Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. Earth has given us a lot, salute it; consider water as god, respect food | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: अन्न का सम्मान, जल को देवता मानना, धरती को प्रणाम करना हमारी सांस्कृतिक विरासत; विचारों में लाएं बदलाव

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हरिद्वार4 घंटे पहले

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हमारी संस्कृति महान है, इसमें प्रकृति की पूजा करने का संदेश दिया गया है। हम प्रकृति के सभी अंगों की पूजा करते हैं। धरती, अंबर, अग्नि, जलवायु, निहारिका, नक्षत्र, सूर्य, चंद्र, जो भी कुछ दिखाई दे रहा है, वह सब प्रकृति के अंग हैं और प्रकृति का हर एक अंग पूजनीय है। हमें अपने बच्चों को प्रकृति का सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए। हम स्वयं भी ये सीख सकते हैं कि धरती ने हमें बहुत कुछ दिया है, प्रकृति को प्रणाम करें। जल को हम देवता मानें, अन्न के प्रति आदर रखें, वृक्षों की रक्षा करें।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए विचारों में परिवर्तन कैसे आ सकता है?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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