Amarnath Yatra 2025 Photos Update; Ganderbal Pahalgam Base Camp | Baba Barfani | अमरनाथ यात्रा-11 दिन में 2 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए: 13वां जत्था जम्मू से रवाना; गांदरबल में तीर्थयात्रियों के काफिले का वाहन पलटा, 3 घायल


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28 मिनट पहले

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अमरनाथ यात्रा के लिए अबतक 4 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। - Dainik Bhaskar

अमरनाथ यात्रा के लिए अबतक 4 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।

अमरनाथ यात्रा के पहले 11 दिनों में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए हैं। रविवार को 20,000 तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे। यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी।

इधर सोमवार को 6,100 यात्रियों का छठा जत्था सोमवार को जम्मू से गांदरबल के बालटाल और पहलगाम के नुनवान बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।

गांदरबल जिले के जेड-मोड़ टनल के पास तीर्थयात्रियों के काफिले का वाहन पलट किया। हादसे में CRPF के 3 जवान घायल हो गए। इससे पहले रविवार को कुलगाम में 3 बसों की आपस में टक्कर होने से 10 यात्री घायल हुए थे।

अबतक 4 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। 38 दिन तक चलने वाली यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूट से जारी है। समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे।

अमरनाथ यात्रा से जुड़ी तस्वीरें…

3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई। पहली आरती की तस्वीर।

3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई। पहली आरती की तस्वीर।

पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग।

पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग।

श्रीनगर सेक्टर में यात्रा मार्ग पर CRPF के जवानों की तैनाती की गई है।

श्रीनगर सेक्टर में यात्रा मार्ग पर CRPF के जवानों की तैनाती की गई है।

पवित्र गुफा के लिए जा रहा तीर्थयात्रियों का एक जत्था।

पवित्र गुफा के लिए जा रहा तीर्थयात्रियों का एक जत्था।

अमरनाथ यात्रा पर आई एक श्रद्धालु को तुरंत ऑक्सीजन मुहैया कराती हुई टीम।

अमरनाथ यात्रा पर आई एक श्रद्धालु को तुरंत ऑक्सीजन मुहैया कराती हुई टीम।

तस्वीर अमरनाथ यात्रा गुफा के रास्ते की है। दर्शनार्थियों के लिए खास व्यवस्था की गई हैं।

तस्वीर अमरनाथ यात्रा गुफा के रास्ते की है। दर्शनार्थियों के लिए खास व्यवस्था की गई हैं।

अमरनाथ यात्रा मार्ग पर क्या-क्या

  • यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 581 अलग-अलग सुरक्षा कंपनियों का चाक-चौबंद बंदोबस्त किया गया है। इसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईबीटीपी और सीआईएसएफ समेत सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं।
  • बालटाल से लेकर गुफा तक के मार्ग पर हर दो किलोमीटर पर मेडिकल कैंप लगाए हैं। बीच में कई जगहों पर गोदाम भी चालू कर दिए गए हैं। इस साल गुफा की ओर जाने वाले रास्ते पर चार स्टैंड बनाए गए हैं, जबकि पैदल, घोड़े पर और पालकी में जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते भी अलग-अलग बनाए गए हैं।
  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर 50 मीटर पर एक जवान तैनात है। मुंबई से आए तीर्थयात्री प्रसाद ठाकुर ने कहा कि जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं था उनका भी बहुत जल्दी रजिस्ट्रेशन हो गया है। आज 70 से 80 हजार तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए होंगे। भंडारे में खाने का अच्छा इंतजाम है। शौचालय से लेकर रहने तक की सारी व्यवस्था बढ़िया हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पहलगाम रूट बेहतर यदि आप अमरनाथ सिर्फ धार्मिक यात्रा के रूप में आ रहे हैं तो बालटाल रूट बेहतर है। यदि कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से जीना चाहते हैं तो पहलगाम रूट बेहतर है। हालांकि इसकी हालत बालटाल रूट के विपरीत है।

गुफा से चंदनबाड़ी तक सफर थकान, धूलभरा है। रास्ता पत्थरों वाला और कहीं-कहीं बहुत संकरा है। 48 किमी लंबे जर्जर रूट पर कई जगह रेलिंग गायब है तो कहीं घोड़ों के लिए अलग रास्ता है।

भास्कर टीम ने दूसरे दिन का सफर पहलगाम रूट से किया। जैसे ही आप गुफा से इस रूट पर बढ़ते हैं, जवान डॉग स्क्वॉड के साथ मिल जाएंगे। पंचतरणी से आगे बुग्यालों (पहाड़ों पर हरी घास के मैदान) में बैठे जवान दिखेंगे।

ये नजारा 14,800 फीट ऊपर गणेश टॉप, पिस्सू टॉप पर भी दिखा। पिछली बार इतनी सुरक्षा नहीं थी।

कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूट

1. पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है।

तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।

2. बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।

यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखें… यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बैग अपने साथ रखें।

3888 मीटर की ऊंचाई पर है अमरनाथ गुफा

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