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अहमदाबाद41 मिनट पहले
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एअर इंडिया ड्रीमलाइनर का ब्लैक बॉक्स को 13 जून को मेडिकल हॉस्टल की छत से बरामद किया गया था।
अहमदाबाद में 12 जून को क्रैश हुए एअर इंडिया विमान का ब्लैक बॉक्स जांच के लिए अभी विदेश नहीं भेजा गया है। केंद्र सरकार ने इसको लेकर बयान जारी किया है।
केंद्र ने गुरुवार को कहा कि प्लेन के ब्लैक बॉक्स को कहां भेजा जाएगा, इसका फैसला एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) करेगा। यह फैसला सभी तकनीकी, सुरक्षा और गोपनीय पहलुओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। फिलहाल AAIB की जांच जारी है।
इसके अलावा गृह सचिव के नेतृत्व में हाई लेवल कमेटी भी हादसे की जांच कर रही है, जो तीन महीने में रिपोर्ट देगी।
केंद्र ने बताया कि प्लेन से दो ब्लैक बॉक्स (CVR और DFDR) सेट मिले हैं। पहला सेट 13 जून को और दूसरा 16 जून को बरामद किया गया। यह मॉडल दो ब्लैक बॉक्स सेट के साथ आता है।
दरअसल, अहमदाबाद में 12 जून को लंदन जाने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी। इसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक यात्री की जान बच गई थी। वहीं, इस घटना में कुल 270 लोग मारे गए थे।

फ्लाइट नंबर AI-171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।
एयर इंडिया बोली- विमान अच्छी तरह मेंटेन था एयर इंडिया के CEO कैम्पबेल विल्सन ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त ड्रीमलाइनर (Boeing 787-8) विमान पूरी तरह ठीक था। इसका आखिरी बड़ा चेक जून 2023 में हुआ था और अगला दिसंबर 2025 में तय था। उन्होंने बताया कि दाएं इंजन की ओवरहॉलिंग मार्च 2025 में और बाएं इंजन की जांच अप्रैल 2025 में की गई थी।
इसे ब्लैक बॉक्स क्यों कहते हैं ‘ब्लैक बॉक्स’ नाम को लेकर कई बातें कही जाती हैं। एक मान्यता है कि पहले इसके अंदर का हिस्सा काला होता था, इसलिए इसे यह नाम मिला। दूसरी राय यह है कि हादसे के बाद आग से जलकर इसका रंग काला हो जाता है, इसलिए लोग इसे “ब्लैक बॉक्स” कहने लगे।



