Dispute Between Takht Patna Sahib Vs Akal Takht Sahib ; Ends After Meeting | Amritsar | अकाल तख्त साहिब-तख्त पटना साहिब के बीच विवाद खत्म: सुखबीर बादल को आरोपों से किया मुक्त; पंथिक एकता को बताया समय की जरूरत – Amritsar News


जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज मीडिया से बातचीत करते हुए।

तख्त श्री पटना साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब के बीच वर्षों से चल रहा विवाद अब समाप्त हो गया है। दोनों तख्तों के पांचों सिंह साहिबानों ने आपसी सहमति से एक-दूसरे के खिलाफ पूर्व में जारी सभी हुक्मनामों को रद्द कर दिया है। यह निर्णय सिख पंथ में एकता, गरि

.

पटना साहिब प्रबंधक कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को पत्र लिखकर क्षमा याचना की और श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। पटना साहिब द्वारा ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर के खिलाफ अदालत में दायर केस वापस लेने और उन्हें उनके बनते धार्मिक अधिकार देने के भी आदेश जारी किए गए।

अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल।

अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल।

सुखबीर बादल के लिए राहत

तख्त श्री पटना साहिब से तनखैया घोषित किए गए ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज, बाबा टेक सिंह धनौला और शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया। दूसरी ओर, श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखैया घोषित पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के सदस्यों को भी माफ किया गया, और उन्हें माफीनामा भेजा गया।

बैठक में हुए फैसले

जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब पर आज 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें 21 मई 2025 और 5 जुलाई 2025 को पारित पूर्व प्रस्तावों पर पुनर्विचार कर उन्हें संशोधित किया गया।

इसी तरह, तख्त श्री पटना साहिब के 5 प्यारे सिंह साहिबानों ने भी आज बैठक कर श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को स्वीकार किया और अतीत में पारित किए गए प्रस्तावों को लिखित रूप में वापस ले लिया, जिसकी जानकारी सचिवालय में भेज दी गई है।

पंथिक एकता को बताया समय की जरूरत

जत्थेदार गड़गज ने कहा कि “वर्तमान समय सिख शक्ति को एकजुट करने का है और यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि अब यह विवाद पंथिक भावना और आपसी सहयोग से समाप्त हो गया है।”

निहंग जत्थेबंदी बुढ्ढा दल के मुखी बाबा बलबीर सिंह ने इस ऐतिहासिक पहल का स्वागत करते हुए कहा- “यह केवल 2 तख्तों के बीच विवाद का अंत नहीं है, बल्कि इससे पूरे सिख पंथ को राहत मिली है और तख्त साहिबानों की गरिमा को आघात पहुंचने से बचाया गया है।”



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top