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- Avdheshanand Giri Maharaj Life Lesson. Work On Your Nature, Temperament, Speech, Behavior And Thoughts; Keep Your Thoughts Positive
हरिद्वार1 दिन पहले
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हमारे व्यक्तित्व के कई रूप हैं। एक है स्थूल व्यक्तित्व, दूसरा है सूक्ष्म अथवा भावुक व्यक्तित्व। तीसरा है आध्यात्मिक व्यक्तित्व, जहां हम स्वयं हैं। इसलिए तीनों धरातलों पर कार्य करने की आवश्यकता है। अपनी प्रकृति, स्वभाव, वाणी, व्यवहार और विचारों पर थोड़ा काम कीजिए। शुभ विचार रहें, वाणी संयमित रहे, व्यक्तित्व भी अच्छा रहे। आप अपने स्वभाव में लौटेंगे तो अधिक सहज और अनुरागी दिखेंगे।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हम महानता की ओर कैसे बढ़ सकते हैं?
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