नई दिल्ली4 घंटे पहले
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एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।
एविएशन एक्सपर्ट सनत कौल ने एअर इंडिया फ्लाइट AI171 की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट ठीक नहीं लग रही है। इसमें जरूरी हस्ताक्षर भी नहीं हैं, जबकि यह जरूरी होता है।
कौल का कहना है कि इस जांच टीम में ऐसे पायलट को शामिल किया जाना चाहिए, जिसे बोइंग 787 या कम से कम 737 विमान की पूरी समझ हो। उन्होंने यह भी जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की गाइडलाइंस, खासकर Annex 13 के अनुसार जांच होनी चाहिए। इसमें अनुभवी पायलट को भी शामिल करना चाहिए।
सरकार ने बताया कि यह जांच ICAO के नियमों और 2017 के विमान दुर्घटना जांच नियमों के तहत हो रही है। इसकी अध्यक्षता गृह सचिव कर रहे हैं, जिसमें कई बड़े अधिकारी शामिल हैं।
दरअसल, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी।

पायलट संघ ने भी जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए इससे पहले फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। उनका कहना है कि जांच टीम में अनुभवी पायलटों को शामिल नहीं किया गया है। पायलट की गलती को पहले से ही कारण मान लिया गया है, जो अनुचित है।
पायलट संघ का आरोप है कि रिपोर्ट को बिना किसी जरूरी हस्ताक्षर के मीडिया में लीक किया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं और जांच की विश्वसनीयता कमजोर होती है।
मामले में एक्सपर्ट्स के बयान पढ़ें …



रिपोर्ट- चेतावनी के बावजूद उड़ा ड्रीमलाइनर अहमदाबाद प्लेन हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने शुरुआती जांच रिपोर्ट शुक्रवार रात करीब ढाई बजे जारी की। भारत सरकार की यह संस्था हवाई हादसों की जांच करती है।
AAIB की रिपोर्ट में कहा गया है कि AI-171 कोड के साथ लंदन जाने वाले एअर इंडिया ड्रीमलाइनर ने पिछली उड़ान दिल्ली से अहमदाबाद के बीच भरी थी। उड़ान के ठीक बाद पायलट ने ‘STAB POS XDCR’ नाम का तकनीकी अलर्ट दर्ज कराया था। इस अलर्ट का मतलब है कि विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल हो सकता है।
यह सेंसर बताता है कि विमान का हॉरिजेंटल स्टेबलाइजर (पिच बैलेंस बनाने वाला पिछला पंख) किस स्थिति में है। यदि यह डेटा सही न मिले, तो ऑटोपायलट, पिच कंट्रोल और स्टॉल प्रोटेक्शन जैसे अहम सिस्टम गलत कमांड देने लगते हैं। विशेषकर टेकऑफ और शुरुआती चढ़ाई जैसे क्रिटिकल फेज में यह गलती हो सकती है।

अहमदबाद प्लेन हादसे में 270 लोगों की मौत हुई थी।
क्रिटिकल अलर्ट के एक घंटे बाद उड़ान भरने की इजाजत
पायलट ने सुबह 11:17 बजे यह अलर्ट दिया था और 12:40 बजे विमान को उड़ान की मंजूरी दे दी गई। यानी महज एक घंटे में गड़बड़ी दूर करने का दावा करके विमान को उड़ान के लिए क्लियर कर दिया गया।
इसी विमान ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए टेकऑफ किया और महज 30 सेकेंड बाद दोनों इंजन बंद होने से यह एयरपोर्ट के पास बने मेडिकल हॉस्टल बिल्डिंग पर क्रैश हो गया। हादसे में विमान 241 लोगों समेत कुल 270 लोग मारे गए थे। विमान में केवल एक यात्री जिंदा बचा था।
हादसे की शुरुआती रिपोर्ट को लेकर सरकार ने कहा है कि इस पर स्टडी की जा रही है। इस पर अभी कोई निष्कर्ष न निकाला जाए।

टेकऑफ के 3 सेकेंड में ही दोनों इंजन के फ्यूल स्विच बंद हुए अहमदाबाद में क्रैश एअर इंडिया विमान के साथ आखिरी पलों में क्या हुआ था? एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने 15 पेज की शुरुआती रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है।
इसके अनुसार दोनों पायलट अनुभवी और उड़ान के लिए फिट थे। विमान भी फिट था। कुछ समय पहले इंजन बदले थे। हालांकि उड़ान भरने के 3 सेकेंड में ही फ्यूल स्विच बंद हो गए।
रिपोर्ट किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है, लेकिन जांच की दिशा काफी हद तक स्पष्ट हो रही है। इंजन फ्यूल कट ऑफ होना असामान्य है। ऐसे में, तकनीकी या मानवीय चूक दोनों पर जांच बढ़ेगी।
क्रिटिकल रिकवरी सिस्टम फेल या देर से एक्टिव होना भी जांच के दायरे में है। आइए विस्तार से जानते हैं रिपोर्ट में क्या-क्या कहा गया है…
विमान हादसे की जांच रिपोर्ट के अहम पॉइंट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें….
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