astronaut Shubhanshu Shukla coming Lucknow on 17th August; Aiom-4 mission NASA | Indian astronaut names list | एस्ट्रोनॉट शुभांशु 17 अगस्त को भारत आएंगे: लखनऊ में पिता बोले- बेटा चलने की 4 घंटे प्रैक्टिस कर रहा, गले मिले 1 साल हो गया – Lucknow News

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लखनऊ के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ठीक 35 दिन बाद यानी 17 अगस्त को भारत आएंगे। उनके पिता शंभु दयाल शुक्ला ने यह जानकारी दैनिक भास्कर से साझा की। उन्होंने बताया- बेटे से गले मिले एक साल हो गया। 17 अगस्त को वह भारत लौटेंगे।

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लखनऊ आएंगे या बेंगलुरु जाएंगे, यह अभी कंफर्म नहीं है। अगर वह लखनऊ नहीं आएंगे, तो हम बेंगलुरु जाएंगे। अभी वह अंतरिक्ष से लौटने के बाद फिर से चलना सीख रहे हैं। इसके लिए रोजाना 4 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। वहीं, मां आशा शुक्ला कहती हैं- वह काफी कमजोर दिख रहे हैं। वीडियो कॉल पर बेटे को इस हालत में देखती हूं तो इमोशनल हो जाती हूं। घर आए तो जो कहेगा, वही बनाकर खिलाऊंगी।

एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए थे। 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। 18 दिन रहने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौट थे। कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग हुई थी।

शुभांशु की फिजियोथेरेपी की 2 तस्वीरें देखिए-

शुभांशु माइक्रोग्रैविटी से आने के बाद पैदल चलने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। अभी बॉडी पर फुल कंट्रोल नहीं आया है।

शुभांशु माइक्रोग्रैविटी से आने के बाद पैदल चलने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। अभी बॉडी पर फुल कंट्रोल नहीं आया है।

शुभांशु को डॉक्टर्स फिजियोथेरेपी दे रहे हैं। पिता ने बताया- धीमी रिकवरी हो रही है।

शुभांशु को डॉक्टर्स फिजियोथेरेपी दे रहे हैं। पिता ने बताया- धीमी रिकवरी हो रही है।

पिता बोले- उसके लिए चलना अभी आसान नहीं

पिता शंभु दयाल शुक्ला बताते हैं- धरती पर लौटने के बाद से शुभांशु 3 से 4 घंटे चलने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्हें धीरे-धीरे चलना पड़ता है। उनका शरीर अभी पूरी तरह से रिकवर नहीं हुआ है। थोड़ी देर चलने पर चक्कर आ जाता है। डॉक्टरों ने बताया है कि उन्हें पूरी तरह से सामान्य होने में 8 से 10 दिन लग सकते हैं।

पिता शंभु दयाल शुक्ला ने कहा- अगर वह लखनऊ नहीं आ पाएगा, तो हम मिलने बेंगलुरु जाएंगे।

पिता शंभु दयाल शुक्ला ने कहा- अगर वह लखनऊ नहीं आ पाएगा, तो हम मिलने बेंगलुरु जाएंगे।

मां बोलीं- वह कुछ नहीं बोलता, आंखों में थकावट है मां आशा शुक्ला ने बताया- फोन पर जब बात होती है, तो शुभांशु हमेशा यही कहता है- मैं ठीक हूं, चिंता मत करो, लेकिन हम उसके चेहरे को देखकर समझ जाते हैं कि वह पूरी तरह से ठीक नहीं है।

उसकी थकावट आंखों में दिखती है। शरीर में अब भी कमजोरी है। फिजियोथेरेपी चल रही है। बहुत घबराहट होती है…बहुत मन करता है, उसे गले लगाने का। घर आए तो जो कहेगा, वही बनाकर खिलाऊंगी।

मां आशा शुक्ला ने कहा- अब हमें सिर्फ बेटे का इंतजार है।

मां आशा शुक्ला ने कहा- अब हमें सिर्फ बेटे का इंतजार है।

शुभांशु ने अंतरिक्ष में योग का वीडियो शेयर किया, लिखा-वहां स्थिर रहना मुश्किल

शुभांशु शुक्ला ने शनिवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में योग करते हुए एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। लिखा- शुरुआत में उन्हें माइक्रो ग्रेविटी यानी गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में खुद को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण लगा।

यह वीडियो मिशन के कुछ दिन बाद का है, जब मैंने अंतरिक्ष में अपने शरीर की गतिविधियों पर कुछ हद तक नियंत्रण पा लिया था। मैं बस एक जगह स्थिर रहना चाहता था, लेकिन सफल नहीं हो पाया। अंतरिक्ष में जरा सी हलचल भी आपके शरीर को हिला देती है।

वहां पूरी तरह स्थिर रहना भी एक कला है। यह कुछ वैसा ही है, जैसे भागती दुनिया में मन को स्थिर रखना कठिन हो जाता है। आज कुछ वक्त खुद के लिए निकालें और थोड़ी देर थम जाएं। तेज भागने के लिए कभी-कभी धीमा होना जरूरी होता है।

शुभांशु ने ISS में योग करने का वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।

शुभांशु ने ISS में योग करने का वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।

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अंतरिक्ष में 18 दिन रहकर लौटे लखनऊ के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अब डॉक्टरों की निगरानी में हैं। उन्होंने गुरुवार को तस्वीरें शेयर करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा- अंतरिक्ष से लौटकर अब फिर से चलना सीख रहा हूं। जैसे धरती से अंतरिक्ष में जाने पर कई तरह के बदलाव होते हैं। उसी तरह के बदलाव लौटने के बाद भी होते हैं। (पूरी खबर पढ़िए)

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