3 घंटे पहले
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आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है। आज घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:15 से रहेगा। इस बार तृतीया तिथि घटने से 8 दिनों की नवरात्रि रहेगी। 6 अप्रैल, रामनवमी को नवरात्रि का आखिरी दिन रहेगा।
हिंदू नववर्ष के साथ शुरू होने के कारण ये साल की पहली नवरात्रि होती है। इस वक्त वसंत ऋतु होने से इसे वासंती नवरात्रि भी कहते हैं।
जानिए नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना क्यों करते हैं और हर दिन की देवियों की पूजा विधि। साथ ही जानिए नवरात्रि में व्रत करने के वैज्ञानिक फायदे












व्रत का विज्ञान: फास्टिंग से सेहत अच्छी रहती है, उम्र बढ़ने की संभावना भी ज्यादा
नवरात्रि एक अच्छा मौका है जब हम अपनी रूटीन खान-पान की आदतों को बदलें और नौ दिन व्रत रखें।
व्रत के दौरान खाना छोड़ने या कम से कम खाना खाने से शरीर को जरूरी ऊर्जा नहीं मिलती। ऐसे में शरीर अपनी सबसे कमजोर कोशिकाओं को खाकर ऊर्जा बनाता है। फास्टिंग से शरीर में अच्छी कोशिकाएं रह जाती है। इससे शरीर स्वस्थ हो जाता है।
इस प्रोसेस को ऑटोफेजी कहते हैं। जापानी साइंटिस्ट योशिनोरी ओशुमी को इस प्रक्रिया के पीछे का विज्ञान और फायदे समझाने के लिए वर्ष 2016 में मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मिला।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग में मार्क मैटसन चूहों पर उपवास के असर पर रिसर्च कर रहे हैं। उनके मुताबिक उपवास में हम अपने शरीर को थोड़ा स्ट्रेस में डालते हैं। ये अच्छा स्ट्रेस होता है। इससे शरीर की कोशिकाएं स्ट्रेस से लड़ने के लिए तैयार होती हैं। शरीर को रिकवर होने का समय देते हुए फास्टिंग की जाए तो इससे शरीर की क्षमता बढ़ती है और उम्र बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।
तीन तरह से रखा जाता है व्रत
इन दिनों सिर्फ खानपान में ही संयम नहीं रखा जाता, बल्कि मन, वचन और कर्म से भी पवित्र रहकर व्रत रखा जाता है। इससे शारीरिक और मानसिक, दोनों सेहत अच्छी रहती है। इन्हें मानसिक, वाचिक और कायिक व्रत कहा जाता है।
मानसिक व्रत में काम, क्रोध, लोभ जैसे विचारों का त्याग करना होता है।
वाचिक व्रत में सिर्फ सच बोलना होता है। साथ ही ऐसी बात नहीं बोलनी होती है जिससे किसी को ठेस पहुंचती हो।
कायिक व्रत में शारीरिक हिंसा से बचते हैं। ऐसा कोई काम नहीं करते जिससे किसी को नुकसान पहुंचे।
फोटो: एआई जनरेटेड