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नई दिल्ली19 मिनट पहले
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हेमंत खंडेलवाल बैतूल सीट से विधायक हैं। बीते दिन पांच राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना के अध्यक्ष चुने गए थे।
हेमंत खंडेलवाल बुधवार को मध्य प्रदेश भाजपा के निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए गए। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी घोषणा थी। खंडेलवाल ने सोमवार शाम नामांकन भरा था। उनके अलावा किसी अन्य ने नॉमिनेशन फॉर्म नहीं भरा था
बीते दिन पांच राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना के अध्यक्ष भी निर्विरोध चुने गए थे। हिमाचल में राजीव बिंदल को तीसरी बार कमान दी गई। वहीं, महेंद्र भट्ट दूसरी बार उत्तराखंड अध्यक्ष बने।
महाराष्ट्र में रवींद्र चव्हाण, आंध्रप्रदेश में पीएनवी माधव और तेलंगाना में रामचंदर राव को पहली बार चुना गया है। तेलंगाना में रामचंदर राव को प्रत्याशी बनाए जाने पर विवाद हुआ था। गोशामहल से विधायक टी राजा ने विरोध करते हुए 30 जून को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
नए प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा। भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 50% राज्यों में चुनाव होने के बाद ही हो सकता है।

मध्य प्रदेश भाजपा के निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने हेमंत खंडेलवाल को पार्टी का झंडा सौंपा।
जानिए कौन हैं मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष

मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र से दूसरी बार किसी नेता को प्रदेश भाजपा संगठन के नेतृत्व का मौका मिला है। हेमंत खंडेलवाल (सामान्य) शिवराज के बाद दूसरे नेता हैं। प्रदेश का सीएम बनने से पहले शिवराज सिंह चौहान (ओबीसी) मई 2005 से फरवरी 2006 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे। पूरी खबर पढ़ें…
हिमाचल प्रदेश: राजीव बिंदल तीसरी बार अध्यक्ष बने

डॉ. राजीव बिंदल को तीसरी बार राज्य में पार्टी की कमान मिली है। शिमला के पीटरहॉफ में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनके नाम की घोषणा की। बिंदल सोलन-नाहन विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रहे हैं। वे धूमल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और जयराम सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
उत्तराखंड: महेंद्र भट्ट को लगातार दूसरी बार कमान

भाजपा ने महेंद्र भट्ट को लगातार दूसरी बार राज्य में पार्टी का मुखिया बनाया है। उन्हें अप्रैल, 2024 में राज्यसभा का सांसद भी बनाया गया था। भट्ट चमोली जिले की बद्रीनाथ विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें…
आंध्र प्रदेश: पीवीएन माधव संघ के करीबी

पीवीएन माधव ने 2003 में भाजयुमो से सक्रिय राजनीति की शुरुआत की थी। 2007 से 2010 तक वह भाजयुमो के प्रदेश महासचिव और 2010 से 2013 तक राष्ट्रीय सचिव रहे। बाद में वह विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बने। उन्हें संघ का करीबी माना जाता है। उनके पिता पीवी चलपति राव अविभाजित आंध्र प्रदेश के पहले भाजपा अध्यक्ष थे। चलपति राज्य में पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
तेलंगाना: रामचंदर राव विरोध के बाद भी पार्टी की पंसद

एन रामचंदर राव तेलंगाना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट हैं। वे राज्य विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। राव लंबे समय से पार्टी और संघ से जुड़े हुए है। उन्होंने राजनीति की शुरुआत हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में छात्र नेता के तौर पर की थी।
उस दौरान वे भाजपा की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य थे। प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले राव के पास राज्य में पार्टी के सदस्यता अभियान का जिम्मा था। तेलंगाना में रामचंदर राव को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध भी हुआ। गोशामहल से विधायक टी राजा ने विरोध करते हुए सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र: रवींद्र चव्हाण को पहली बार प्रदेश की जिम्मेदारी

रवींद्र चव्हाण को भाजपा ने पहली बार प्रदेश की जिम्मेदारी दी है। वे डोंबिवली विधानसभा सीट से लगातार चार बार से विधायक हैं। रवींद्र पहली बार 2009 में विधायक बने थे।
चव्हाण एकनाथ शिंदे की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके पास खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का जिम्मा था। बाद में लोक निर्माण विभाग का कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। चव्हाण देवेंद्र फडणवीस के पहले कार्यकाल में चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री रहे थे।
नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में खत्म हो चुका

बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 को खत्म हो चुका है। वह एक्सटेंशन पर हैं। वहीं, वह केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं, इस वजह से भाजपा जल्द नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी में जुटी है।
जेपी नड्डा को 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और जनवरी 2020 में वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे।

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