2 मिनट पहले
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ब्लैक फ्राइडे, देव डी, गुलाल और गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी बेहतरीन फिल्में बना चुके पॉपुलर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी है। फिल्ममेकर की मानें तो इंडस्ट्री का माहौल बेहद टॉक्सिक हो चुका है।
हाल ही में द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने कहा, मैंने मुंबई छोड़ दिया है। मैं इस इंडस्ट्री के लोगों से दूर जाना चाहता हूं। कोई भी शहर सिर्फ इमारतों से नहीं लोगों से बनता है और इस शहर में लोग एक-दूसरे को नीचे धकेलने में लगे हुए हैं। फिल्म शुरू करते ही लोग सोचने लगते हैं कि फिल्म को बेचेंगे कैसे। क्रिएटिविटी की कोई बात नहीं कर रहा है। फिल्म बनाने का मजा अब यहां नहीं है।
आगे उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि यहां क्रिएटिव लोग नहीं है, लेकिन उनके लिए इस सिस्टम में आगे जाने के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। इसलिए मैं यहां से दूर जा रहा हूं। अगले साल तक मुंबई शहर छोड़ दूंगा। कई फिल्ममेकर्स ने इंडस्ट्री के बदलते माहौल के कारण मुंबई छोड़ा है। कई लोग मिडिल ईस्ट, पुर्तगाल, लंदन, जर्मनी और अमेरिका शिफ्ट हो रहे हैं।

कुछ महीनों पहले मिली थीं जान से मारने की धमकियां
बताते चलें कि बीते साल अनुराग कश्यप ने कहा था कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। अनफिल्टर विद समधीश पॉडकास्ट में उन्होंने कहा था कि उन्हें सिर्फ सोशल मीडिया वाली धमकियां नहीं, बल्कि असली धमकियां मिल रही थीं। इसी वजह से उन्हें सरकार से पुलिस सिक्योरिटी की मांग करनी पड़ी थी। बदमाशों ने एक बार गलतफहमी में अनुराग की जगह फिल्म ‘भेड़िया’ के डायरेक्टर अमर कौशिक को पकड़ लिया था। एक समय में उनकी बेटी आलिया को भी धमकियां दी जाने लगी थीं।
अनुराग का जन्म यूपी के गोरखपुर शहर में हुआ था। उन्होंने 1998 में राम गोपाल वर्मा की क्राइम ड्रामा फिल्म ‘सत्या’ से अपने करियर की शुरुआत की थी, वो इसके को-राइटर थे। इसके बाद उन्हें ‘देव डी’ से सफलता मिली। 2012 में उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्म बना कर दर्शकों का दिल खुश कर दिया था। अनुराग की यह फिल्म सिर्फ उनके लिए ही फायदेमंद साबित नहीं हुई, बल्कि फिल्म ने कई चेहरों को नई पहचान भी दी। उन्होंने फिर ‘गुलाल’, ‘दैट गर्ल इन येलो बूट्स’, ‘बॉम्बे वैल्वेट’, ‘रमन राघव 2.0’, ‘मुक्केबाज’ जैसी कई अन्य फिल्में बनाईं।
