धर्मशाला स्थित दलाई लामा लाइब्रेरी एंड आर्काइव में बुधवार को 15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन में दलाई लामा का वीडियो संदेश सुनाया गया।
हिमाचल के धर्मशाला में बुधवार को शुरू हुए 15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन के मौके पर दलाई लामा की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि दलाई लामा की संस्था भविष्य में भी जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी क्लियर किया कि उनके देहांत के बाद उनके उत्तराधिकारी का
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तिब्बत और बौद्ध धर्म में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए दलाई लामा ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके उत्तराधिकारी के चयन में चीन की कोई भूमिका नहीं होगी। अगर चीन ऐसा करने की कोशिश भी करता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि धर्मशाला स्थित दलाई लामा लाइब्रेरी एंड आर्काइव में 3 दिवसीय धार्मिक सम्मेलन शुरू हुआ है, जिसमें तिब्बती बौद्ध धर्म की विभिन्न परंपराओं के प्रमुख लामाओं, तिब्बती संसद, सिविल सोसाइटी, संगठनों और दुनिया भर से आए तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन में दलाई लामा के वीडियो संदेश को सुनते हुए।
गादेन फोडंग ट्रस्ट को सौंपी जिम्मेदारी 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने वीडियो संदेश के माध्यम से बताया कि उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के चयन की जिम्मेदारी ‘गादेन फोडंग ट्रस्ट’ को सौंपी है। उन्होंने दोहराया कि अगले दलाई लामा की पहचान और मान्यता की पूरी प्रक्रिया का अधिकार केवल ट्रस्ट को है। कोई अन्य व्यक्ति, संगठन या सरकार इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
चीन भी नहीं कर सकता नियुक्ति दलाई लामा ने कहा कि ट्रस्ट के अलावा कोई और अगले दलाई लामा की नियुक्ति नहीं कर सकता है। इस घोषणा ने उन चर्चाओं पर विराम लगा दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि चीन मौजूदा दलाई लामा की मौत के बाद खुद 15वें दलाई लामा की नियुक्ति कर देगा।
दलाई लामा ने अपने वीडियो संदेश में कहा- 1969 में ही हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि संस्था को जारी रखने का निर्णय संबंधित लोगों को करना चाहिए। पिछले 14 वर्षों में हमें दुनिया भर से, विशेषकर तिब्बत से, संस्था को जारी रखने के आग्रह मिले हैं।
उन्होंने कहा कि 24 सितंबर 2011 को भी उन्होंने कहा था कि जब वह 90 वर्ष के आसपास हो जाएंगे, तब इस विषय पर निर्णय लेंगे।

सम्मेलन में तिब्बती बौद्ध धर्म की विभिन्न परंपराओं के प्रमुख लामाओं, तिब्बती संसद, सिविल सोसाइटी, संगठनों और दुनिया भर से आए तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पुनर्जन्म की मान्यता पर स्पष्टता
दलाई लामा ने दोहराया कि उनके पुनर्जन्म की मान्यता की प्रक्रिया केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा ही संचालित की जाएगी। यह संस्था विभिन्न बौद्ध परंपराओं के प्रमुखों से परामर्श करेगी। पारंपरिक और आध्यात्मिक प्रक्रियाओं का पालन करेगी। किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को अमान्य मानेगी।
उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि “गादेन फोडरंग ट्रस्ट को ही भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है, किसी अन्य को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।”