Budget 2025 Cheaper Costlier | Sasta Mehnga Complete Items List Updated | बजट 2025 – सस्ता-महंगा: इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं


नई दिल्ली10 दिन पहले

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सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची…

अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है।

अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा

दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी

  • 36 लाइफ सेविंग दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम हो जाएगी। इससे उन परिवारों को फायदा होगा जो फाइनेंशियली कमजोर हैं और कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हैं।
  • ओपन सेल और अन्य कंपोनेंट की इम्पोर्ट ड्यूटी घटने से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी। एलईडी टीवी और अन्य उपकरण अफोर्डेबल बनेंगे और ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की पोजिशन मजबूत होगी।
  • बैटरी प्रोडक्शन कॉस्ट को कम करने के लिए सरकार ने 35 एडिशनल गुड्स से कस्टम ड्यूटी घटाई है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सस्ते होंगे और 2030 तक भारत के ऑटोमोबाइल सेल्स में 30% ईवी पेनिट्रेशन के गोल को पूरा करने में मदद मिलेगी।
  • सरकार ने वेट ब्लू लेदर पर कस्टम ड्यूटी इसलिए हटाई है, क्योंकि इससे डोमेस्टिक प्रोसेसिंग के लिए इम्पोर्ट आसान हो जाएगा। वेट ब्लू लेदर का इस्तेमाल जूते, बैग जैसे प्रोडक्ट बनाने के लिए किया जाता है।
  • मरीन इंडस्ट्री में ग्रोथ जारी रखने के लिए सरकार ने शिप मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले रॉ मेटेरियल पर जीरो कस्टम ड्यूटी को अगले 10 साल के लिए बढ़ा दिया है। शिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कंपोनेंट और पार्ट्स पर भी जीरो ड्यूटी है।

बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा…

3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम

सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी।

सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है:

i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है।

ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है।

जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है।

सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।



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