फॉरेस्ट से एक रोचक नजारा सामने आया है। सासण से विसावदर जाने वाले जंगल के रास्ते पर 12 शेरों का झुंड टहलता नजर आया। इस झुंड में 9 शावकों के साथ तीन शेरनियां थीं।
बारिश थमते ही घूमने निकल पड़ा परिवार तलाला से विसावदर तक का यह 15 किलोमीटर का रास्ता गिर के जंगल के बीच से होकर गुजरता है। बरसात के मौसम के बीच बारिश थमते ही शेरों का परिवार जंगल में घूमने निकल पड़ा। तालाला से विसावदर की ओर आने-जाने वाले स्थानीय लोग यह नजारा देख रोमांचित हो गए।

एक साथ 12 शेरों को देख रोमांचित हुए पर्यटक गिर में शेर प्रजाति के संरक्षण और प्रजनन में वन विभाग और स्थानीय लोगों की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई है। शेर प्रजाति के लिए किए जा रहे सुरक्षा और प्रजनन प्रयासों के कारण उनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। नतीजतन, गिर और उसके आसपास के दस तालुकाओं में शेर परिवारों का दिखना अब आम बात हो गई है। ये नजारे गिर के जंगल के समृद्ध वन्य जीवन का प्रतीक और गुजरात के लिए गर्व की बात है।

891 शेर हो चुके हैं गिर फॉरेस्ट में हाल ही में हुई शेरों की गणना में शेरों और शेरनियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। विधानसभा में CM भूपेंद्र पटेल ने शेरों की गिनती के बाद नए आंकड़े जारी किए थे। साल 2020 में 674 शेर थे, जो अब बढ़कर 891 हो गए हैं। इनमें 196 शेर, 330 शेरनियां और 225 शावक शामिल हैं।
इस साल 10 से 13 मई 2025 के बीच अत्याधुनिक तकनीक से शेरों की गिनती की गई, जिसके आधार पर यह आंकड़ा जारी किया गया है। गुजरात के 11 जिलों की 58 तहसीलों में शेरों की उपस्थिति दर्ज की गई है। जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, द्वारका, पोरबंदर और राजकोट जिलों में शेर पाए गए हैं।

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