Ayodhya. Ramlala will soon get the facility of a grand restaurant | रामलला के भोग के लिए ‘सीता रसोई’ तैयार: देसी घी से पूड़ी-हलवा बनेगा; हर घंटे 50 भक्त ही राजा राम के दर्शन कर पा रहे – Ayodhya News


रामलला के लिए अयोध्या के मंदिर में ‘सीता रसोई’ बनकर तैयार हो गई है। यहां 2 भंडारियों की जिम्मेदारी मिली है कि वो बालक राम के लिए सुबह-शाम का भोग तैयार करें। ट्रस्ट इस पर भी विचार कर रहा है कि यह भोग भक्तों को प्रसाद के रूप में मिल सके। लेकिन, आखिरी फ

.

22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वक्त ही एक रसोई परिसर में बनाई गई थी, लेकिन यह बहुत व्यवस्थित नहीं थी। अब ग्राउंड फ्लोर के साथ मंदिर की दोनों मंजिल बनकर तैयार हो चुकी हैं। 5 जून, 2025 को राजा राम भी पहले फ्लोर पर विराजमान हो चुके हैं। साथ ही 8 और मंदिरों में भी देव विराजमान हो चुके हैं।

ऐसे में देवों के भोग के लिए भी नए सिरे से व्यवस्था की गई है। अब अन्नपूर्णा देवी के मंदिर के करीब नई रसोई बनकर तैयार हुई है। इसमें सुबह, दोपहर और शाम के भोग को तैयार करने की व्यवस्थाएं की गई हैं। यह रसोई पहले से हाईटेक हैं। फ्रिज, मिक्सर के साथ रसोई को सजाया गया है, जिससे मौसम के मुताबिक भोग तैयार हो सके। 15 जुलाई, 2025 से नई रसोई में भोजन बनना शुरू हो जाएगा।

राम की रसोई में 2 मुख्य भंडारी होंगे। उन्हें मदद के लिए 4 सहयोगी भी दिए गए हैं। अब भोग व्यवस्था जानिए-

40 सीढ़ियां चढ़कर होते हैं राजा राम के दर्शन 5 जून के बाद राजा राम अपने दरबार के साथ पहले फ्लोर पर विराजमान हो गए हैं। पहली मंजिल तक जाने के लिए भक्तों को 40 सीढ़ियां चढ़कर ऊपर पहुंचना होता है। ये सीढ़ियां दरबार के उत्तर और दक्षिण दोनों दिशाओं में पहुंचती हैं। यहां रेलिंग लगाने का काम पूरा हो चुका है। इस वक्त सफाई और फिनिशिंग के काम चल रहे हैं।

सीढ़ियों पर सपोर्टिंग पाइप लगाए जा रहे हैं, जिससे लिफ्ट नहीं चलने पर बुजुर्ग ऊपर तक पहुंच सकें। राम मंदिर निर्माण व्यवस्था के प्रभारी गोपाल जी कहते हैं- कंस्ट्रक्शन के चलते अभी लिमिटेड लोगों को ही राजा राम के दर्शन मिल पा रहे हैं। 1 घंटे में सिर्फ 50 भक्त ही दर्शन कर पाते हैं, इसके लिए पास व्यवस्था रखी गई है। जो ऑनलाइन बुकिंग या अयोध्या एडमिनिस्ट्रेशन से जारी होते हैं। इस तरह से एक दिन में 750 भक्तों को दर्शन मिल रहे हैं। इससे पहले राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि राम दरबार के ठीक से दर्शन लिफ्ट का काम पूरा होने के बाद हो सकेगा।

मंदिर की पहली मंजिल पर राजा राम का दरबार विराजमान हो चुका है।

मंदिर की पहली मंजिल पर राजा राम का दरबार विराजमान हो चुका है।

सप्तऋषियों के दर्शन पहले शुरू होंगे 5 जून को ही राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही परकोटे के बीच में बने भगवान सूर्य देव, भगवान शंकर, भगवान गणेश, मां दुर्गा, मां अन्नापूर्णा, हनुमानजी और शेषावतार मंदिर की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।

इससे पहले मंदिर के पश्चिमी हिस्से में बने सप्तमंडलम में भी रामायणकालीन 7 ऋषियों की प्रतिमाएं स्थापित की गई थीं। 13 जून से राजा राम के दर्शन की अनुमति तो दी गई, लेकिन सब लोग दर्शन नहीं कर पा रहे। इसलिए ट्रस्ट ने तेजी से सप्तऋषियों के मंदिर में दर्शन शुरू करवा दिए हैं।

राम मंदिर से बाहर आने वाले रास्ते के दाई तरफ मलबे को हटाया जाने लगा है, जिससे भक्त गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, ऋषि अगस्त, माता शबरी, अहिल्या और निषादराज के दर्शन कर सकें।

अयोध्या में हर दिन 1 से 1.20 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

अयोध्या में हर दिन 1 से 1.20 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

—————————

यह खबर भी पढ़ें :

गाजीपुर में सीधे नदी में बहा रहे लाशें, गंगा और शिव की नगरी में नहाने लायक नहीं पानी, ओझला, अस्सी और वरुणा बनीं नाला

गंगा गंगोत्री से निकल कर बंगाल की खाड़ी में समुद्र में समाती है। ऐसे में सवाल है कि उनका निवास स्थान कहां है? पुराण में खुद मां गंगा इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहती हैं- जहां विंध्य पर्वत से गंगा का मिलन होता है, वहीं पर मैं निवास करती हूं। पढ़िए पूरी खबर…



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top