पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस में तैनात करीब 249 कांस्टेबलों की याचिका खारिज कर दी है। ये सभी 2007-08 में भर्ती हुए थे और मांग कर रहे थे कि उन्हें नए कांस्टेबलों के साथ B-1 प्रमोशन टेस्ट में शामिल न किया जाए, क्योंकि उनके पास पहले से काफ
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इन कांस्टेबलों ने पहले केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी अपील पहले ही खारिज की जा चुकी थी। हाईकोर्ट से उन्होंने B-1 टेस्ट पर रोक लगाने या फिर 30 अगस्त 2024 को दिए गए स्टेटस-को आदेश को स्पष्ट करने की अपील की थी।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमीत गोयल की दो जजों की बेंच ने साफ कहा कि CAT एक वैधानिक संस्था है और जब तक उसके फैसले में कोई कानूनी खामी न हो, हाईकोर्ट उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
इस फैसले से अब इन कांस्टेबलों को भी नए भर्ती कर्मचारियों के साथ B-1 टेस्ट में शामिल होना होगा।

हाईकोर्ट चंडीगढ़।
हाईकोर्ट ने ये तर्क दिए:
- सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ता पुराने कर्मचारी हैं, यह कारण नहीं बनता कि उन्हें प्रमोशन टेस्ट से छूट दी जाए।
- यह जरूरी नहीं कि हर याचिका पर हाईकोर्ट दखल दे। जब ट्रिब्यूनल ने कानून के अनुसार फैसला दिया है, तो हाईकोर्ट उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा।
- ट्रिब्यूनल में पहले से ही दो केस लंबित हैं और ट्रिब्यूनल जल्द ही इन पर अंतिम फैसला करेगा।
जानिए क्या था पूरा मामला
- चंडीगढ़ पुलिस के कांस्टेबलों को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोशन के लिए B-1 टेस्ट देना होता है।
- प्रशासन ने 31 मई 2023 और 15 जून 2023 को सर्कुलर निकालकर कहा कि जो कॉन्स्टेबल प्रमोशन चाहते हैं, वे अपनी सहमति दें और B-1 टेस्ट में शामिल हों।
- याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 2021 में प्रमोशन के नियम बदले गए थे, और वे नए नियमों के खिलाफ हैं।
- ट्रिब्यूनल ने उनकी अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद वे हाईकोर्ट गए।