Ashad month starts from today, significance of ashad month in hindi, rituals about ashad month in hindi | आज से आषाढ़ मास शुरू: 10 जुलाई तक रहेगा आषाढ़, इस महीने में भगवान विष्णु और शिव की विशेष पूजा करने की है परंपरा


1 घंटे पहले

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हिंदी पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ आज (12 जून) से शुरू हो गया है। ये महीना 10 जुलाई तक रहेगा। वैसे तो कल यानी 11 जून की दोपहर 1.15 बजे से आषाढ़ के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो गई थी, जो कि आज 12 जून की दोपहर 2.28 बजे तक है। इसलिए 12 जून की सुबह सूर्योदय के समय आषाढ़ के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि होने से नए महीने की शुरुआत आज से मानी गई है।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (6 जुलाई) से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं, इसके बाद चार माह तक भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। इस मान्यता के कारण आषाढ़ मास में विष्णु जी और शिव जी का विशेष पूजन करने की परंपरा है।

गर्मी और बारिश के संधिकाल में आता है आषाढ़ मास

अभी गर्मी और बारिश के संधिकाल का समय चल रहा है। ग्रीष्म ऋतु खत्म होगी और वर्षा ऋतु की शुरुआत आषाढ़ मास से ही होती है। मौसमी परिवर्तन के समय जीवन शैली में की गई लापरवाही की वजह से मौसमी बीमारियां हावी हो जाती हैं। ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमें खान-पान और जीवन शैली को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

आषाढ़ मास में करें ये शुभ काम

  • आषाढ़ मास में पूजा-पाठ के साथ ही तीर्थ यात्रा, नदी स्नान, मंत्र जप, दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • इस महीने में पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भी निकलती है। इस साल आषाढ़ शुक्ल द्वितिया (27 जून) को रथ यात्रा निकलेगी। रथ यात्रा के दर्शन करने लाखों भक्त उड़िसा के पुरी पहुंचते हैं। पुरी के साथ ही देश में कई अन्य शहरों में भी रथ यात्रा निकाली जाती है।
  • आषाढ़ मास में रोज सुबह सूर्योदय से पहले जागना चाहिए और स्नान आदि कामों के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करके दिन की शुरुआत करनी चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें। लोटे में जल के साथ ही चावल और फूल भी डालना चाहिए, इसके बाद सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: बोलते हुए अर्घ्य अर्पित करें।
  • पूजा करते समय अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें। शिव मंत्र – ऊँ नमः शिवाय, विष्णु मंत्र – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, कृष्ण मंत्र – कृं कृष्णाय नम:, राम मंत्र – रां रामाय नम:, दुर्गा मंत्र – दुं दुर्गायै नम:, हनुमान मंत्र – ऊँ रामदूताय नम: का जप करें।
  • रोज सुबह पूजा-पाठ के साथ ही कुछ देर ध्यान भी करना चाहिए। ध्यान करने से मन शांत होता है, नकारात्मकता दूर होती है और हम अपने काम एकाग्रता से कर पाते हैं।
  • किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गायों को हरी घास खिलाएं। जरूरतमंद लोगों को खाना, कपड़े, जूते-चप्पल, अनाज, धन का दान करें। किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें।

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