17 मिनट पहले
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एक्टर रोनित रॉय ने हाल ही में अपने करियर के शुरुआती दिनों के संघर्षों के बारे में बात की। रोनित ने बताया कि उनकी पहली फिल्म के आने से पहले हालात बहुत खराब थे। उनके पास एक वक्त के खाने के भी पैसे नहीं होते थे। कई बार खाना भी छोड़ना पड़ता था।
हिंदी रश से बात करते हुए रोनित ने कहा, “बांद्रा स्टेशन के पास एक बहुत मशहूर ढाबा था। रोज मैं वहीं खाना खाता था। मेरे पास एक ही टाइम का खाना खाने के पैसे होते थे। कभी काली दाल और 2 रोटियां खाता तो कभी पालक-पनीर और 2 रोटियां खाता था।

रोनित ‘बॉस’, ‘2 स्टेट्स’ और ‘काबिल’ जैसी फिल्मों में दिखे हैं।
रोनित ने आगे कहा, “एक दिन मैंने उनसे बस रोटियां और प्याज मांगी क्योंकि पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने मुझे 2 रोटियां और थोड़ी दाल दे दी। मैंने कहा कि मैंने दाल नहीं मांगी थी। उन्होंने कहा, ‘कोई बात नहीं मेरी तरफ से, आज आपका दाल का दिन है।”
रोनित ने बताया कि आज भी उन्हें उस इंसान का चेहरा याद है। उस घटना को याद करते हुए उनकी आंखें भर आईं।

रोनित ने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में मिहिर की भूमिका निभाई थी।
डेब्यू के बाद भी रोनित को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा
रोनित ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि डेब्यू के बाद भी उनकी आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं थी।
रोनित ने कहा, “मेरी पहली फिल्म के लिए मुझे 50 हजार रुपए मिले थे। वो भी 4 हजार हर महीने के हिसाब से किस्तों में दिए गए। उस समय वो रकम मेरे लिए बहुत थी, लेकिन डेब्यू के बाद भी जो भी फिल्में कीं, उनसे बस जैसे-तैसे खर्च चल पाता था। पैसे कभी हाथ में नहीं आए। सब कुछ हाथ से मुंह तक ही था।”

रोनित रॉय ने बॉलीवुड फिल्मों में डेब्यू 1992 में ‘जान तेरे नाम’ से किया था।