40 मिनट पहले
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फिल्म ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी’ के मेकर्स सेंसर बोर्ड के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। मेकर्स ने फिल्म को रिलीज करने की मंजूरी देने में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) की ओर से देरी का आरोप लगाया है। मेकर्स सीबीएफसी की ओर से ‘मनमाने’ और ‘अस्पष्ट’ विलंब के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है।
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने सीबीएफसी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। सीबीएफसी की तरफ से वकील नियुक्त करने के लिए समय मांगा गया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस निष्क्रियता को गंभीरता से लेते हुए सीबीएफसी को दो दिन के भीतर अपने वकील के जरिए उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है। साथ ही ये भी कहा कि कानून द्वारा जो निर्धारित समय है, उस समय के भीतर सेंसर सर्टिफिकेट जारी करना जरूरी है। वे अपने इस दायित्व से पीछे नहीं हट सकते। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

फिल्म 1 अगस्त को रिलीज होने वाली है।
याचिका में सीबीएफसी पर मनमानी का आरोप
याचिकाकर्ता सम्राट सिनेमैटिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने फिल्म, इसके टीजर, ट्रेलर और प्रमोशनल सॉन्ग के लिए सर्टिफिकेशन एप्लीकेशन पर कार्रवाई करने में सीबीएफसी द्वारा की गई मनमानी और निष्क्रियता को चुनौती दी है। उनका दावा है कि सारे जरूरी डॉक्यूमेंट्स निर्धारित समय पर सीबीएफसी को सबमिट किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला है कि सीबीएफसी ने यूपी सीएम ऑफिस से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लाने की एक ‘निराधार’ मांग रखी है।
फिल्म को 1 अगस्त 2025 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इसके बावजूद, सीबीएफसी ने कथित तौर पर न तो आवेदनों पर कार्रवाई की और न ही उचित जवाब दिया, जिससे रिलीज पर खतरा मंडरा रहा है।
याचिका में इस बात पर जोर डाला गया है कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 और नव अधिसूचित सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 2024 के तहत, सीबीएफसी को एक निर्धारित वैधानिक समय-सीमा के भीतर प्रमाणन आवेदनों पर कार्रवाई करना अनिवार्य है। हालांकि, बोर्ड पूर्ण प्रक्रियात्मक और कानूनी अनुपालन के बाद भी याचिकाकर्ता के आवेदनों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है, जिससे उसके वैधानिक दायित्वों का उल्लंघन हुआ है।
बुक पर आधारित है फिल्म
बता दें कि यह फिल्म शांतुन गुप्ता की बुक ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ से प्रेरित है। जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में योगी आदित्यनाथ के बचपन से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक के संघर्षों को दिखाया जाएगा। फिल्म में ड्रामा, इमोशन, एक्शन और बलिदान का शानदार मिश्रण होगा। यह बायोपिक दर्शकों को राजनीति, धर्म और समाज के बदलते समीकरणों से भी परिचित कराएगी।