Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. When parents and teachers criticize us, it means they want to improve us | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: जब माता-पिता और गुरु हमारी आलोचना करते हैं तो इसका अर्थ है कि वे हमें सुधारना चाहते हैं


हरिद्वार8 मिनट पहले

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माता-पिता और गुरु को ईश्वर का रूप माना जाता है। इनके लिए आदर, श्रद्धा का भाव रखना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है- मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव। इसका अर्थ है माता-पिता, गुरु और आचार्य ये सब देवताओं के समान हैं। जीवन के विभिन्न पड़ावों पर माता-पिता और गुरु हमारा मार्गदर्शन करते हैं और हमारी कमियों को भी उजागर करते हैं। ये लोग जब हमारी आलोचना करते हैं तो इसका अर्थ है कि वे हममें सुधार चाहते हैं।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए जीवन में सुधार करने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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