Adnan Khan reaction on the new twist in Mannat | ‘मन्नत’ के नए ट्विस्ट पर अदनान खान का रिएक्शन: बोले- विक्रांत हीरो बनेगा या विलेन, कुछ कह नहीं सकते, लेकिन दिल जरूर टूटा है

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6 घंटे पहले

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सीरियल ‘मन्नत’ में इन दिनों कई नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में शो में विक्रांत का किरदार निभा रहे अभिनेता अदनान खान ने दैनिक भास्कर से बातचीत की, जिसमें उन्होंने शो में आने वाले नए ट्विस्ट के बारे में बताया। साथ ही यह भी शेयर किया कि इस किरदार को निभाते समय उन्हें किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

आने वाले समय में विक्रांत का किरदार किस मोड़ पर जाएगा? क्या वह विलेन बनेगा या हीरो?

देखिए, कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में न तो जानबूझकर विलेन बनना चाहता है और न ही जरूरी है कि हर कोई हीरो ही बने। अक्सर इंसान वही करता है जो उसे उस वक्त सही लगता है। खुद को सुरक्षित रखने के लिए या फिर अपने दर्द से उबरने के लिए।

विक्रांत के दिल में इस समय बहुत गहरा दर्द है। जिसे वह दिल से चाहता था, उसी ने उससे यह कह दिया कि अगर पैसे दोगे तो मैं भी तुमसे प्यार करूंगी। यह बात किसी को भी तोड़ सकती है। इसके अलावा भी विक्रांत की जिंदगी में कई मुश्किलें चल रही हैं। अब वह जिस रास्ते पर जाएगा। चाहे वह सही हो या गलत, वह सिर्फ खुद को सुकून देने के लिए होगा। इसलिए ये कहना अभी मुश्किल है कि वह विलेन बनेगा या हीरो।

विक्रांत और मन्नत का रिश्ता अब किस दिशा में जा रहा है दर्द या दोस्ती?

अभी तक जो कुछ भी चल रहा है उसे देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि विक्रांत और मन्नत का रिश्ता बहुत सारे दर्द से गुजर रहा है।

जब कोई इमोशनल सीन होता है वह आपके लिए कितने मुश्किल रहते हैं?

इमोशनल सीन मेरे लिए हमेशा से एक चुनौती रहे हैं। मुझे अक्सर लगता है कि मैं एक्टिंग छोड़ दूं। मुझे इम्पोस्टर सिंड्रोम है। सेट पर जब मैं देखता हूं कि दूसरे लोग कैमरा, एडिटिंग या राइटिंग जैसे अलग-अलग काम करते हैं तो मन करता है कि मैं भी उन्हें ज्वाइन कर लूं। 99 प्रतिशत मुझे ऐसा लगता है कि मैं क्या कर रहा हूं। ऐसे में जब कोई इमोशनल सीन आता है, तो वह मेरे लिए काफी मुश्किल हो जाता है।

विक्रांत के किरदार को जस्टिफाई करते वक्त आपको सबसे ज्यादा क्या मुश्किल लगती है?

हाल ही में एक ऐसा सीन था जिसमें मुझे किसी को जलन फील करवाना था ताकि वह अपनी फीलिंग्स को समझ सके। उस समय विक्रांत के अंदर एक जिद थी कि उसे अपनी मंजिल हासिल करनी ही थी, चाहे कुछ भी हो। मुझे वह सीन सही तरीके से निभाना था ताकि विक्रांत की जिद और उसका इरादा दोनों लोगों तक पहुंचे। यह जस्टिफाई करना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था क्योंकि मुझे अपने अंदर की गहराई तक जाकर उस जज्बे को महसूस करना था। फिर भी मेरा यह मानना है कि इंसान कुछ भी कर सकता है अगर वह पूरे दिल से कोशिश करे। यही सोचकर मैंने उस सीन को निभाने की पूरी कोशिश की।

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