ब्लैक बॉक्स से संबंधित 6 जरूरी सवाल-जवाब
- इसे ब्लैक बॉक्स क्यों कहते हैं?
- “ब्लैक बॉक्स” नाम को लेकर कई बातें कही जाती हैं। एक मान्यता है कि पहले इसके अंदर का हिस्सा काला होता था, इसलिए इसे यह नाम मिला। दूसरी राय यह है कि हादसे के बाद आग से जलकर इसका रंग काला हो जाता है, इसलिए लोग इसे “ब्लैक बॉक्स” कहने लगे।
- ब्लैक बॉक्स दिखता कैसा है? ब्लैक बॉक्स असल में ओरेंज रंग का होता है और बॉक्स जैसा नहीं दिखता। यह अलग-अलग आकार का हो सकता है—जैसे गोल, बेलनाकार या गुंबद जैसा। इसका आकार इतना बड़ा होता है कि प्लेन के मलबे में आसानी से मिल सके।
- ब्लैक बॉक्स को हादसे के बाद कैसे खोजते हैं? अगर विमान पानी में गिरता है तो ब्लैक बॉक्स का अंडरवाटर बीकन पानी छूते ही सिग्नल भेजना शुरू कर देता है। अगर हादसा जमीन पर होता है तो इसका चमकीला नारंगी रंग इसे ढूंढने में मदद करता है।
- कैसे बचाता है डेटा? ब्लैक बॉक्स को विमान के सबसे सुरक्षित हिस्से, आमतौर पर टेल सेक्शन में रखा जाता है। यह टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील से बना होता है। 1100 डिग्री सेल्सियस तापमान व समुद्र की गहराई में दबाव को झेल सकता है। पानी में गिरने पर यह 14,000 फीट गहराई तक से सिग्नल भेज सकता है।
- ब्लैक बॉक्स मिलने में समय लग सकता है? कुछ हादसों में ब्लैक बॉक्स ढूंढने में बहुत समय लगता है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि नहीं मिले। उदाहरण: – श्रीविजया एयर जेट (9 जनवरी 2021): करीब 3 दिन में मिल गया। – एयर फ्रांस 447 (1 जून 2009): 699 दिन बाद मिला। – मलेशिया एयरलाइंस 370 (8 मार्च 2014): अब तक नहीं मिला।
- भारत में जांच कहां होती है? दिल्ली में हाल ही में DFDR & CVR लैब की शुरुआत हुई है, जहां ब्लैक बॉक्स से डाटा निकाला और एनालिसिस किया जा सकता है। यहीं पर इस ब्लैक बॉक्स की जांच भी की जाएगी।
अहमदाबाद प्लेन हादसा- 211 DNA मैच, 189 शव सौंपे गए
अहमदाबाद प्लेन हादसे में जान गंवाने वाले अब तक 211 मृतकों की पहचान DNA टेस्ट से हो चुकी है और 189 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। यह जानकारी गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने गुरुवार को दी।
सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि अब तक जिन शवों को सौंपा गया, उनमें 131 भारतीय नागरिक, 4 पुर्तगाली, 30 ब्रिटिश नागरिक, 1 कनाडाई और 6 गैर यात्री शामिल हैं। हादसे के बाद 71 घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिनमें से अब केवल 7 मरीज इलाज करा रहे हैं। बाकी मरीजों को छुट्टी दे दी गई है।
एअर इंडिया कल से 15% अंतरराष्ट्रीय उड़ानें घटाएगी एअर इंडिया अंतरराष्ट्रीय वाइडबॉडी विमानों की उड़ान 15% कम करेगा। व्यवस्था 20 जून से लागू होगी और जुलाई मध्य तक जारी रहेगी। यह निर्णय AI171 विमान हादसे के छह दिन बाद लिया गया है।
मकसद विमान बेड़े की सुरक्षा जांच और तकनीकी निरीक्षण है। इससे कंपनी के पास इंटरनेशनल रिजर्व एयरक्राफ्ट की उपलब्धता रहेगी, ताकि आकस्मिक व्यवधान से निपटा जा सके।
कंपनी ने कहा है, जिन यात्रियों की उड़ानें प्रभावित होंगी, उन्हें वैकल्पिक उड़ानों से भेजेंगे या पूरा रिफंड देंगे।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश साइट का नया VIDEO

हॉस्टल की चौथी मंजिल से कूदते स्टूडेंट्स।
अहमदाबाद में 12 जून को हुए प्लेन क्रैश के समय का एक नया वीडियो सामने आया। इस वीडियो में मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं हॉस्टल की बिल्डिंग की तीसरी और चौथी मंजिल से कूदते हुए नजर आ रहे हैं।
एअर इंडिया का प्लेन मेस की बिल्डिंग में क्रैश हुआ था। इसका असर मेस के आसपास हॉस्टल की बिल्डिंग पर भी पड़ा। हॉस्टल की कई इमारतों में आग लग गई।
वीडियो में दिख रहा है कि जिस इमारत की बालकनी से स्टूडेंट्स उतरने की कोशिश कर रहे हैं, उसके दोनों तरफ आग लगी हुई है। स्टूडेंट्स चौथी मंजिल से चादर के सहारे तीसरी मंजिल पर आने की कोशिश कर रहे हैं।
12 जून को हुआ था हादसा, प्लेन सवार 241 की मौत हुई
12 जून को एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 (787-8 बोइंग ड्रीमलाइनर) उड़ान के कुछ देर बाद ही क्रैश हुई थी। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज ऐंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया था।
इस हादसे में प्लेन में सवार 241 लोग (229 यात्री (एक जीवित) और 10 केबिन क्रू, 2 पायलट), हॉस्टल बिल्डिंग और बाकी 34 लोगों को मिलाकर 275 की मौत हुई है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, कुल मौत का अंतिम आंकड़ा सभी DNA टेस्ट होने के बाद साफ होगा।
टाटा ग्रुप मृतकों के परिजन को ₹1 करोड़ देगा
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा- टाटा ग्रुप द्वारा मृतकों के परिजन को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सभी घायलों का इलाज पूरी तरह टाटा ग्रुप की ओर से कराया जाएगा। बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास (Hostel) के निर्माण में भी टाटा ग्रुप मदद करेगा।
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