28 मिनट पहले
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सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार मिला, जिसके बाद केरल सरकार ने इसकी कड़ी आलोचना की। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे भारतीय सिनेमा की महान परंपरा का अपमान बताया।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने लिखा, एक ऐसी फिल्म को सम्मान देना, जो केरल की छवि को खराब करने और साम्प्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से गलत बातें दिखाती है, बहुत चिंता की बात है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की जूरी ने एक ऐसी कहानी को मान्यता दे दी है, जो संघ परिवार की बांटने वाली विचारधारा पर आधारित है।
उन्होंने आगे लिखा, केरल एक ऐसा राज्य है जो हमेशा मेल-जोल, शांति और भाईचारे के लिए जाना जाता है। इस फैसले से केरल और वहां के लोगों का अपमान हुआ है। यह सिर्फ मलयालियों की नहीं, बल्कि हर उस इंसान की चिंता है जो लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों में विश्वास करता है। हमें मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

इसके अलावा केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने भी इस मामले में अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने केरल से राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं उर्वशी, विजयराघवन और क्रिस्टो टॉमी को बधाई दी, लेकिन ‘द केरल स्टोरी’ को पुरस्कार दिए जाने के फैसले की आलोचना की।
उन्होंने कहा, नफरत और बेबुनियाद आरोप फैलाने वाली फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को सम्मानित करना, बाकी सभी पुरस्कारों की गरिमा को कम करता है।

2023 में रिलीज हुई थी फिल्म द केरल स्टोरी
बता दें, फिल्म द केरल स्टोरी 2023 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। फिल्म को कथित तौर पर तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और केरल को सांप्रदायिक रंग में दिखाने के लिए व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा था