12 मिनट पहलेलेखक: प्रांशू सिंह
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अक्सर लोग अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई फूलों से या बंदूक की सलामी से देते हैं। लेकिन एक शख्स ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में हेलिकॉप्टर से पैसों की बारिश करा दी।
उधर गुजरात में 26 साल से 12वीं में फेल हो रहे एक PHD होल्डर, फिर एग्जाम देने की तैयारी कर रहे हैं।
ऐसी ही कुछ रोचक खबरें जो बीते दिन दुनिया में चर्चा में रहीं। आइए जानते हैं…


अमेरिका के डेट्राइट में एक शख्स ने पिता के अंतिम संस्कार पर हेलिकॉप्टर से फूल और पैसों की बारिश करा दी। इस दौरान गुलाब की पंखुड़ियों के साथ-साथ पूरे 4 लाख 17 हजार रुपए बरसाए। आसमान से बरसते नोटों को लपकने के लिए लोगों की खूब भीड़ उमड़ पड़ी। ये सब डैरेल थॉमस नाम के एक शख्स की अंतिम विदाई के मौके पर किया गया।
शख्स ने बताया कि उनके पिता थॉमस वह हमेशा लोगों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे। वे सिर्फ सफल बिजनेसमैन नहीं, बल्कि एक बड़े दानवीर भी थे। ऐसा करना थॉमस के प्यार का आखिरी इजहार था। यह उनकी आखिरी ख्वाहिश थी, जिसे मैंने पूरा किया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को फूलों की बारिश के बारे में तो पहले बताया गया था। लेकिन पैसों के गिराए जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। हालांकि डेट्राइट पुलिस ने साफ किया है कि वे इस मामले में कोई जांच नहीं कर रहे हैं। लेकिन FAA (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) ने हेलिकॉप्टर उड़ान और पैसे गिराने की घटना की जांच शुरू कर दी है।


अक्सर हम सोचते हैं कि जो पढ़ाई में अच्छा नहीं, वो जिंदगी में भी कुछ खास नहीं कर पाएगा। गुजरात के सूरत में रहने वाले नील देसाई, जो 12वीं की परीक्षा में 26 बार फेल हो चुके हैं। लेकिन फिर भी डॉक्ट्रेट (PHD) की डिग्री हासिल की और अब बिना किसी राजनीतिक बैकग्राउंड के 80% वोटों से पंचायत चुनाव जीतकर सरपंच बन गए हैं। 2026 में नील 27वीं बार 12वीं की परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं।
52 साल के नील ने 1989 में 10वीं की परीक्षा पास की। इंजीनियर बनने के लिए साइंस स्ट्रीम चुनी, लेकिन 1991 में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए। दो बार फेल होने के बाद, उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने 10वीं के रिजल्ट के आधार पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया। 1996 में इसे पूरा किया। डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने अपना इलेक्ट्रिकल बिजनेस शुरू किया। तभी से साथ-साथ 12वीं की परीक्षा भी देते रहे, लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है।

12वीं में फेल होकर भी हासिल की ‘पीएचडी’ की डिग्री यहां एक बड़ा ‘ट्विस्ट’ है! 2005 में, गुजरात सरकार ने नियमों में बदलाव किया, जिससे डिप्लोमा धारकों को सीधे डिग्री कोर्स में दाखिला लेने की अनुमति मिल गई। बस फिर क्या था, नील देसाई ने वीर नर्मदा दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के तहत वीएस पटेल कॉलेज में केमिस्ट्री में बीएससी और एमएससी पूरी की। और फिर 2018 में उका-तरसाडिया विश्वविद्यालय से पीएचडी (डॉक्ट्रेट) में दाखिला लिया और उसे पूरा भी किया।


भारतीय समाज के इतिहास में महिलाओं के राज करने के कई किस्से हैं। लेकिन अब विदेश धरती तुर्की के वैज्ञानिकों का दावा है कि 9 हजार साल पहले वहां भी महिलाएं राज करती थीं। तुर्की के सदर्न अनातोलिया में 130 से ज्यादा कंकालों के पुराने जीन निकाले गए हैं।
इनकी जेनेटिक सीक्वेंसिंग में पाया गया कि शादी के बाद पुरुष महिलाओं के घर में रहा करते थे। ज्यादातर जिंस महिलाओं के परिवार से मिले, वहीं पुरुष अपना परिवार छोड़कर ससुराल आया करते थे। वहीं खुदाई में महिला मूर्तियां मिली, जिन्हें मातृ देवी (Mother Goddess) के रूप में देखा जाता है। ये एक मातृसत्तात्मक समाज के संकेत देती है।


आपने अरबपतियों के बड़े-बड़े घर और कंपनियों के बारे में सुना होगा, लेकिन एक भारतीय मूल के बिजनेसमैन बालाजी श्रीनिवासन ने सिंगापुर के पास एक पूरा आइलैंड ही खरीदा और उसे ‘द नेटवर्क स्कूल’ नाम दिया है। यहां से वह ‘स्टार्टअप फाउंडर्स और जिम जाने वालों’ के लिए एक देश चला रहे हैं। यहां टेक्निकल फील्ड से जुड़े लोग 3 महीने और सालाना प्रोग्राम के लिए आते हैं।
इस प्रोग्राम में रहने की जगह के साथ-साथ जिम, सुपरफास्ट वाई-फाई, बड़े टेक लीडर्स से बातचीत की सुविधा प्रोवाइड करवाई जाती है। हाल ही में इस स्कूल से पास आउट निक पीटरसन ने यहां की झलक दिखाई है। श्रीनिवासन के इस स्कूल के डिमांड धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। अब तक 80 देशों से 4000 एप्लीकेशंस आ चुके हैं।


डिज्नी ड्रीम क्रूज शिप की चौथी मंजिल से एक छोटी बच्ची समुद्र में गिर गई। उसे बचाने के लिए पिता ने बिना सोचे-समझे गहरे पानी में छलांग लगा दी। यात्रियों ने बताया कि लड़की रेलिंग के पास अपने पिता के साथ तस्वीर ले रही थी, तभी वह अचानक नीचे गिर गई।
जैसे ही बच्ची गिरी, शिप के क्रू ने तुरंत मैन ओवरबोर्ड का अलर्ट जारी किया। कैप्टन ने शिप की स्पीड कम की और उसे बच्ची के नजदीक तक ले गए, ताकि रेस्क्यू में मदद मिल सके। क्रू मेंबर्स ने तुरंत लाइफ सेवर पानी में फेंके। करीब 10 मिनट से ज्यादा समय तक समुद्र में जूझने के बाद, क्रू ने उन्हें सुरक्षित बचा लिया।
बच्ची को बचाने वाले पिता को लोग अब रियल हीरो बता रहे हैं। इस क्रूज पर 4,000 लोग सवार थे और इसमें डेक पर सुरक्षा बैरियर भी लगे हुए हैं।
तो ये थी आज की रोचक खबरें, कल फिर मिलेंगे कुछ और दिलचस्प और हटकर खबरों के साथ…
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