4 मिनट पहले
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कथावाचक प्रेमानंद महाराज जी अपने उस बयान से विवादों में घिर गए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था लिव इन और शादी से पहले हो रहे अफेयर्स की निंदा करते हुए कहा कि आजकल 100 में से 4 लड़कियां ही पवित्र हैं। उनके बयान पर देशभर में आपत्ति जताई जा रही है। हालांकि अब अंकिता लोखंडे उनके सपोर्ट में उतरी हैं। अंकिता ने कहा है कि उन्होंने सही कहा है।
अंकिता ने राजीव अदातिया की पोस्ट री-पोस्ट की है, जिसमें लिखा है, बिल्कुल सही कहा, कान खोलो, दोनों लड़की और लड़के को बोला है और जो उन्होंने कहा है वो पूरी तरह सच है। प्रेमानंद महाराज जी को पूरा सपोर्ट है। इस दौर में, इस दुनिया में, ऐसे लोग ही हैं जो आध्यात्मिकता की सादगी को फिर से वापस लाते हैं। कुछ भी गलत नहीं बोला है।

क्या था प्रेमानंद जी का पूरा बयान
एक सभा में कथावाचक प्रेमानंद महाराज से पूछा गया था कि आजकल लव मैरिज और अरेंज मैरिज में भी परिणाम अच्छे नहीं आ रहे। इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘अच्छे आएंगे कहां से आजकल बच्चियों और बच्चों के चरित्र पवित्र नहीं हैं। अच्छे कैसे आएंगे। हमारी माताओं-बहनों के पहले रहन-सहन देखो। हम अपने गांव का बता रहे हैं बूढ़ी थी, माथे से नीचे पल्लू नहीं लेती थी और के बच्चे कैसी पोशाकें पहन रहे हैं। कैसे आचरण कर रहे हैं। एक लड़के से ब्रेकअप, दूसरे से व्यवहार, फिर दूसरे से ब्रेकअप, तीसरे से व्यवहार। कैसे शुद्ध होगा। मान लो हमें 4 होटल का भोजन खाने की जुबान में आदत पड़ गई। तो घर की रसोई का भोजन अच्छा नहीं लगेगा।’
‘जब 4 पुरुष से मिलने की आदत पड़ गई है, तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत उसमें नहीं रह जाएगी। ऐसे ही जब 4 लड़कियों से व्यभिचार की आदत लग चुकी है, तो वो अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रहेगा। उसे 4 से व्यभिचार करना पड़ेगा, क्योंकि उसने आदत बना ली है। हमारी आदतें खराब हो रही हैं, हमारे बच्चों की आदतें खराब हो रही हैं। ये जो मोबाइल चल गया है जो गंदी बातें चल गई हैं। तो आजकल बहू मिलना या पति मिलना मुश्किल है। 100 में से 2-4 कन्याएं ऐसी होंगी, जो अपना जीवन पवित्र रखकर किसी पुरुष को समर्पित होती होंगी। कैसे वो सच्ची बहू बनेगी, जो 4 लड़कों से मिल चुकी हो? जो 4 लड़कियों से मिल चुका हो सच्चा पति बनेगा?’
‘हमारा भारत देश धर्म प्रधान देश है, अब जो हमारे देश में गलतियां घुस गई हैं, विदेशी माहौल घुस गया है। ये लिव इन रिलेशन क्या है, गंदगी का खजाना। हमारे यहां पवित्रता के लिए जान दे दी। जब मुगलों का आक्रमण हुआ, तब पवित्रता के लिए जान दे दी, लेकिन छूने नहीं दिया शरीर को, आज ये सब क्या है।’