Bhagwat said- others should get a chance after the age of 75 | भागवत बोले-75 की उम्र के बाद दूसरों को मौका मिले: जब शॉल ओढ़ ली तो किनारे हो जाना चाहिए; PM मोदी इस साल 75 के होंगे

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नागपुरकुछ ही क्षण पहले

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भागवत ने 9 जुलाई को रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में ये बातें कहीं थीं। - Dainik Bhaskar

भागवत ने 9 जुलाई को रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में ये बातें कहीं थीं।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। जब आपको 75 साल पूरे होने पर शॉल ओढ़ाई जाती है तो इसका मतलब होता है कि हमारी उम्र हो चुकी है, अब थोड़ा किनारे हो जाना चाहिए।

भागवत ने ये बातें 9 जुलाई को रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहीं। हालांकि भागवत ने अपने बयान में पीएम मोदी का नाम नहीं लिया लेकिन विपक्ष इसे प्रधानमंत्री से जोड़ रहे हैं। मोदी इस साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे।

शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा- पीएम मोदी ने आडवाणी, मुरली मनोहर, जसवंत सिंह जैसे बड़े नेताओं को जबरन रिटायरमेंट दिला दिया था। अब देखते हैं क्या मोदी इसका खुद पालन करेंगे या नहीं।

मार्च, 2023 में BJP के एक कार्यक्रम में PM मोदी के साथ दीप जलाते मार्गदर्शक मंडल में शामिल वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी। 2019 लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था।

मार्च, 2023 में BJP के एक कार्यक्रम में PM मोदी के साथ दीप जलाते मार्गदर्शक मंडल में शामिल वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी। 2019 लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था।

बीजेपी में राज्य और मंडल स्तर पर उम्र की सीमाएं लागू हैं भाजपा के भीतर एक निश्चित उम्र तक पद पर बने रहने को लेकर कोई आधिकारिक नियम नहीं है। हालांकि, कुछ स्तरों पर उम्र सीमाएं लागू की गई हैं। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़ भाजपा ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35 से 45 साल और जिला अध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 साल की उम्र सीमा निर्धारित की है।

वहीं भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 75 साल से अधिक उम्र के कई वरिष्ठ नेताओं को टिकट नहीं दिया था। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, कलराज मिश्र, जैसे कई नेता शामिल थे।

भाजपा ने 75 साल की उम्र पर कई नेता रिटायर किए 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को रिटायर करने का ट्रेंड शुरू। पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में इससे कम उम्र के नेताओं को ही जगह दी थी।

लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया। 2016 में जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तो उस समय उनकी उम्र भी 75 साल थी। उसी साल नजमा हेपतुल्लाह ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया, जिनकी उम्र 76 साल थी।

2019 लोकसभा चुनाव से पहले तब के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा- 75 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है। यह पार्टी का फैसला है। उस चुनाव में सुमित्रा महाजन और हुकुमदेव नारायण यादव जैसे नेताओं को टिकट नहीं दिया गया।

इसी तरह 2024 लोकसभा चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी का टिकट 75 साल से ज्यादा उम्र की वजह से काट दिया गया।

मोदी पर 75 साल का बैरियर लागू नहीं होगा

लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर खूब बयानबाजी हुई थी। मई, 2024 में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर भाजप लोकसभा चुनाव जीत गई तो मोदी अगले साल तक ही प्रधानमंत्री रहेंगे। PM मोदी ने खुद यह नियम (75 साल की उम्र में रिटायरमेंट) बनाया है।

उसी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मोदी जी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे। मोदी जी आने वाले चुनावों में भी नेतृत्व करेंगे।’

इसी तरह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि भाजपा के संविधान में कहीं भी आयु को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अगले 5 साल के कार्यकाल में मोदी जी देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। मोदी जी हमारे नेता हैं। भविष्य में भी हमारा नेतृत्व करते रहेंगे।

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