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- Avdheshanand Giri Maharaj Life Lesson. Happiness Is Achieved Only When Thoughts Are Good; If You Read Scriptures, Your Thoughts Will Remain Pure
हरिद्वार4 घंटे पहले
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अंत:करण का अर्थ है मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार। इन चारों चीजों में प्रसन्नता, आनंद और उल्लास तभी मिलता है, जब हमारे संकल्प और विचार शुभ हैं। हमारे ग्रंथ इन सभी दिव्यताओं को देते हैं। इसलिए जो व्यक्ति निरंतर ग्रंथों का अध्ययन करते हैं, उनके विचारों में एकता रहती है, विचार पवित्र रहते हैं, बुद्धि सही निर्णय लेती है, वृत्तियां भी अनुकूल रहती हैं, अहंकार खत्म हो जाता है। हम सही तभी हो सकते हैं, जब हमारे पास सही विचार रहें।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे निर्णय कब सही हो सकते हैं?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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